Thursday, October 17, 2013

नरेन्द्र मोदी के बाद क्या ????????


देश में श्री नरेन्द्र मोदी आज एक ध्रुव तारे की तरह चमक रहे है और भगवान् करे उनकी महत्वकांक्षा से देश का उद्दार हो। कांग्रेस और गाँधी परिवार को जो बात समझ में नहीं आ रही वो है की देश तेजी से बदल रहा है। कांग्रेस में और वाम दलों में यह ही एक बात कोमन है की दोनों ही देश की बदलती तस्वीर को समझ नहीं रहे है और घिसी पीटी परम्परा को भारत देश की जनता के गले में बाँधने का भरसक प्रयास ही कर रहे है। न तो वाम दलो का समाजवाद देश में उत्साह पैदा कर सकता और न ही कांग्रेस की गोरी चमड़ी का आकर्षण देश को भ्रमित कर सकता। जब तक गाडी चल रही है बस चल रही है। कांग्रेस ने भी मध्यप्रदेश में युवा को मैदान में उतार कर मोदी की पद चिन्हों पर चलने की तरफ कदम बढया है देखना यह है की एक तरफ़ा कार्यवाही का जनता क्या जवाब देती है। 

दूसरा राहुल गाँधी ने भी देश में अपनी आक्रामक छवि बनाने की एक झलक दिखलाई है भले ही वो बचकाना हो परन्तु बताने की कौशिश हो रही है की खून उनमे भी गरम है। 

मोदी जी पर विस्तार से बाद में आएंगे पहेले कुछ मूलभूत  तत्वों पर आते है। जैसे भाजपा अपनी विचारधारा हिंदुत्व से दूर जाएगी तो नुक्सान उठायगी जो पिछले दस साल में हमने देखा है उसी प्रकार यदि कांग्रस भी भाजपा की तरह दिखेगी तो वो अपना ही जनाधार गवाएगी। बिजिनेस मेनेजमेंट की द्रष्टि से बोले तो अपनी यू एस पी  से जो भी भटकेगा वो दुर्गति को प्राप्त होगा। 

धोखा देना तो कांग्रेस के चरित्र में है हाल में जो शिकार हुए ही वो लल्लू यादव जी है, यह ही वो शख्स था जिसने सोनिया गाँधी को भारतीय राजनीति में स्थान दिलाने का प्रथम प्रयास किया था। 

अच्छा फिर सोनिया गाँधी ने तो हिन्दू समाज को भी धोखा दिया है। जो हिन्दू बहु बनके कुम्भ नहाती थी और बड़े बड़े कलेवा और टिका लगाती थी उसने सत्ता आने के बाद हिन्दुओ को ठिकाने लगाने का पूरा प्रयास किया। तो धोखा तो कांग्रेस की नसल में, हाँ यदि राहुल गाँधी को अपने दिमाग से सोचने दिया जाता तो शायद वो भी देश का कुछ भला करता परन्तु एक खूंटे से बंधा आदमी तो डरा डरा सा ही व्यवहार करता है न, क्यूंकि एक्टिंग करना और नैसर्गिक व्यवहार करना दोनों में  अंतर है. कांग्रेस ने अपने गठबंधन साथियों को धोखा दिया, अपने प्रिये वाम दलों को धोखा दिया, अपने उद्दोगपति दोस्तों को धोखा दिया , उन पर ऍफ़ आई आर तक करा डाली, और भी दोस्त है  ममता, करुन निधि, शरद यादव, मुलायम यादव और न जाने कितने लोग, सबको धोखा दिया। नहीं धोखा दिया तो पक्के गाँधी परिवार के चमचे और चाटुकार थे जिनको  गाँधी परिवार ने बार बार पद प्रतिष्ठा और पैसा दिया। बाकी सब ठन ठन गोपाल।

