Friday, November 12, 2010

हिन्दू शक्ति का जवाब ! धरना प्रदर्शन एक शुरुवात !!!!!!!

हिन्दू शक्ति का जवाब ! धरना प्रदर्शन एक शुरुवात !!!!!!!
१० नवम्बर २०१० का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा की हिन्दू शक्तिया अब अपनी चीत्कार को हुंकार में बदलने के लिए खड़ी हो चुकी है. संघ ने धरने के रूप में उन देशद्रोही और हिन्दुद्रोही शक्तिओ को ललकार दिया है और याद करा दिया की  भगवान् परशुराम ने इक्कीस बार धरती दुष्टों से विहीन कर दी थी. याद करे हिन्दुद्रोही और देशद्रोही शक्तिया की संघ की ललकार भी असुरी शक्तिओ को नेस्तेनाबुद कर सकती है. मैं धन्यवाद दूंगा उन सभी हिन्दू दलों का जिन्होंने भी संघ की इस पहेल को समर्थन दिया है. और अनुरोध करूँगा उन हिन्दू शक्तिओ से जिन्होंने किन्ही कतिपिये कारणों से इस धरने का समर्थन नहीं किया था और उनको याद दिलाना चाहूँगा की मगध के शासन में आक्रमण चाणक्य के घर पर नहीं हुआ था परन्तु भारत पर अक्रान्ताओ के आक्रमण को देश पर आक्रमण मान कर हिंदुशक्ति को इकठा किया और मगध की नपुंसक सत्ता को हटा कर देश से अक्रान्ताओ को भगा कर देश पर भारत की वीर्यवान और शक्तिवान शक्ति का ध्वजारोहण किया. उस चाणक्य को कोटि कोटि प्रणाम. आज संघ भी उसी रूप में है न केवल इन्द्रप्रस्थ से विलासी, दुर्बल, अहंकारी, मूढ़, दम्बी, स्वार्थी, क्रूर, हिन्दू विरोधी, भारत विरोधी सत्ता को हटाना है बल्कि विस्तारवादी और आतंकवादी शक्तिओ और अक्रान्ताओ का मुकाबला कर के, विजय श्री प्राप्त करके किसी योग्य शक्ति को प्रतिष्ठापित भी करना है. और तभी इस धरने का कोई मतलब भी होगा नहीं तो धरने प्रदर्शन तो चलते ही रहते है.
दूसरा मुझे इस बात का बहुत बड़ा गर्व है की परम पूजनिये प्राता समरनीय श्री सुदर्शन जी ने जो सिंहनाद किया है देश पर राज करती और अट्टहास करती असुरी शक्तिओ के बारे में की इस राज की परम आदरनिये देवी कोई भारत भक्त नहीं अपूती बहुत ही बड़ी षड्यंत्रकारी है. और देश का यह अधिकार है की इस बात को जाने और सोनिया जी का इस देश में एक भी दिन बिना इस बात के खंडन के रहेना पल पल देश के हितो से न केवल खिलवाड़ है बल्कि देश को खंडित होने के खतरे का सामना करना है. सोनिया जी को जवाब देने चाहिए की वो सी आई ऐ की एजेंट है की नहीं. उनको जवाब देना चाहिए के क्या वो ही इन्द्रा जी जैसी वीरांगना और राजीव गाँधी जी जैसे प्रगतिशील और युवा प्रधानमंत्री की क्रूर हत्या के पीछे. सोनिया जी आपको जवाब तो देना होगा. यह बात वस्तुत बहुत ही बड़ी है. आप ने हत्या जैसा जघन्य अपराध किया है. कृपया करके देश और उसकी जनता को जवाब दे.
तीसरा मैं कांग्रेस के नेता विशेष तौर से जनार्दन दिवेदी जी से भी पूछना चाहूँगा और बड़े ही गंभीरता से पूछना चाहूँगा की उन्होंने कल की प्रेस कांफ्रेंसे में कितनी आधारहीन, संधर्भहिन् बाते कही है. जैसे की राजीव जी सोनिया जी को प्रधानमंत्री निवास से अपने दफ्तर मोटरसाइकल से कैसे लेजाते थे. प्रधानमंत्री के बेटे होकर भी कैसे मोटर साइकल से अपने दफ्तर जाते थे. कितना  वाहियात तर्क दिया जा रहा है