मुझे नहीं पता की कितने लोगो को यह मालूम होगा की दिग्विजय सिंह एक इसाई है
http://arkabala.sulekha.com/blog/post/2008/10/christian-missionary-raj-in-india-thru-sonia-miano.htm
&
http://en.wikipedia.org/wiki/Digvijay_Singh_(politician)
परन्तु इसाई होने या न होने से देश पर उसके अधिकार कम या ज्यादा तो नहीं ही हो जाते है श्री मति सोनिया गाँधी जी भी इसाई ही है और वो देश की सत्ता धारी दल की हिटलर की तरह ही एक तानाशाह नेता है. सीता राम जैसे सज्जन और आम कांग्रिसी को जिस तरह धक्के मार मार कर कुर्सी से गिराया गया था और उसके बाद सोनिया गाँधी देश की १२५ साल पुरानी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी और अब तक बनी ही हुई है. यदि किसी को तानाशाही नहीं मालूम क्या होती है उसको इस उद्धरण से पता चल जाना चाहिए की तानाशाही किस को कहेते है और १२० करोड़ जनता के ऊपर कैसे की जाती है. हिन्दुस्तान के प्रबुद्ध राष्ट्रपति श्री कलाम जी द्वारा धक्के देने और उनकी अपनी सीमाए और औकात बताने के बाद भी कितनी बेशर्मी से सत्ता का संचालन किया जाता है कोई श्री मति सोनिया गाँधी जी से पूछे. न केवल अपनी कुर्सी पर जमी हुई है परन्तु अपनी हैसियत पूरी दुनिया को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर एक बार नहीं दो दो बार जनता के द्वारा नहीं चुना गया प्रधान मंत्री थोप कर दिखाई है. अपनी सत्ता को और मजबूत करने के लिए हर २-३ साल के अध्यक्ष बनने के ढोंग को भी कांग्रेस का संविधान बदल कर ५ साल अपने अध्यक्ष पद के लिए कर लिया है. और न केवल अपने लिए बल्कि अपने बेटे को देश कर प्रधानमंत्री बनाने की भी तैयारी पूरी कर ली है. अपने दामाद रॉबर्ट वेडेरा जैसे (जिसका राजनीती, कूटनीति और भारत में धूल के एक कण जितना भी योगदान नहीं) को दलाई लामा, देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जैसे सुरक्षा में छुट देने के लिए भी संविधान में प्रवधान किये हुए है.
http://arkabala.sulekha.com/blog/post/2008/10/christian-missionary-raj-in-india-thru-sonia-miano.htm
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http://en.wikipedia.org/wiki/Digvijay_Singh_(politician)
परन्तु इसाई होने या न होने से देश पर उसके अधिकार कम या ज्यादा तो नहीं ही हो जाते है श्री मति सोनिया गाँधी जी भी इसाई ही है और वो देश की सत्ता धारी दल की हिटलर की तरह ही एक तानाशाह नेता है. सीता राम जैसे सज्जन और आम कांग्रिसी को जिस तरह धक्के मार मार कर कुर्सी से गिराया गया था और उसके बाद सोनिया गाँधी देश की १२५ साल पुरानी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी और अब तक बनी ही हुई है. यदि किसी को तानाशाही नहीं मालूम क्या होती है उसको इस उद्धरण से पता चल जाना चाहिए की तानाशाही किस को कहेते है और १२० करोड़ जनता के ऊपर कैसे की जाती है. हिन्दुस्तान के प्रबुद्ध राष्ट्रपति श्री कलाम जी द्वारा धक्के देने और उनकी अपनी सीमाए और औकात बताने के बाद भी कितनी बेशर्मी से सत्ता का संचालन किया जाता है कोई श्री मति सोनिया गाँधी जी से पूछे. न केवल अपनी कुर्सी पर जमी हुई है परन्तु अपनी हैसियत पूरी दुनिया को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर एक बार नहीं दो दो बार जनता के द्वारा नहीं चुना गया प्रधान मंत्री थोप कर दिखाई है. अपनी सत्ता को और मजबूत करने के लिए हर २-३ साल के अध्यक्ष बनने के ढोंग को भी कांग्रेस का संविधान बदल कर ५ साल अपने अध्यक्ष पद के लिए कर लिया है. और न केवल अपने लिए बल्कि अपने बेटे को देश कर प्रधानमंत्री बनाने की भी तैयारी पूरी कर ली है. अपने दामाद रॉबर्ट वेडेरा जैसे (जिसका राजनीती, कूटनीति और भारत में धूल के एक कण जितना भी योगदान नहीं) को दलाई लामा, देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जैसे सुरक्षा में छुट देने के लिए भी संविधान में प्रवधान किये हुए है.