भारत देश अपने को चीन, पाकिस्तान से पिटता नहीं देख सकता, आज का भारत अपने ऊपर अमेरिका की दादागिरी बर्दाश्त नहीं कर सकता की जो ओबामा कल तक भारत से नौकरी मांग रहा था वो आज देश के प्रधानमंत्री को एक मिनट मुलाक़ात का भी समय नहीं दे रहा। अमेरिका से सहयोग करो सब भारतीय चाहते है, चीन से बात करो कोई दिक्कत नहीं, पकिस्तान से भी बात करो कोई बात नहीं। पर भारत के प्रधानमंत्री को कोई "देहाती औरत " कहे यह बर्दाश्त नहीं। देश का परधानमंत्री कोई हो वो कांग्रेसी हो या अन्य फर्क नहीं पड़ता पर वो कभी भी अनादर का पात्र नहीं हो सकता खासकर देश के बहार वालो के लिए। ऊपर से कार्टून टाइप के मंत्री जी देश को भी प्रवचन देते है की "देहाती औरते नरेन्द्र मोदी को पसंद नहीं क्या ?" इस प्रकार की उलजलूल बात करके देश को अपमानित करना और वापस उनके जख्मो पर नमक रगड़ना। कांग्रेस को भारी नहीं बहुत भारी पड़ेगा। एक तरफ बिरला जी पर ऍफ़ आई आर और दूसरी ही और से मंत्री जी द्वारा आलोचना करना, एक तरफ राम देव जी को लेने चार चार मंत्री का भेजना और दूसरी और उनको छेतना। एक तरफ दशहरा पर सोनिया / मनमोहन / राहुल गाँधी द्वारा रामलीला मैदान पर रावण को तीर मार कर जलाने का ढोंग और दूसरी और हिन्दुओ को आतंकवादी बताना। साथ साथ नहीं चल सकता। एक तरफ माओ वादियो के मित्रो को उच्च पद देना और दूसरी और उनके विरुद्ध कार्यवाही करना, एक तरफ मुल्सिम लीग के सहयोग से सरकार बनाना और दूसरी और धर्मनिरपेक्षता की बांग देना, एक तरफ काला धन जमा करना और दूसरी और १ ० ०  दिन में उसे वापस लेन के एलान करना। यह विरोधाभास नहीं चल सकता। देश सब देख रहा है और दस साल से यह नौटंकी देख रहा है। इन्ही वाम दलों  से गले में हाथ डाल के केंद्र में सरकार चलाना और दूसरी और उनके ही बंगाल में उनके विरुद्ध लड़ना। अरे यह बारह मन की धोब्बन कांग्रेस कब तक करती। इसी प्रकार एक तरफ सोनिया गाँधी की नौटंकी मनमोहन सिंह को जरुरत से  ज्यादा अदब दिखाना (खाली टीवी पर ) और फिर उसकी रोज रोज बेज्जती करना, हद तो जब हो गई जब राहुल गाँधी ने सारी मर्यादा तोड़ते हुए देश के प्रधान मंत्री को बकवास बता दिया, ध्यान दे की देश के प्रधान मंत्री जो वर्तमान में है उनको यह "बकवास" शब्दों से ओन रिकोर्ड नवाजा गया। छोड़ दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव की बात की उनके साथ इस गाँधी परिवार ने क्या सलूक किया , भूल जाओ अपने अध्यक्ष सीता राम केसरी के साथ क्या किया। सोनिया गाँधी को "मौत का सौदागर " के बयान का पता है न क्या हुआ। तो जान ले की कांग्रेस पंजाब में किस मुह से मनमोहन सिंह के अपमान के बाद वोट मांगे गी। लोग तो नरेद्र मोदी की भी आलोचना करने से नहीं डरते की एक इतने बड़े व्यक्तित्व का व्यक्ति हो कर भी "किसी की गर्लफ्रेंड" के बारे कैसे कर सकता है। बस फर्क इतना है की मोदी की बात समझ में आगई और सोनिया और राहुल गाँधी अंधे हो कर अपने अहंकार में दौड़ रह है। अरे तुमने हूँ हिन्दुओ को आतंकवादी बताया जिनकी वोटो पर तुम राज  करते हो। यह दोहरा चरित्र पूरी कांग्रेस को ले डूबेगा।  