सुदर्शन जी के बयान के ऊपर. और कैसे देश की जनता को भरमाया और भटकाया जा रहा है. अब कोई यदि मुझे कहे की देश के ऊपर मुंबई में आक्रमण करने वाला कसाब अपने घर पकिस्तान में कैसे भैंसा गाडी पर चलता था या अरब पति इस्लामिक आतंकवादी ओसमा बिन लादेन अरबो रूपये होते हुए भी कैसे अफगानिस्तान में गुफाओ में रहेता है तो क्या इन दो तथ्यों से उनके द्वारा की गई हत्यायो का जुर्म माफ़ जो जायेगा. शर्म आनी चाहिए जनार्दन दिवेदी जी को इन घटिया तर्कों को पेश करते यदि सोनिया अपने पति के साथ मोटर साइकल से जात भी तो क्या उनके पाप सिर्फ इस बात से धुल जाते है दूसरा चलो मान भी लो की मोटर साइकल से जाकर उन्होंने कोई बहुत बड़ी सादगी के बात भी कर ली तो भी गलत है ८० के दशक के उस दौर में कितने लोगो के पास मोटर साइकल थी. मोटर साइकल से जाना तो वैसे भी उस समय बहुत बड़ी और विलसती का साधन था और दूसरा अब किसी को मोटर साइकल पर ही मस्ती करनी है, इंडिया गेट पर आइसक्रीम ही खानी है तो उसपर गई तो यासा क्या बड़ा तीर मार लिए की जो सी ई ऐ और इन्द्रा और राजीव जी की हत्या का षड्यंत्र रचने जैसे जघन्य अपराध से बरी कर दिया जाये. दिवेदी जी २०१० की भारत की जनता है यह कोई टटपूंजिया छोटे मोटे किसी आइलैंड की जनता नहीं जहाँ पर जो भी कर लो सब माफ़. भारत सुरक्षा परिषद् का स्थाई दावेदार है कोई नौटंकी बाज देश नहीं. जरा संभल के और सोच कर जवाब दे.
भावुक होने और हमे भरमाने की जरुरत नहीं है. 
अच्छा दूसरा है की सुदर्शन जी ने कह क्या दिया अरे डॉ. स्वामी जी ने १० साल पहले यह ही सब अपनी किताब में लिख दिया और इससे भी बहुत ज्यादा है तो उनको आप नहीं पकड़ोगे  और संघ के पीछे पड़ गए. यदि इन कांग्रेस्सियो में इतनी ही गर्मी थी तो डॉ. स्वामी का विरोध क्यूँ नहीं किया. कल झंडेवालान में डॉ. हेद्गेवारकर जी की फोटो पर जूते मारने से पहेले झांक ले की यदि सुदर्शन जी का बयान का सोनिया ने जवाब नहीं दिया तो फिर जूते इन कांग्रेस्सियो को कहाँ कहाँ पड़ेंगे. 
मेरा अनुरोध उन राजनेतिक लोगो से भी है जो  सुदर्शनी जी के बयान की अवेहलना कर रहे है वो उस पर अपना मन्तव्ये नहीं बता प् रहे है. अरे देश में एक अई एस अई का एक जासूस पकड़ा जाता है तो इतना हो हल्ला होता है और अब तो सत्ता के शीर्ष पर बैठे एक नेता पर है. क्या देश के नेताओ को धर्मनिरपेक्षता ने इस बात के लिए भी पकड़ रखा है. दूसरा जरा मुलायम सिंह से भी पूछलिजेये की ऐसी कौनसी एजेंसी उनके पास है की भारत सरकार की सारी एजेंसी इस सूचना को नहीं पकड़ पाई की चीन भारत पर हमला कर रहा है परन्तु श्री मुलायम सिंह जी संसद में चीन द्वारा भारत पर हमला किया जाना बता रहे है. देश के नेताओ के इतने विश्वाश को देख कर तो सुदर्शन जी का सोनिया के बारे में बयान सत्य ही प्रतीत होता है.
