कुम्भ ख़त्म होगया परन्तु पाप लोगो के अभी धुले नहीं है. इस बार कोंग्रेसिओ ने भी पाप धोने में सतर्कता बरती और हरिद्वार गय ही नहीं सोचा चार साल अभी तो पड़े ही है क्यों नाहक ही जाकर गंगा को गन्दा करे. हाँ नौटंकी हारने के बाद चालू होगी तब दोबारा से राहुल बाबा सोनिया अपने १० साल के पाप गंगा में धोने जरुर जायेंगे और भोली हिन्दू जनता को अपनी गौरी चमड़ी से फिर भ्रमित करेंगे.
- इस बार आप फिर देखेंगे की देश को यह राजनेतिक माफिया किस प्रकार से मुर्ख बना रहे है. जो चेहरे प्रियंका वड्रा, रॉबर्ट वड्रा, राहुल गाँधी, शाहरुख़ खान जो कभी क्रिकेट मेच पर अपना चोखटा दिखाते थे आइ पी एल पर बिलकुल बरी रहे. क्यां इन क्रिकेट प्रेमी परिवार का शाहरुख़ से नजदीकी और उसके आइ पी एल में सहभागिता का इन से कोई भी कनेक्सन नहीं है. जब दांत तोड़ी रोटी का रिश्ता है इन परिवारों के अन्दर और जब इतना बड़ा बवाल उठ ही रहा था तो लगे हाथो वड्रा परिवार के आय स्रोतों की जानकारी भी लेलो. परन्तु मीडिया हाई प्रोफाइल से डर गई.
- दूसरा देखो एक बारगी के बड़े बड़े एक्टर भी इनका अभिनीय देखकर दंग रहजयेंगे की नक्सलियो पर जिसको के प्रधानमंत्री और देश के चतुर ग्रहमंत्री एक सूर में देश की सबसे बड़ी समस्या बता रहे है उसपर सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका जी सभी फविकोल का घोल लगा कर चुप्पी लिए हुए है. भाई क्यों नहीं अपनी बात रखते, सोनिया जी आप तो बड़ी ऊँगली दिखा दिखा कर रोमन भाषा में प्रवचन करती है इस पर क्यों साप सूंघ गया है. राहुल जो देश में घूम घूम कर नौजवानों का लीडर बनते दीखते है क्यों नहीं अपने भाषण नक्सलियों पर देते. मौत का सौदागर इस देश में बस एक ही है ये नक्सली तो देवता है. छांट छांटकर सोनिया दरबार के बहुत बड़े नौटंकी बाज और भांड दिग्विजय जी आजमगड़ के अतंकवादियो और नक्सलियो पर ही सानुह्भुती करते दीखते है. पता नहीं यह सुरक्षाबल के जवान इसे भडवे नेताओ की कैसे सुरक्षा करते है जो दंतेवाड के सुरक्षा बल के मरने पर न तो चिंतित होते और उनके ही विरुद्ध नक्सलियों पर प्रेम और साहनुभूति प्रदर्शित करते फिरते है. सोनिया के मुह से एक बोल नहीं फूटा इन नक्सलियो के खिलाफ. यह प्रियंका नलिनी से तो तमिलनाडु में बड़ा प्रेम दिखाती फिरती है और यह दंतेवाड के सुरक्षाबल के बच्चो से मिलने तक की फुर्सत नहीं है. प्रधानमंत्री जी का इस समस्या को लेकर दिन रात वजन कम हो रहा है और सोनिया और उनके भानुमती के पिटारे से कोई भी सुगबुघाट नहीं है.
- लालू और मुलायम जिन्होंने वास्तव में देश बेचा है. कटोती प्रस्ताव में सरकार का साथ देकर हमे इतना बता गए की खून यदुवंशी नहीं है. जिस घटिया तरीके से लल्लू और मुलायम ने अपने अधिकारों का अधिकतम दुरुपयोग किया है उसकी मिसाल तो मीर जफ़र और जैचंद से करने पर मीर जफ़र भी शर्मा जायेगा. आज आप जान लो लल्लू और मुलायम जी को चार साल बाद आप मयूज्यम में ही देखो गे. हिन्दुस्तान में इन कथित गरीबो, मजदूरों के ढोंगी लोमड़ी टाइप नेता नहीं ही दिखेंगे. मायावती जैसी विकृत तस्वीर भी नहीं देखोगे. यह वो ही रक्षाशी प्रजाति है जो मानव खून बेहेने पर रक्षाशी अट्ठाहास लगाती है. लल्लू की ३० साल पहले माँ से पूछते की आटे में पानी घोल कर कैसे इस गरीब के दुश्मन को बड़ा किया. मुलायम से पूछते की फटे कुरते में ३० साल पहेले कैसे स्कुल में पढ़ता था. मायावती कैसे भैसनी गाँव के काले नामक व्यक्ति की साइकल पर फटे सूट पहन कर पढने जाती थी. मायावती जी आज आपको महंगाई नहीं दिखती जिसमे आपका सार्वजान पिस रहा है. और आप लोगो के कुत्ते खा खा उलटी कर रहे है. इस गरीब जनता को जिस प्रकार आपने खून पिने का साधन बना रखा है याद रखो सोने की लंका में आग लगने के बाद हाथ खली और मुह कला ही रह जाता है.