मुझे इन सब से कोई शिकायत नहीं है क्यूंकि इस देश के हिन्दू जनता ने १००० वर्ष की जिल्लत और दोयाम दर्जे का जीवन जिया है और जो नहीं जी सके वो वीर सावरकर, वीर शिवाजी, वीर महाराणा प्रताप बने. आज भी वो ही युग है. हम सोनिया गाँधी जी और उसके इसाई मुस्लिम गैंग से कहेना चाहेगे की १० वर्ष नहीं अगले १००० वर्ष भी हम हिन्दुओ पर अत्याचार किया जायेगा तो भी हिन्दुओ के डी एन ऐ से त्याग, तपस्या, देश प्रेम, सर्व्भोमिकता, स्वत्नत्रता का तत्व अलग नहीं कर पाएंगे. जो बात इस इसाई-मुस्लिम गैंग को समझ नहीं आता है वो यह है की हर हिन्दू अपने जीवन में बाल्यावस्था, विद्यार्थी जीवन, गृहस्थ जीवन और वानप्रस्थ जैसी चक्र से गुजरता है. हर हिन्दू अपने जीवन में धन उपार्जन करता है और फिर अंत में त्याग कर के मोक्ष की चाह में सारे सुख और सुविधा त्याग देता है. और काशी गंगा के किनारे मेरी इस बात का जीता जागता प्रमाण है. सोनिया जी के नेत्रत्व में जो ज्ञान देश को पिलाया जा रहा है की हिन्दू आतंकवादी होगया है. मैं उसकी पुरजोर निंदा करता हूँ और बता देना चाहता हूँ की वो आतंकवादी नहीं हो सकता भले ही क्रांतिकारी हो.
जिन कांग्रेसियो को आतंकवादी और क्रन्तिकारी में अंतर ही नहीं मालूम है वो इस देश के पानी और गंगा जल को एक सामान ही मानते रहेंगे. जो लोग गाये और बाकी पशुओ को बराबर ही मानेगे उनके ज्ञान पर मुझे तरस अता है.
यदि सोनिया के हिन्दू होने के ढोंग के बारे में जानना चाहते ही है तो उस से पूछ की कभी उसने गाये का मांस खाया है की नहीं. हाँ हाँ उसने खाया हुआ है. अब राजीव जी से मिलने के पहेले ऐसा तो था नहीं की इटालियन फ़ूड में हिन्दू पूज्निये गाये का मांस नहीं होता था. और एक बार हिन्दू जनता को बस इतना ही बता दो की यह औरत गाय का मांस खाती थी सारी मीडिया का और दिग्विजय का चुनावी मनेजमेंट धरा का धरा रहे जायेगा. और जनता २४ घंटे में टीन टप्पर बाँध कर वापस इटली भेज देगी. मेरा इस छोटी सी बात को कहेने का अर्थ सिर्फ और सिर्फ इतना बताना है की. सोनिया के मुस्लिम-इसाई गैंग नेत्रत्व में देश चलने के बाद भी किसी ने न तो इनको जाना और न ही डॉ. सुब्रमनियम स्वामी जी की बातो की ही दरयाफ्त की है. परन्तु अब पानी सर से गुजर चूका है. जो दिग्विजय सिंह हिन्दू नहीं है वो देश में हिन्दू आतंकवाद के बीज को रोप रहा है सोनिया जी आपके कहेने से. वो दिग्विजय देशद्रोही है. उसको न तो हिन्दू का पता है और न ही इतिहास का. जिस राष्ट्रीय स्वयं संघ पर वो आरोप लगा रहा है. उसकी सिर्फ और सिर्फ एक हुंकार भर से ही पेट में भरा ज्ञान सड़क पर आजायेगा. मैं एक हिन्दू भारतीय की बात करता हूँ, जिनको दिन रात