अब कुछ कुछ वैसा ही यह कांग्रेस प्रियंका गाँधी के साथ कर रहे है, क्या प्रियंका ने कोई कसर छोड़ रखी है अभी राजनीति में आने के लिए, क्या क्या वो नहीं करती, क्या लोगो को पता नहीं की पिछले उत्तर प्रदेश के चुनावो में प्रियंका ने कोई कसर छोड़ी थी और इनके अथक प्रयास से कितनी सीट  कांग्रेस को मिली। कांग्रेस आर एस एस की नक़ल न करे क्यूंकि आर एस एस को देश की नब्ज का पता है और कांग्रेस हवा में लटकी है। कांग्रेस प्रियंका को पर्दे में रख हवा बनाना चाहती है जैसे की मोदी की है परन्तु कांग्रेस को पता नहीं की काठ की हांड़ी दुबारा नहीं चढ़ती और वो तो तीसरी बार चढ़ाना चाहती है। वैसे तो मुख्यधारा की मीडिया को थोडा थोडा समझ में आ रहा है केवल एन डी टीवी और राजदीप को छोड़ कर की देश किस तरफ जा रहा है, मीडिया का एजेंडा सोशल मीडिया गड रही है वो तो बस उसको फोलो कर रही है। 

अब आते है श्री नरेन्द्र भाई मोदी पर। कुछ लोग कहे रहे है की मोदी जी में एसा क्या है जो लहर नहीं आंधी चल रही है भाजपा के पक्ष में.  केंद्र सरकार अभी कम से कम ६ महीने तो है ही पर सरकार सरकार नहीं लग रही बल्कि मोदी जो कहे वो सरकारी ज्यादा लग रहा है। कांग्रेस वाले २ साल बाद आज मोदी की सोशल मीडिया पर देश को ज्ञान बाँट रहे है। अरे भैये मंत्री लोगो आप मोदी से कुल २ साल पीछे चल रहे हो। चुनाव तो बहुत दूर की बात है आप तो आज की डेट में रैली नहीं करने की औकात नहीं है। असल में कांग्रेस ने सब कुछ करने की कौशिश की परन्तु जो सबसे बड़ा पाप कांग्रेस ने किया वो देश की आत्मा हिंदुत्व के मर्म को आहात किया दूसरा देश को दुनिया में कमजोर रूप में प्रस्तुत किया। यह ही बस कांग्रेस का पाप है। पहेले पाप में हिन्दू घायल है और दुसरे में सभी भारतीय, तो बचा क्या फिर। मोदी जी ने देश को सबसे बुरे समय में होंसला दिया, लोगो को जबान दी, डरने न देने का साहस दिया, लोगो को सांत्वना दि, देश को राहुल गाँधी के मूर्खताओ के सामने समझदारी का प्रदर्शन किया, जो गाँधी परिवार (संजय और राजीव की नसल ) अपने को एक न रख सका उधर मोदी ने पुरे हिन्दू परवार को एक जुट कर दिया, जो लोग अपने घर को एक नहीं रख सके वो देश को क्या खाक एक रखेंगे। जिस गाँधी परिवार ने धर्मनिरपेक्षता की अजान दी उसके दस साल के दौर में देश में तीन सौ से ज्यादा हिन्दू मुस्लिम दंगे हुए और उधर जिस मोदी को मुस्लिम नरसंहार का राक्षश बताया गया / मौत का सौदागर बताया उसने पिछले दस साल में एक भी मौत नहीं होने दी और विकास की गंगा बहा कर हिन्दू और मुस्लिम दोनों का उद्दार किया। कांग्रेस के उकसाने से मुस्लिम दंगाईओ ने असाम / हैदराबाद / मुम्बई की शहीद स्मारक को दहशत में लाये हिंसा का नंगा नाच किया  उसी मोदी की हिन्दुओ ने देश के  किसी  व्यक्ति पर आंच आने नहीं दी। आज कांग्रेस के उसी "मौत के सौदागर " की मुस्लिम बंधू अगवाई कर रहे है। श्री मदनी जैसे मुस्लिम विद्द्वान पलक पावडे बिछा रहे है। दूसरी और कांग्रेस और गाँधी परिवार है जो देश को आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक प्रदूषण में झोंक रहा है।  
    
देश ने कांग्रेस को समर्थन देश को लुटेरो के हाथो सौपने के लिए नहीं किया था और इस का जितना जिम्मा गाँधी परिवार और कांग्रेस का है उतना ही श्री मनमोहन सिंह का भी है। देश की आने वाली नसले पूछेंगी की देश को पचास साल पीछे क्यूँ धकेला ?

