Tuesday, November 15, 2016

मोदी की काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक से भाजपा का वोट बैंक का नुकसान होगा ????????????????


आज कल राजनितिक गलियारों में भाजपा का राजनीतिक दुश्मन बड़े अट्टहास लगा रहा है की मोदी के काले धन को ख़त्म करने के लिए ५०० और १००० के नोटों पर प्रतिबंध लगाने से उसका वोट बैंक प्रभावित होगा। और बड़े मजे से मोदी के प्रशंसको को "भक्त" बोल कर मजे लिए जा रहे है।  अरे नीरे बुद्धू ऐसा नहीं होगा। ख्याली पुलाव और भ्रम दोनों का क्षणिक मजा मुर्ख लोग ले सकते यह उनका हक़ है। 
आज दो बातो पर विचार करेंगे एक क्या वास्तव में भाजपा के वोट बैंक पर फर्क पड़ेगा और दूसरा यह तथाकथित "भक्त" का क्या होगा। 
प्रथम भाजपा का वोट बैंक - ऐसा अमूमन माना गया है की भाजपा का वोट बैंक बनिए , कुछ एक पिछड़ी जाति , भूमिहार, शहरी वर्ग, ब्राह्मण का एक वर्ग, नेता संबधित जाट और राजपूत वोट, अन्य वर्ग जो हिन्दू भावनाओ से परिचित है।  यह एक मोटा सा अनुमान है परंतु सत्य नहीं फिर भी तथाकथित इस सत्य को मान भी ले तो काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक से क्या वास्तव में भाजपा को नुकसान होगा जैसे की कुछ लोग मोदी जी के ट्विटर अकाउंट पर फॉलोवर काम होने से अनुमान लगा रहे है। 
यदि ट्विटर अकॉउंट को पैमाना मान ले तो यह एक दम असत्य है की मोदी प्रसंशक कम हुए है क्योंकि जो लोग मोदी जी की आलोचना करना चाहते है वो भी फॉलोवर बनते है और निश्चित रूप से उनके ट्विटर से हटने का मतलब कदापि यह नहीं की मोदी के प्रशंसक कम हो गए। 
दूसरा क्या हम यह मानते है की सारे बनिया काला धन रखते है ? यह बात भी गलत है हर वर्ग जाति में अच्छे और बुरे लोग होते है अतः बनियो में भी हो तो कोई पहाड़ नहीं टूट गया।  दूसरा जब पैसे कमाने के लिए सरकारे ही भ्रष्ट व्यवस्था बनाए रखना चाहती है जैसे की प्रोपेर्टी में तो व्यवस्था से हट कर तो कोई काम नहीं कर पायेगा।  हर एक आदमी पारदर्शी रूप से नियमो के हिसाब से काम करना चाहता है परंतु अवसर न होने के कारण लोग करते है या थे तो उनको सब को कटघरे में खड़ा करना कहाँ तक उचित होगा ????
तीसरा यदि मान भी ले की बनिया का एक वर्ग असहमत है मोदी के इस निर्णय से तो गरीब , मजदुर, किसान जो जबरदस्ती कोंग्रेस या समाजवादी या वामपंथियो या अन्य की मज़बूरी में बपौती बना हुआ था वो मोदी एवं भाजपा से अब जुड़ जायेगा।  
मोदी जी इंदिरा गाँधी वाले वोट बैंक पर नजर रखे है अतः यदि वो वोट बैंक उनको मिल गया जिसका का प्रयास किया जा रहा है तो फिर भाजपा की चिंता कुछ भी नहीं है।  बांग्लादेश बना कर इंदरा जी ने एक वोट बैंक बनाया जो मोदी जी ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर अपने साथ जोड़ लिया , दूसरा इंदरा  जी ने बैंको का राष्ट्रीयकरण कर और गरीबी हटाओ का नारा देकर वोट बैंक अपने साथ लिया वो मोदी जी के काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर के ५०० और १००० के नॉट को बंद करके अपना मुरीद बना लिया।  
मूडीज और अन्य वैश्विक एजेंसीज की ख़राब रेटिंग से आर्थिक सुधार लाकर अपना मुरीद बना लिया जिस से विदेशी निवेश आएगा और माध्यम वर्ग के शहरी लोगो को नौकरी और स्टार्ट अप के लिए पढेलिखे नौजवानों को पूंजी मिलेगी।  तो माध्यम वर्ग भी मोदी जी के साथ रहेगा। 