आपके आतंकवादी कहेने से मानसिक कष्ट होता है. उनकी तरफ से आपको इतना कहेना चौहुंगा की माँ के पेट से तो तू हिन्दू ही था परन्तु धरती पर विभ्याचार करने के लिए आपने अपनी जन्म नाल ही काट ली और कोई नई बात भी नहीं की है. राघोगढ़ के आपके पूर्वजो के अंग्रेजो के तलवे चाटने और व्भ्याचार के आलावा उन्होंने कुछ और नहीं किया और आज आप भी वो ही कर रहे हो. आज आप देश और हिन्दू के अन्दर स्वाभिमान और संस्कृति की भावना भरने वाले संघटन और दुनिया के १२० करोड़ हिन्दुओ को आतंकवादी का सर्टिफिकट बाँटने में लगे हुए हो. आपको बता दू दिग्गी सिंह हंसौड जी की जब देश के ९० प्रतिशत लोगो को किसी बात की पीड़ा होती है तो वो आतंकवादी नहीं क्रन्तिकारी बनते है और उसको क्रांति कहेते है. यदि मयन्मार में आंग सु शासन के विरुद्ध कुछ कर रही है तो क्रांति कर रही है आतंकवाद नहीं. आजाद भारत के जयचंद हंसौड सिंह जी आपको बता दू हिन्दू होते हुए भी यदि श्री लंका में एल टी टी कुछ करती है तो वो भी आतंकवाद हो सकता है क्यूंकि देश बहुसंख्य दुसरो का है. पाकिस्तान जहा पर २-३ प्रतिशत हिन्दू है वो भी यदि (हिंसक) गतिविधि करते है तो भी आतंकवाद केहेलाया जा सकता है. परन्तु अपने ही देश में ९०% हिन्दू अपने को यदि हिन्दू राष्ट्र भी घोषित करते या कौशिश करते है तो भी आतंकवादी नहीं ज्यादा से ज्यादा आप उसको क्रांतिकारी ही कह सकते हो. और क्रांति हिन्दुओ के खून में है, क्रांति ही तो श्री कृष्ण ने अंधे धृत राष्ट्र के और गुंडे दुर्योधन के विरुद्ध की थी. खैर बड़ी बात है आप जैसे देशद्रोही के समझ नहीं आयगी. स्वामी राम देव जी भी तो देशो को क्रांति ही की तरफ प्रेरित कर रहे है. अरविंदो और विवेकनंद जी भी तो क्रांति की ही बात करते थे. क्रांति का रूप क्या हो यह अलग चर्चा का विषय हो सकता है. आतंकवाद क्या है वो जान ले - अमेरिका को इस्लामी राष्ट्र बनाना आतंकवाद हो सकता है जबकि वहा की ९०% येअसा नहीं चाहती, पाकिस्तान को हिन्दू राष्ट्र बनाना भी आतंकवाद हो सकता है जबकि वहां पर ९५% मुस्लिम है. परन्तु रूस का कोमुनिस्ट देश से पूजीवादी बनाना तो कोई भी आतंकवाद नहीं जब जनता ने चाह बन गया. अब रूस को कोई ६०-७० के दशक में पूंजीवाद बनाने की कौशिश या भविष्यवाणी करता तो उसे अच्छा तो नहीं ही माना जाता. परन्तु आज जनता ने चाह तो रूस भी पूंजीवादी बन गया. कल पूर्ण रूप से चीन भी ऐसा ही बन सकता है. अरे इस देश के सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को जीवन जीने की एक पदात्ति माना है. तो यदि कल को इस भारत देश के लोग भी ऐसा फैसला लेले की सारा राष्ट्र हिन्दू पदात्ति से ही जीएगा तो इसमें गलत क्या है.