संसार के सबसे विभीत्स राजनेतिक चेहरे को कोई देखना चाहता है वो हिन्दुस्तान के गरीब लोगो की छाती पर मुंग दलते इन विद्रुपियो का चेहरा देख लो. कल जैसी नौटंकी वाम दलों और इन लल्लुओ, मुलायम , मायावती ने की है उससे येही बात साबित होती है की हिन्दुस्तान की संसद में भडवे और दलालों की सत्ता है. और हम हिन्दुस्तानियो को कुलबुलाने की भी आजादी नहीं है. में खुद दिल से कहेता हूँ की महंगाई इस कद्र हावी है की जीवित रहेने के मुकाबले मरना आसान होगया.
मित्रो कल का ड्रामा देख कर तो लोकतंत्र पर हंसी ही आती है की एक शिबू सोरेन जो झारखण्ड का मुख्मंत्री भी है बीजेपी के साथ होते भी सीबीआई के डर से कांग्रेस को ही मजबूत कर रहा है.
- हाय री कांग्रेस मुलायम को सिबिअई का डर, लल्लू जी को सिबिअई का डर, शिबू सोरेन को सिबिअई का डर, मायावती को सिबिअई का डर. और बाकि बचो को आइ पी एल का डर. वह री सोनिया गाँधी चार हाथ भरने के लिया ४० करोड़ हाथो को मौत दे रही है.
डर नहीं लगता उन आत्महत्या करने वाले किसानो के बच्चो के श्राप से, डर नहीं लगता महंगाई में पिसने और भूखे मरते गरीब की आहो का.
- लल्लू जी को तो एक ही डर है की कांग्रेस के आलावा कोई और सरकार आगई तो अभिषेक जो इनकी बेटी का मित्र था और रांची के पास कोडरमा झील में संदेहआस्पद अवस्था में मर गया था का सी बी आई का मुकदमा चलेगा और वो भी ३०२ में इस बार. परन्तु लल्लू जी आपको नहीं पता की कानून के हाथ बड़े लम्बे होते है. बकरे की माँ कब तक खैर मनायागी आज नहीं तो कल अभिषेक की मौत का जवाब तो देना ही होगा. देखा नहीं कानून सज्जन कुमार को २५ साल बाद भी नहीं छोड़ रहा है. अब बुढ़ापे में ही सारे दुःख भोगने है तो बात अलग है. परन्तु नोट कर लो अभिषेक की मृत्यु का इन्साफ तो सारा संसार देखेगा भले ही कितने वर्ष लग जाये और देखते है फिर आपको कौनसी सोनिया गाँधी बचाती है.
- मित्रो लोकतंत्र तो एक ढकोसला है. जब देखा खेल खेल में आइ पी एल में आंच ऊपर तक चली गई. कांग्रेस के अपने ही पुरोधा और मसखरे दिग्विजय सिंह अपनी ही सरकार को टेलीफ़ोन टापिंग में भाषण दे रहे थे. और आलोक मेहता की वो ही आउटलुक जो कांग्रेस की माउथपीस रही है ने कांग्रेस पर ही इल्जाम (ढोंग) ठोक दिया. अरे हिन्दुस्तानी बावले भैओ सरकार ने हमे जोकर समझा हुआ है और उसी प्रकार से हमे कुत्ते के कान बिल्ली को और बिल्ली के कान कुत्ते को लगा कर दिखाती रहेती है और हम अपनी ही चिता पर हाथ सेक कर सर्दी भगा रहे है.
- धन्यवाद कांग्रेस इस ड्रामे के लिया और देश को कर्ज, दुःख, महंगाई, गरीबी और मज़बूरी की भट्टी में झोंकने के लिए.
सोनिया जी आप तो अगली सरकार आने पर अपने टिन टप्पर लेकर इटली चली जाओगी. परन्तु हम हिन्दुस्तानियो के पेट में अन्न के दाने कौन डालेगा. या फिर वो ही नसीहत सुनानी होगी राजीव गाँधी जी वाली के देश में यदि रोटी नहीं तो यह बेवकूफ लोग ब्रेड क्यों नहीं खा लेते.
कोई बात नहीं हिंदुस्तान की सरजमी पर अवश्य कोई बहुत बड़ा पाप हमारे पुरखो से हुआ होगा जिसकी सजा उनकी यह संतान भुगत रही है और न जाने सिंह इस किंग के राज में कब तक भुगतती रहेगी. परन्तु याद रखना यह चीख और चीत्कार गरीब की इस वातावरण में जब तक गूंजती रहेगी तब तक तुम्हारे कानो के परदे न फट जाये और इनके भूख से विकृत हुए चेहरे देख कर तुम्हारी जबान न बहार आ जाये.
लल्लू जी , मुलायम जी, मायावती जी आप तो इटली से नहीं आएय न तुम्हारे बाप दाद राईस थे फिर क्यों तुम लोगो को भी गरीब की चीख नहीं सुनाई दे रही या तुमने भी अपने कानो में पिज्जा के टुकड़े ठूस रखे है और मुह में पास्ता.
हर कोई गरीब जनता को और गरीब बना रहा है. ढ़ोंगी है सब के सब. जिन के वोटों से सरकारें बनती हैं सरकार बनने के बाद उन्हीं का गला काटने की तिकड़में रची जाती हैं>...
ReplyDeleteआपने तबियत से ठोक ठोक पर पीटा है इनको , और ये हैं भी इसी लायक , ।
ReplyDeleteब्लोग का कलेवर बहुत ही पसंद आया ।
good arti.............
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