Wednesday, February 25, 2009

भारत माता किसकी माता?

आज भारत मैं वन्दे मातरम नहीं बोलना. मंदिर की बात तो करनी ही नहीं. अन्यथा प्रगतिशील और सेकुलेर नहीं कहलाओगे. कुंठित, परम्परावादी, ब्रह्मणवादी बनने का आरोप लगा दिया जायेगा . नहीं तो फिर संघी या बीजेपी वाला भी लोग आपको कह सकते है परन्तु राम भक्त नहीं कहलवा सकते.
भारत माता को डायन कहेने वाला माननीय सांसद जी हो सकता है परन्तु भारत माता कहने वाला भगवा गुंडा होगा. भगवा शब्द आज त्याग नहीं भगवा गुंडा बन गया. आज नारी (आदरनिये मंत्री जी) गुलाबी चड्डी भेज रही है. केंद्रीय मंत्री धाडले से साथ दे रही है (जैसे झाँसी की रानी वाला काम येही कर रही है) आस्कर पुरुस्कार पर हिजडो की तरह तालिया बजाय जा रही है. अरे यार क्या झंडे गाड दिए स्लम डोग बनाकर. एक अंग्रेज निदेशक ने टोपी पहना दी १२० करोड़ हिन्दुस्तानियो को. ये अंग्रेजो की खीज ही  है जो उन्होंने हम पर निकली है और कुत्ता शब्द से नवाजा गया. इतनी ही न्यायप्रियेता होती तो दे देते लगान पिक्चर को आस्कर. 
हां सलामडोग को दिया क्योंकि सिलीकान वेली की हकीकत अंग्रेजो से पची नहीं, देश के टेलेंट को हजम नहीं कर पाए.  
फिर अंग्रजो की  मुसलमानों को चढाने की सौ सालो की नीति  भी मुह के बल गिर पड़ी. खाली इंग्लेंड की ही हवा अभी उतरी है वहां पर अंग्रेज अलपसंख्यक बनने की कगार पर है और मुस्लमान इंग्लेंड को तालिबान बनने का ख़म ठोंक चुके. तो खीज भारत को नीचा  दिखा कर उतारी गई है और इनाम के तौर पर कुत्ते शब्द से नवाज दिया. सही कहूँ  तो यह है की घर की औरत को नंगी कर कर "बेस्ट वैश्या" का इनाम देदिया. और इनाम मैं राजा  ने अपनी उस बेस्ट औरत को अपनी रखैल रख ली. अब इसे हजम करने की गोली मीडिया हमे दे ही रही है. तब  इस का क्या करे? ऊपर से तुरा यह की ये सप्रंग सरकार की उपलब्धि है (भारतीय को कुत्ते शब्द से परिभाषित करने के लिए तभी तो कोंग्रेसी एक साथ बोले "जय हो". अभिषेक संघवी जी भी तो येही कहे रहे है. दुःख येही है की सोनिया जी को ऑस्कर मैं इनाम देने के लिया नहीं बुलाया गया . मुझे तो डर है कही लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस इसको अपनी उपलब्धि ही न बना ले.
और हाँ ये भी बता दिया जाये के आज कल अमरीका मैं भारतीयों को गाली के रूप मैं सलाम डोग ही कहा जा रहा है पता नहीं  ये भी इस सरकार की उपलब्धि है या नहीं.
अच्छा ये भी है  की भारत मैं राजनीती किस बात की हो रही है. भाई कोई अब मजदूर की तो बात करता नहीं है.  मीडिया और कुछ (एक) नेता शेयर मार्केट मैं निवेशको की जरूर तरफदारी करते है (जो की पूरी जन्संख्या का .५% भी नहीं है) . दूसरा किसान की कोई बात नहीं करता. शरद पवार जी के समय मैं सबसे ज्यादा किसानो ने आत्महत्या की है. परन्तु छाती ठोक कर प्रधानमंत्री बन ने का दावा आज भी पवार जी का सबसे ऊपर है. किसानो की आत्महत्या होने के बाद भी कांग्रेस कहती है के पौने दौ सो सीट ले लेंगे अब पता नहीं किसान किस बात से प्रसन हो कर या  मजदूर और निवेशक किस बात से प्रसन होकर सत्ता में कोंग्रेस को लायेंगे.
अच्छा बात मंदिर और भारत माता की थी. तब महात्मा गाँधी जो थे, क्या सड़के बनवा या पानी के नल लगवा  कर राष्ट्रपिता बन गये थे. अरे राजनीती मैं कोई विचार (जैसे गाँधी का अहिंसा का था ) तो होगा ही. अब कांग्रेस कहती है उसे वोट दो मैं पूछता हु भाई क्यों ? तो उत्तर उनके पास भी नहीं. प्रधानंमंत्री सरकार नहीं चलाता (असल में तो उसको खुद को कोई और चलाता है). जो सरकार चलाता है (सोनिया) वो प्रधान मंत्री नहीं है. जिसको प्रधान मंत्री बनना  है वो कुछ भी नहीं परन्तु प्रधान मंत्री का दावादार है. जिस को प्रधान मंत्री बनना था वो त्याग की दैवी (जबरदस्ती स्वम्भू ) बन गई. जिन्होंने  सरकार बचाई (सपा) वो सरकार में है नहीं. जिन्होंने सरकार चार साल चलाई वो (वामपंथी) सरकार के विरोध में सरकार गिराकर उसी सरकार को बनाने का दावा कर रहे है. उनके (वामदलों) द्वारा घोषित प्रधानमंत्री सुश्री मायावती जी सप्रंग सरकार का विरोध कर रही है. मुझे तो कुछ समझ मैं नहीं आ रहा है. इसमें तो सभी सरकार है और सभी सरकार के विरोध में और ऊपर से तुर्रा यह की सरकार को वोट दो. भाई इस गड़बड़ झाले से बचाओ. मुझे सरकार से बचाओ. मैं ठहरा राम राम भजने वाल, राम का नाम लेने वाला. भारत माता की जय बोलने दो. राम का नाम लेने दो. सरकार - सरकार खेलते रहो. पाकिस्तान भी तो वही खेल रहा है. वो नंगा है और आपने अभी तक कपडे पहन रखे है बस अंतर इतना सा है. सबकी अपनी - अपनी माता है, दुनिया में बच्चे अनाथ होते है यहाँ भारत माता अपने बच्चे ढूंड रही है. क्यूंकि भारत माता किसकी माता, दावा कोई ठोक ही नहीं रहा है.
क्यूंकि जो भी भारत माता - भारत माता करेगा उसपर संघी होने का आरोप चस्पा दिया जायेगा. और संघी तो भारत के वासी है ही नहीं है. पता नहीं देश में ८० हजार शाखा कौन बेवकूफ लगा रहे है ?

1 comment:

  1. baat to sahi kahi hai aapne par jab log samjhe tab na.....

    aapki typing me jo mistakes hai unhe sahi karne ke liye is editor ko bhi try karen...

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