दूसरा देशद्रोही हंसौड कांग्रिसी नेता दिग्विजय कहेता है की हिटलर की तरह युहुदी को जैसे भगाया गया था, संघ भी ऐसा ही करना चाहता है. तो उनको बताना चाहूँगा की उनको न तो जर्मनी के इतिहास की जानकारी है और न ही हिन्दुस्तान की जनता के भाव की. जर्मनी में जब ऐसी कारवाही हुई थी तो कितने % यहूदी थे जेर्मनी में ? और उनकी संख्या कितनी थी? और यहूदी देश ही कितने थे ? उनके समर्थन के लिए? आज १०० से ऊपर मुस्लिम देश है दुनिया में. २० करोड़ मुसलमान हिन्दू राष्ट्र भारत में रहेते है. बताओ कौनसा संघ इतने लोगो को भगा सकता या देशद्रोही दिग्विजेय की नजर में ही कितनो का कत्ले आम कर सकता है जैसा की वो आज मंच से डरा डरा कर बोल रहा है. आज भारत के मुस्लिम संघ के नजदीक आ रहे है और इस बात को सोनिया गाँधी का इसाई-मुस्लिम गैंग पचा नहीं पा रहा है. और भारत के मुस्लिम को एक सदी और पीछे धकेल कर, भ्रम का जाल फैला कर भारत राष्ट्र को एक साथ आगे नहीं बढ़ने देना चाहता और. इस प्रकार देश पर सोनिया गैंग ही राज करता रहे यह ही देशद्रोही दिग्विजय और उसके नेताओ के एक मात्र मंशा है. मेरे मुस्लिम मित्रो ६० साल से कांग्रस ने राज किया. दिया क्या है आपको? ठेंगा !!! आज नरेंदर भाई मोदी अदालत से भी बरी हो चुके है इन ढोंगी तीस्ता सीतलवाद , एन जी औ टाइप झूट से कांग्रेसी और वामपंथी चरित्र हनन कर औछी राजनीती करने वालो के बावजूद. वहा के गुजरात में जाकर देखो के मुसलमान कहा से कहाँ पहुँच गये. इसी कोंग्रेस के राज से या बंगाल के वामपंथ से तुलना कर लो अपनी पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक हैसियत की.
अब मुसलमानों को चाहए बुरा ही क्यूँ न लगे एक बात तो उनके कानो में बहुत अच्छी तरीके से बात देना चाहत हूँ की हिन्दुस्तान में रहेना होगो हिन्दुओ की बात मानकर ही रहेना होगा. और सारी बात की जड़ यही है. मेरी बात को ढंग से समझा जाये की अब साउदी अरब में रमजान महीने में रोजे के दौरान मैं यदि सरे आम भोजान तृपित करने की छोटी सी कौशिश करूँगा तो क्या सही होगा. हिन्दू होते हुए भी मुझे आने ऊपर कंट्रोल करना होगा और जन भावनाओ का सम्मान करते हुए काम करना होगा. भारत में भी तो हिन्दू येही ही कहेते है की भाई गाये हमारी माता है उसका मांस न खाओ. तो यार मान जाओ क्यूँ कोंग्रेस के कुचक्र में फंस रहे हो. देखा नहीं ३० सितम्बर तो अयुध्या पर आया इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले पर कोंग्रेसी सांसद रशीद अल्वी जी ने कितने अच्छी बात कही और दैनिक जागरण में बड़ा सुन्दर लेख लिख कर अच्छी भावना प्रकट की. परन्तु दिग्विजेय जैसे हंसौड नेता ने अपनी ही गोटी फिट करने के लिए कांग्रेस के मुस्लिम-इसाई गैंग की निति आगे बढ़ाते हुए भारत की एकता और अखंडता में जहर घोलने का काम किया. और एक देशद्रोही , धर्मद्रोही से आप उमीद भी क्या कर सकते हो.
कांग्रेस के लिए भी एक राजनेतिक बात कहेना चाहूँगा. हिन्दू आतंकवाद का खट्टा राग गाने से उसका कुछ भी लाभ नहीं होगा. यह में कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को कहेना चाहता हूँ. कोंग्रेस को सत्ता हमेशा बेलेंस करने के कारन मिलती है जैसे. समाजवादी मुस्लिम राग अपनाती है और कोई अन्य हिन्दुओ की बात करती है तो कांग्रेस को लोग माध्यम मार्ग जानकार वोट देते है. अब तो सोनिया - दिग्विजेय के मुस्लिम - इसाई गैंग ने खुद ही मुस्लिम तुष्टिकरण का झंडा उठा लिया. उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी, बेपेटिस्ट कांग्रेस नेताओ को बताने के जरुरत नहीं.
हिन्दुस्तान की सरजमी पर जिनके पूर्वज हिन्दू थे वो मुस्लिम - इसाई आज भी हिन्दू है और सर्वदा रहेंगे, बात समझ में आने की है भारत के दिन यदि अच्छे है वो आज आजए और सोनिया - दिग्विजय के इसाई-मुस्लिम गैंग इनको अगले २० वर्ष और न समझने दे तो कल सूरज पश्चिम से नहीं निकाल जायेगा. ध्रुव सत्य अडिग रहेगा.
