Monday, August 3, 2009

हाँ मैं शर्मिंदा हिंदू हूँ ! हाँ हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

हे देवी साध्वी प्रज्ञा! यदि सात सागरों के समुद्र का जल भी मुझ पर डाल दिया जाए तो भी मेरी शर्मिंदगी कम नही हो पायेगी। मुझे बचपन से सिखाया गया है नारियेस्तु पूजयंते तत्र देवता रमन्ते। परन्तु हे देवी! तुझ साध्वी को मांस खिलाया गया । तुझे अश्लील चीजे दिखाई गई। और हम निर्लाजो की तरह अख़बार पढ़ते रहे। हम शारदा, सरस्वती और लक्ष्मी की उपासक भी बने रहे।
  • यह उस भारत हिंदू भूमि पर हुआ जहाँ नारी के अपमान पर महाभारत हो गया। हम उस देश की परम्परा और धार्मिकता पर ढोंग करते है जिसके सामने तुझ पर झूठा आरोप लगा दिया गया। आज जब भारत सरकार की वैधानिक अदालत ने तुझ पर से राजनीती की चाशनी में डूबे आरोप को झूठा ठहराया तो हम हिंदू जो कंद मूल और फल खाकर वो भी पेड़ से अपने आप टूट कर गिरने वाले को यह धरती भी छोटी पड़ रही है उसमें समाने की लिए। अब न तो हम में माँ सीता की तरह सात्विकता है की जो धरती हमारे लिए फट जाये और उसमे हम समाजाये और न ही हम में कोई नेतिकता है जिस के जोर पर आसमान फट जाय। आखिर कितना गंभीर आरोप था जो कुछ एक राजनेतिक, घोर वजनी, तिरछे मुख के भांड लोगो की हिन्दुओ को आतंकवाद की गाली देकर देश को लुटने की पात्रता हांसिल की है। क्या मिल गया? कितने लोगो के राक्षसी पेट भर गय इस आरोप से। मुझे दुःख इस बात का नही की आप पर आरोप लगा और न ही खुशी इस बात की की मनानिये अदालत ने आप को एक बड़े आरोप से मुक्त कर दिया।

  • मुझे शर्मिंदगी अपने पर है की मेरी माँ, बहेन को एक विदूषक राजनैतिक व्यक्ति की क्षुद्र असुरी वोट के लोभ मात्र के लिए खंडित माँ भारती के अंचल में भी अपमानित किया गया। और जो इस हिंदुस्तान में नारी सम्मान और मानव अधिकारों की रक्षा का स्वांग भरते है उन्होंने अपनी आँखों में गुलाब जल डाल कर मुह में फैविकोल का घोल डाल कर घोर चुप्पी डाल बैठे। नहीं मालूम की आपको निर्लाजता की सीमा से भी कोसो दूर जाकर अपमानित और पीड़ित किया गया। पर देवी क्या करू भारत को न तो महाराणा प्रताप और राणा सांगा की पूर्वजो का पता और न उनकी पीडा का इनको तो पता है उस समय के भडवे राजवंशो की वर्तमान संतानों का जो आज बड़े ही वैभव से हिंदुस्तान में रह रहे है। इसलिए देवी में दुखी हूँ की हिन्दू की बेटी किस आरोप में और निजी और राजनेतिक आरोप में जेल में पड़ी रही और हम बहार सेंसेक्स और इकोनोमी में विचरते रहे। नहीं मालूम की मेरी माँ शारदा की नंगी और आपतिजनक तस्वीर बनाने वाले को मेरे भारत का मंत्री उस राक्षश ऍम ऍफ़ हुसैन को भारत रत्न देने की मांग कर रहा है। कांग्रेस की थिंक टैंक कहे जाने वाले विदूषक राजीव शुक्ल उस राक्षश को हिंदुस्तान में ससम्मान लेन के लिए संसद में कोहराम मचाय हुए है। मेरे राम का धरती पर न होने का प्रमाणपत्र बाँटने वाली अम्बिका सोनी को प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ने प्रोमोट करते हुए उनको बड़ा मंत्रालय दे दिया। और कमाल तो सबसे बड़ा मेरी देश की जनता ने किया देवी की भारत हिन्दू देव भूमि पर हिन्दुओ को धिक्कारित करने और राम को गाली देने वालो की सरकार बना दी और देखो होंसले इतने बुलंद है की देश में माँ सरस्वती की घोर आपत्तिजनक तस्वीर बनाने वाले भांड को भारत रत्न भी कभी भी दिया जा सकता है। अरे आस्ट्रेलिया सरकार ने एक भारतीये मुस्लमान को आतंकवादी घटना के शक में पकड़ लिया था प्रधानमंत्री सारी रात नहीं सोया था और जब तक वो भारत नहीं आगया हिंदुस्तान की मीडिया के पेट में दर्द होता राह और हे देवी जब वो आया हिंदुस्तान की सरजमीं पर तो हिंदुस्तान में दीवाली मनाई गई। हिंदुस्तान में हिन्दू नाम को गाली बनाने वाले और उसको आतंकवादी घोषित करने वाले आज गेहूं, चावल और चीनी की दलाली में अपना घर भर रहे है। देखो तो सही आपकी एक मोटर साईकल से आपको पुरे आतंकवाद का पुरोधा बता दिया गया। गौरवान्वित करने वाली भारत की सेना के कर्नल पुरोहित को अपराधी घोषित कर दिया। देवी इन पर मत जाओ इन होने तो मुंबई हमले के अपराधी कसाब को भी हिन्दू ही घोषित कर दिया था। हम हिन्दू इस देश में अपनी ही बेटी और बहेन पर होने वाले क्रूर अत्याचार पर सिर्फ अख़बार पढ़कर ऑफिस के लिए तैयार हो सकते है। देखो कल राखी है आपके आरोप मुक्त होने पर भी कितने हिन्दू भाई आपके पास राखी बंधवाने आते है। कोई नहीं आयेगा क्योंकि हिन्दू की फितरत (गुलाम मानसिकता के कारण)ही ऐसी है। कहीं किसी मुस्लमान की बेटी के साथ हो जाता तो हिंदुस्तान का तख्त पलट दिया जाता। देखा नहीं एक बटाला हाउस में पकडे गए आजमगड़ के मुस्लमान के लिए अभी तक उलेमा रेल चलाई जा रही है। जंतर मंतर पर आज भी आन्दोलन हो रहे है। इसको कहेते है होंसला। मुस्लमान अपने इसी होंसले से एक और राष्ट्र मांग सकता है और हम हिजडो की तरह फिर से शांति की कामना के लिया स्वीकार कर के फिर अगली दोहराने के लिए तैयार हो जायंगे।