अब वापस संघ के धरने पर आते है, मैंने दो साल पहेले ही कहा था की कथित धर्मनिरपेक्षतावादी नेता और मीडिया हिन्दू और संघ को लापेटेगा ही. मैंने अपने ब्लॉग के जरीय पूरा लेख लिखा था मीडिया द्वारा भगवा गुंडा कहेने पर (यहाँ किल्क करे), और संघ व् हिन्दुओ की प्रतिक्रिया न होने पर वो भगवा गुंडा अब भगवा आतंकवाद बन गया. और आज कांग्रेस को न जवाब दे तो आप देख लेना वो क्या से क्या कर सकती है. इसलिए लोकतंत्र जितना अधिकार कांग्रेस को देता है उतना ही वो संघ को भी और संघ ने सही समय पर सही तरीके से अपना आक्रोश दिखाया है. यदि यह आक्रोश देश भर में भगवा गुंडा कहेने पर या शंकराचार्य जी को पुलिस द्वारा पकड़ने पर ही हो जाता तो आज यह नौबत भी नहीं आती. 
विश्व की सारी हिन्दू शक्ति और देश भक्त लोग जान ले न तो सेंसेक्स की उड़ान स्थाई है, न घरेलु सकल उत्पाद की दर, न ही देश की विकास दर. और इस ४०% गरीबी रेखा से निचे रहेने वाले और १०० घरानों और ५४५ सांसदों से चलने वाले देश को सुरक्षा परिषद् में स्थाई सीट मिल भी गई तो क्या. क्या हम ही संतुस्ट है अपने देश के लोकतंत्र से तो फिर दुनिया के देशो के फैसले कैसे होंगे. यदि हमारी ही सत्ता के शीर्ष पर इतने गंभीर आरोप लगे ने लगेंगे तो फिर आर्थिक शक्ति तो हवा हो जाएगी. सोचो बात बहुत ही गंभीर और बड़ी है. 
परन्तु १० नवेम्बर को जो जनसेलाब देखा उस से तो निश्चित रूप से कांग्रेस के हाथो के तोते उड़ गए. मीडिया ने जिस प्रकार से पुरे प्रदर्शन का बायकाट किया वो मीडिया की निष्पक्षता पर स्पस्ट प्रशन चिन्ह है. 
मीडिया भी बेशर्म है जो सुदर्शन जी की बुद्दि पर बिना मतलब तरस खा रही है अरे मीडिया के भाइयो बिना तथ्यों के इन्द्रेश जी पर तो आतंकवाद में शामिल होने की बड़ी बड़ी प्राइम टाइम में स्टोरी चलाई और इन्द्रेश जी सिर्फ एक साधारण इंसान है यहाँ तक की मैं भी उनका नाम नहीं जानता उसको तो मुझे जबरदस्ती बताया जा रहा है जैसे की वो कोई सत्ता के शीर्ष पर बैठा कोई शख्स है परन्तु जब सोनिया जी के ऊपर आरोप लगा तो लगे सुदर्शन जी को हड्काने. अरे एक बार एक बार सोनिया के ऊपर लगे आरोप का भी मीडिया ट्रेल करवादो. या प्रज्ञा जी की तरह नार्को टेस्ट ही करा लो. 
कांग्रेस से भी मेरा अनुरोध है बात निकली है तो दूर तक जाएगी जरा गौर करो. 
कौरोवो ने कृष्ण जी की बात पर गौर नहीं किया था तो आज नाम लेवा पानी देवा भी नहीं है.
सुना की नहीं ?

4 comments:

  1. ये हमारी ख़ामोशी को अपनी ताकत समझते हैं पर शायद भूल गए हैं की सुनामी आने से पहले समुद्र शांत होता हैं.
    जनार्दन द्विवेदी जी ये क्यूँ नहीं बताते की १९९९ कारगिल युद्ध के समय सोनिया जी इटली क्यूँ चली गई थीं.
    धन्यवाद त्यागी जी
    हमारे हिन्दू भाईओं को इन बातों पर गौर करना चाहिए.

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  2. खराब हालात हैं, देश को बहुत अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है..

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  3. प्रजातंत्र है राजतंत्र नहीं ,यहाँ हर व्यक्ति को अपने मन का कहने का पूर्ण अधिकार है !

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  4. बहुत बढ़िया भाई साहब ,एक लेख मेने भी लिखा हे जरूर पधारे
    http://jaishariram-man.blogspot.com/2010/11/blog-post_11.html

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