और अंत में देशद्रोही धर्मद्रोही दिग्विजय- सोनिया के मुस्लिम-इसाई गैंग को कहना चाहूँगा. और विशेष रूप से नौटंकी टाइप राहुल जी को भी कहूँगा जिनके इतिहास के ज्ञान न होने की बात तो सर्व विदित है, उन में कॉमन सेन्स की भी अभूतपूर्व रूप से कमी है. जिसको शायद लखनऊ के डॉ. भी दूर नहीं कर पाए की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य संख्या मालूम है की नहीं, दुसरे उसकी समर्थक संख्या क्या है ? हिन्दू राष्ट्र के समर्थक कितने है ? बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी है उसकी सरकार कितने राज्ये में है जिसके संघ से संबंधो पर बड़ा खास जोर आप देते है? और जब इनकी संख्या समझ में आ जाये. तब जोड़ कर देकना और अपने कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यों की संख्या से तुलना करना तो, तब पता लग जायेगा की संघ की हुंकार और उसके कहेने का मतलब क्या होता है. इतना होने के बाद जब इस संख्या और समर्थन के बल पर कुछ कहेना चाहते है तो उसको आतंकवाद नहीं कहेते और न ही उनकी तुलना सिमी जैसे संघटनो से की जा सकती है. देश का इतना बड़ा हिस्सा वास्तव में संघ की बात मानता है और उसपर उसकी सहमति है तो ऐसे संघटन को आतंकवादी वो ही कहे सकता है या तो वो किसी दुसरे ग्रह का १२ पैरो वाला प्राणी है, या फिर वो किसी ख़ुफ़िया एजेंसी का एजेंट है. और मेरे ख्याल से यदि वो भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए काम नहीं करता तो उसको देशद्रोही ही कहेंगे.
दिल को धक्का पहुंचाने वाली बातें हैं..
ReplyDeleteGoog job yaar
ReplyDeleteखोजो टीपू सुल्तान कहाँ सोये हैं
ReplyDeleteअसफाक और उस्मान कहाँ सोये हैं
बम वाले वीर जवान कहाँ सोये हैं
वे भगत सिंह बलवान कहाँ सोये हैं
जा कहो,करे वे कृपा,न रूठे वे
बम उठा बाज़ के सदृश टूटे वे
हम मान गए जब क्रान्तिकाल होता ही
सारी लपटों का रंग लाल होता है
जाग्रत पौरुष प्रज्वलित ज्वाल होता है
शुरत्व नहीं कोमल,कराल होता है
वास्तविक मर्म जीवन का जान गए हैं
हम भलीभाति खुद को पहचान गए हैं
हम समझ गए हैं खूब क्रूर के चालों को
बम की महिमा को और बन्दूक की नालों को
साधना स्वयं शोणित कर वार रही है
शातलुज को साबरमती पुकार रही है.
Bahut badiya ...achha likha hai...ye digvijay catholic hai mujhe maloom nahi tha pls koi details bhejiye..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ,क्रांति फेलेगी अभी शुरुवात हे ,बस दो साल ,विदेशी नस्ल के कुत्ते भोंक रहे हे अछा हे सोये लोग जग रहे हे ,आप ने शानदार लिखा हे |
ReplyDeleteवन्दे मातरम
गद्दार की अच्छी पोल खोली आपने
ReplyDeleteत्यागी भाई, इतनी बातें सबको समझ में लाना, यही एकमात्र काम भारत में करना है | बाकी सब तुरंत ठीक हो जायेगा |
ReplyDeleteWikipedia shows his religion as "rajnikanth"..........???????
ReplyDeleteDear reformer
ReplyDeleteThanks for the information. you can easily see how congress and specially digvijay singh influensive and ultimately he has changed his religion on wekkipidia website instead of changing his own religion. This shows their influence on the system and the country. we really scared what they can do with india and its culture. really we are under threat.
Regards
Tyagi
Dear friends
ReplyDeleteWe know the congress tactics. if they can changed / remove the govt. then this is not big deal to change Mr. Digvijey singh's religion on wikkipedia website. the can paint any politician or any body with same paint.
i am giving the link of the article of Francois Gautier a franc laureate and great writer where he is exposed. Pls. visit - http://arkabala.sulekha.com/blog/post/2008/10/christian-missionary-raj-in-india-thru-sonia-miano.htm
Regards
Tyagi
bahut badhiya.abhi desh main bahut jaichand hain.
ReplyDeletemaulana mohammad digvjay khan ko mrityu dand milna chahiye Animesh jha
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना कभी समय मिले तो यहाँ हमारे ब्लॉग //shiva12877.blogspot.com पर भी एक नज़र डालें
ReplyDeleteI was not aware of Diggi Pig's this truth. Thanks again for great post.
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