परन्तु परन्तु एक बात जो मोदी को कम राष्ट्र्ये स्वयं सेवक संघ को समझनी है वो है की मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या। माना की श्री नरेन्द्र भाई मोदी की अपील है देश भर में परन्तु संघ का चेहरा ही लोग मानते है मोदी को। संघ को बहुत अच्छे से सोचना होगा की "वादे" के कारोबार अर्थात देश से वचन करने की बात तो कर रहे हो। परन्तु यदि वादे पुरे नहीं होते तो क्या होगा। लोग भाजपा को उसके काशी - मथुरा - अयोध्या के वादे को आज भी नहीं भूले, भले ही संघ अडवानी जी को पीछे रख लोगो को भ्रम का आभास दे और हो सकता है बेनिफिट ऑफ़ डाउट भी दे संघ की देश के प्रति निष्ठा और समर्पण के लिए, परन्तु यदि नरेन्द्र भाई मोदी के साथ विश्वासघात हुआ या उन्होंने अपने वादे पुरे करने में आनाकानी की तो संघ एक बात समझ ले की जो हालत वाम दलों की हुई है वो देश में संघ की हो जाएगी। जो हालत कांग्रेस ने महात्मा गाँधी की कर दी वो देश की जनता संघ के साथ भी कर सकती है और यदि एसा नहीं होता तो संघ यह बात जान ले की उसने भारत में  वास्तव में क्रांति का सूत्रपात का दिया और भारत को वास्तव में आजादी दिला दी। भारत आज तक एक शारीर तो है पर आत्मा गायब है मोदी जी के नेत्रित्व में संघ ने यदि देश से किये वादे पुरे कर दिए तो देश से हमेशा हमेशा के लिए गाँधी परिवार विदा जो जायेगा और एक स्वस्थ लोकतंत्र की भारत में स्थापना होगी जिसका भारत देश और उसकी जनता युगों युगों तक संघ की ऋणी रहेगी। परन्तु यदि नरेंदर मोदी जैसा ब्रह्मास्त्र निस्तेज और निरस्त किया गया तो संघ की विश्वसनीयता को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा जैसे की वाम दल कर रहे है। 

इसलिए मोदी तो एक व्यक्ति है जिसकी अपनी सीमाए है परन्तु संघ जो युगों युगों तक अपनी परम्परा बनाये रखना चाहता है उसे चुनाव विजय की बाद के स्वरूप पर अभी से मानस बनाना पड़ेगा और देश को मोदी जैसे नेत्रित्व की श्रंखला देने के लिए कमर कसनी पड़ेगी। देश को कोंग्रेस की "बी" टीम नहीं चाहिए बल्कि पूर्ण परिवर्तन चाहिए। देश कुत्ते बिल्ली के खेल से उकता चूका है और इस खेल को जिसे हमने राजग के शासनकाल में देखा है वैसी सरकार देश नहीं देखना चाहता। 

न ही देश  मूर्खतापूर्ण आक्रमकता देखना चाहता चाहे वो अमरीका हो , चाइना हो या पाकिस्तान देश एक परिपक्क कूटनीति से देश को अगले लेजाने देखना चाहता है। देश एक शांतिपूर्ण माहौल में अपने को बढने देखना चाहता है, देश मुसलमानों को भी साथ रख कर आगे बढ़ना चाहता है वो अलग बात है की मुसलमानों को अगली सरकार कैसे समझाती है के उन्होंने धर्म बदला है संस्कृति नहीं। जिस बात को कांग्रेस ने पिछले ६ दशको में समझने नहीं दी। यदि मोदी जी के नेत्रित्व में भारत यह सब कर सका तो यह मान ले के इस देश को अगले ५ ० ० वर्षो के लिए कोई हाथ नहीं लगा सकता और इस कोतो  तो "परम वैभव " कहा जाता है जहाँ पर इस देश के मनीषी ऋषि तपस्वी महापुरुष ले जाना चाहते थे।

सबका साथ सबका विकास। भगवान् मोदी जी को यशस्वी बनाये, संघटन को एक जुट बनाये और देश को समृद्ध बनाये।

No comments:

Post a Comment