माध्यम वर्ग यदि प्रोपेर्टी के बेनामी सम्पति की आफत और निम्न माध्यम वर्ग महँगी प्रोपट्री के होने की समस्या से छुटकारा पायेगा तो वो भी मोदी से जुड़ेगा।  

और यदि हिन्दू भावनाओ की बात भी माने तो लोग जानते है की किन लोगो के बैंक में अकॉउंट नहीं है और किनके पास नकली करंसी होती है उनकी लंबी लंबी बैंको में लाइन देख कर उनका कालेज अलग से पसीज रहा है तो वो भी मोदी के निर्णय पर अंदर ही अंदर मुस्करा रहे है। 

घरो में काम करने वाली बाई , सोसाइटी में गार्ड , दुकानों में काम करने वाले लड़के , मोल में पोछा लगाते कर्मचारी , बंगलो में पेड़ो में पानी देते माली , लालाओं के ड्राइवर , साहब लोगो की जी हजूरी वाले , मंत्री जी और विधायको के बाल काटते नाइ , अफसरों के कपडे स्त्री करते धोबी, कुरियर में काम करते लौंडे , पार्लर में कार्यरत मोटी आंटी के फैशल करती गरीब कर्मी , सेठो के नोटों को जमा कराते मुंशी जी , नेताओ के नारे लगाते भीड़ , कलाकारों का मेकअप करते बेचारे , होटलो में काम करते छोटू , स्टेशन पर चाय बेचते बंटी  और अन्य गरीब अपने को आज गर्वित महसूस कर रहे है।  जिस मोदी ने बड़े बड़े अकड़े खान की कमीज की कड़क कम कर दी क्या उनकी कमीज की कम होती कड़कता का इन उप्रोलिखित लोगो की मंद मंद मुस्कराठ में नहीं दिखती।  इन लोगो का पसीजता दिल चुनाव में बंद कमरो में गोपनीय मतदान भाजपा की झोली वोट से नहीं भर देगा। 

और यदि कुछ काले धन के संग्रक्षाको का वोट आपियो को चला भी जाता है तो फिर ढोते रहो इस धनपशु लोगो को।  मर्जी आपकी है। 

अब आते है उन अट्टहासों पर जो मोदी भक्तो पर लगाई जाती है।  देश पर कुर्बान होने से कल्लू लोगो की फब्तियां तो कोई बुरी नहीं।  देश काले धन से डूब कर मर जाये और फिर क्रांति कर फांसी पर चढ़ा जाये उसे से तो इटालियन टशन और कल्लू राम की फब्तियां क्या बुरी है। भक्त प्रह्लाद , विभीषण , मीरा , गुर  तेक बहादुर, कालिदास , मतिदास , हकीकत राय, हेडगेवार जी , महात्मा गाँधी, मार्टिन लूथर, अब्राहम लिंकन सभी ने तो फब्तियां सही थी।  तो खाली पिली सोशल मीडिया के युग में दोयम दर्जे की फर्जी वीडियो या कुछ एक फ्रसट्रेटेड नेताओ की ट्विटर ही तो झेलने है  तो क्या बुरा है। 

काले धन पर मोदी की चोट और दूसरी और यह फायदे कोई घाटे का सौदा तो है नहीं।  

श्वान प्रेमी भौकते रहे क्या फर्क पड़ता है। ..... खैर मजा तो आ ही रहा है। ..... मोदी जी आप भी नाहक परेशान न हो। ........ बस योग करो और ध्यान लगाओ। ...... मस्त रहो। 

भारत माता की जय  

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