  • हिन्दुओ को तो एक इमरान हाश्मी ने ही धक्किया दिया है। एक मकान न मिलने से उसने १०० करोड़ हिन्दुओ को अपमानित करदिया। उस यह भी नही मालूम की हिंदुस्तान के १०० करोड़ लोगो ने ही खान लोगो की बोलीवुड में बादशाहत स्वीकार की हुई है उसे नही मालूम की १० साल एक मुसलमान ही इस देश के क्रिकेट का कप्तान रहा है। खैर हिन्दुओ और हिंदुस्तान की बदकिस्मती तो है ही की अपना खून भी पिला दिया तो बदले में अहसान फरामोशी के आलावा क्या ददिया। हाँ खुजली से पीड़ित महेश भट्ट को भी सोचना चाहिया हर हिंदू और राष्ट्र विरोधी बात पर क्यों मुखर हो जाता है बिना सच को जाने। मानिए की कही न कही महेश भट्ट हिंदू होकर मुसलमानों और अन्य धर्मो में सम्बन्ध बनाने की कुंठा से पीड़ित है और उस अपराधबोध के चलते हमेश धर्म विरोधी कार्यवाही के सिरमौर रहा है बिना यह जाने की सच क्या है। महेश भट्ट जी कोई बात नही जवानी के जोश में बहुत से लोग आपकी तरह ही करते है फ़िर आपकी ही तरह अपराधबोध में झुलसते हुए उलजलूल हरकत करते है फ़िर इमरान को तो आपकी सरकार ने केस कर दिया आपका क्या?


मित्रो इस धरा ने नारी का अपमान किया है और इस साध्वी के अपमान से मैं तो अपराधबोध से ग्रस्त हूँ। अब देखना यह है की साध्वी को जबकि अदालत ने उसको राहत दे दी है को मुख्य धारा में भी कोई लाता है की नही। कल राखी है, है कोई जो साध्वी के पास जाय और राखी बन्धवाय। वो भारतीय गौरवन्वित सेना के कर्नल पुरोहित है देखना है कितनी बहेने उसको राखी भेजती है। धर्म को निभाने के लिए किसी का इंतजार नहीं करना पड़ता। अंत में विजय हमारी होगी क्योंकि धर्म हमारे साथ है और धर्म जिसके साथ है सत्य उसके साथ है और सत्य जहाँ है नैतिकता वही पर है। हिन्दू जैसे धर्म पर आतंकवाद का ठप्पा लगाने वालो को इस जहाँ में ठौर नहीं मिलेगा।

7 comments:

  1. visit me at swachchhsandesh.blogspot.com

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  2. बहुत खुब त्यागी जी, बिल्कुल सही कहा है आपने, मै तो यहां तक कहता हुं कि एम एफ हुसैन को गोलि मार देना चाहीए ताकी और कोई हामरे आस्था से खेलने की हिम्मत ना कर सके। और मै आपको बताना चाहुगां की सलिम जीसने आपको टिप्पणी दी है स्वच्छ हिन्दोस्तान, उसकी ना सुने, उसे ईलाज की जरुरत है। आप बस ऐसे ही लिखते रहे।

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  3. बहुत खुब त्यागी जी, बिल्कुल सही कहा है आपने, मै तो यहां तक कहता हुं कि एम एफ हुसैन को गोलि मार देना चाहीए ताकी और कोई हामरे आस्था से खेलने की हिम्मत ना कर सके। और मै आपको बताना चाहुगां की सलिम जीसने आपको टिप्पणी दी है स्वच्छ हिन्दोस्तान उसकी बस ना सुने, उसे ईलाज की जरुरत है। आप बस ऐसे ही लिखते रहे।

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  4. शर्मिंदा तो मैं भी हूँ, शर्मिंदगी इस बात की भी है की शर्मिंदा होने के लिए आपका ब्लॉग पढना पड़ा, अखबारों ने तो इस समाचार को जगह भी नहीं दी हमारे यहाँ.
    अब जो बदनामी मीडिया ने हमे तोहफे(तोहफा इस लिए कहा क्यूंकि शायद ये कुछ रक्त में उबाल ला सकी है) में दी थी उसके लिए कभी माफ़ी मांगेंगे ये सेंसेशन के ठेकेदार...!!!
    १०० करोड़ हिन्दुओं को एक ही झटके में बदनाम करने हेतु ये ऊटपटांग बकबक करने वाले गेहुये चमरी वाले अँगरेज़ पत्रकार कभी माफ़ी मांगेंगे..
    हे देवी, हम तुझमे शक्ति और सहिष्णुता का अद्भुत मिश्रण देखते हैं. ये शक्ति परमात्मा से मांगता हूँ की तेरे हर चोट का उचित प्रतिकार ले सकूँ.

    शशि थरूर को मकबूल हुसैन की विकृत मानसिकता तथा चित्रकारी के लिए भारतरत्न सुझाते शर्म नहीं आती..
    या कहीं ऐसा तो नहीं कि अब केवल हिन्दू भावनाओं को चोट पहुचने के लिए भारतरत्न दिए जायेंगे.हमारी संस्कृति ने कला को महत्वपूर्ण स्थान दिया है जो हमारे समाज में कुछ दशक पूर्व तक पाया जाता था...लेकिन इस मंत्री की आश्रयदाता पार्टी ने कभी इस कला को बढ़ावा नहीं दिया और आज मधुबनी चित्रकारी मरनासन स्थिति में है.
    शायद मुझे कला कि उतनी परख नहीं जितनी की इन मंत्रियों को है. मकबूल हुसैन की टेढी-मेढी रेखाएं मुझे उसके अंदर के खालीपन के अलावा कुछ नहीं सुझाती और इस बंदर छाप मंत्री को देखिये -कितना कुछ पढ़ लिया इसने.

    वैसे तो इन शिशुपालों ने अपनी गलतियों की सीमा पार कर ली है,अब देखना ये है की सुदर्शन चक्र कब आता है.

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  5. सर्मिंदगी तो ऐसी हुई है की क्या बताऊँ | जब तक हम संगठित और जागरूक नहीं होंगे ऐसा होता ही ऐसा होता रहेगा |

    सबसे पहले तो इन मीडिया वालों को सबक सीखा चाहिए | क्यों नहीं हम हिन्दू ये घोसना करें की एंटी-हिन्दू चैनल्स और अखबार पढ़ना बंद करो और उनको पात्र लिखो मेल लिखो , कॉल करो की तुम हिन्दू विरोधी हो मैं तुम्हारे चॅनल या अखबार का बहिस्कार करता हूँ |

    त्यागी भाई problem पे डिस्कशन बहुत हो गया अब solution पे बात करो | फिर सॉल्यूशन को कैसे इम्प्लेमेंट करना है इसपे बात करो |

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  6. sharminda hone ki bajay kyon na vaar kiya jaay

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  7. आपकी तरह मैं भी अपने आप को अत्यंत असहाय और अपराधबोधग्रस्त अनुभव करता हूँ न केवल साध्वी प्रज्ञा सिंह के मामले में वरन अब तो असंख्य मामले हों चुके हैं तिरस्कार के. देखा जाये अब घोर राष्ट्रविरोधी कार्यों की सीमा पार हो चुकी है हमें अब संगठित होना चाहिए जल्द से जल्द.

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