Friday, March 19, 2010

तुम्हारे बाप का राज है क्या? हाँ यहाँ तो है !!!!!!!!

काफी लोग अभी भी गाफिल है खासकर की बीजेपी में और कुछ की खुमारी उतर चुकी है परन्तु अभी पूरी तरह नहीं.
वैसे तो हिंदुत्व से इतर कुछ लिखना अपनी लेखनी ख़राब करना ही है परन्तु देश जो अफीम की पुडिया का आदि होगया उस अफीम की पुडिया के इंडग्रिडएंट्स पर ध्यान तो देना ही होगा. असल में पिछले ६ वर्षो से मीडिया की नपुंसकता और उसकी कुकुर पैसे की भूख की नंगी सचाई तो देश को देखनी ही चाहिय. कांग्रेस और हिटलर में अंतर कर पाना आज कोई भी मुश्किल नहीं है वैसे तो कांग्रेस की तुलना हिटलर से करके मुझे भी गलानी हो रही है क्योंकि हिटलर की देशभक्ति पर तो किसी को शक और शुबा नहीं था परन्तु यह तो कांग्रेस और मीडिया दोनों के ही देश और उसकी भक्ति का किसी को पता ही नहीं है. मित्रो अमेरिका का मित्र होना गलत नहीं अरे जो आपकी सहयता करता है यदि करता है तो स्वाभाविक रूप से आप उसके मित्र हुए परन्तु उसको सरे आम मई बाप मानना तो गलत ही होगा.
ठीक मित्रो मीडिया और कांग्रेस से संबंधो पर आते है. मैं एक बात दावे के साथ कह सकता हूँ की मीडिया कांग्रेस की मर्जी से ही चल रहा है. एक अखबार, टीवी और पत्रिका ऐसी नहीं जो कांग्रेस की बगैर मर्जी के एक लाइन भी लिख या दिखादे. दोस्तों आज तो विस्तार से लिख कर ही दम लूँगा. क्योंकि देश को कूड़ेदान और देशवासियो को भडवा बना कर रख दिया इस बदसूरत मीडिया ने. मैं नहीं कहता की बिको मत अरे खुद को बेच दो अपने घर वालो को बेच दो परन्तु तुमने तो मतलब कसम ही खाली के हमे भी बेच कर दम लोगे. बस करो यह नंगई.
एक समाचार एसा नहीं जो देश के सरोकार का हो. पैसे के आगे पांचजन्य और जनसत्ता (कोमुनिस्टओ का गुलाम) कांग्रेस जैसे के आगे आगे ही बिक चुके और दम तोड़ चुके. सलाम है शिव सेना को और उसके अखबार सामना को खासतोर से संजय राउत भाई को जो आज भी सत्ता विरोधी कांग्रेस विरोधी बात को शेर के जिगर से जनता के सामने रखते है, नमन है उन हजारो ब्लोगर्स और वेब संचालको को जिनके गुर्दों में सच लिखने और बोलने की शक्ति है. नाम नहीं गिनाना चाहता परन्तु असंख्य ब्लोगर्स जो आज इस हिन्दू के बारे में आज के भारत में शमित और दमित कौम के बारे में शिवाजी और महराना प्रताप की भांति खूंटा ठोक कर लिख कर युद्ध का शंखनाद कर रहे है.
अब वो बारीकिय जिस में मीडिया कांग्रेस का साथ दे रही है. और आप में से मुझे कोई जवाब दे की क्या यह गलत है और यदि वास्तव में यह ही है तो मित्रो मुझे बता दो आप क्या कर रहे हो. अरे एक वो इमरजेंसी थी जब तुम्हारे बाप और भाइयो को जेल में ठूस दिया था . इन कांग्रेस्सियो ने आज तो तुमे घरो में ही ठूस कर नपुंसक बना दिया.
  • जब जब देश में कोई कांग्रेस के खिलाफ कोई भी घटना और वातावरण होता है यह मीडिया वाले विशेष रूप से टीवी वाले अपनी रेक में से पहले से ही बनी बने कोई न्यूज़ की सीडी लगा देते है. आज जब सारा विपक्ष महंगाई के विरुद्ध एक है तो क्या मीडिया ने इस आन्दोलन को दिखाया. नहीं. संसद में विपक्षी दल ने सत्ता की ठोक कर बजाई परन्तु मीडिया बावले पिल्लै की तरह हमे इछाधरी और पता नहीं किस किस बाबा की पहेले से तैयार सीडी दिखा कर हमे अफीम की गोली खिलने में मस्त है. ओ मीडिया वालो एसी सीडी अमर सिंह, मुलायम और भजन लाल की क्यों नहीं दिखाते, खोजी पत्रकारिता के नाम पर तुमे संघ परिवार का संजय जोशी मिलता है जिसे की पब्लिक में कोई जनता नहीं था परन्तु तुमने चटकारे लगा लगा कर दिखाई. क्यों ६ साल में तुम्हे सेना में किसी हतियार की सप्लाई पर अभी तक ओब्जेक्सन नहीं हुआ. वो बंगारू लक्ष्मण के समय में तो बड़ी खोजी पत्रिकारिता याद थी अब मीडिया धर्म निभाने वाला तरुण तेजपाल और उसका गैंग कहाँ गया. राजदीप सरदेसाई और विनोद दुआ को सिखों के नरसंहार करने वाले सज्जन कुमार को खोजी पत्रकारिता के चश्मे से क्यों नहीं देखते और दिल्ली से बैठे बैठे नरेंद्र मोदी दिख जाता है. गडकरी जी की शुचिता की पहेल पर इंदोर में बीजेपी के अधिवेशन की रिपोर्टिंग के लिया एन ड़ी टीवी ने पत्रकार भेजे भी तो रिपोर्टिंग उनके टेंटो के आलीशान बनाने और उसकी मजाक उड़ने के लिए भेजे. मैं नहीं कहता की बीजेपी वाले कोई दूध के धुले है परन्तु सोनिया और राहुल को रिपोर्टो में इसे प्रस्तुत करते हो जैसे की कोई देव तुल्य महापुरुष हो और मोहन भागवत को ऐसे जैसे रिंग मास्टर हो. अरे दूसरी बार तो कांग्रेस राज कर रही है साठ बरस का राज देख चुके हो. और क्या चाहते हो की जनम जनम कांग्रेस ही भारत पर राज करती रहे. और ऊपर से तुम मीडिया तुर्रा यह देते हो की देश की आजादी का ठेका सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे पास है. अरे शर्म करो इस तरहे का फतवा तो मुल्ला, मोलवी और मौलाना भी नाहे देते जिस तरेह से तुमने कांग्रेस के पक्ष में दे रखा है. संसार गवाह है की इस प्रकार की मीडिया किसी देश में नहीं जो कभी कही भी प्रधानमत्री और सत्ता पक्ष की इतनी हितेषी हो. क्या इस देश के प्रधानमंत्री ने अभी ६ सालो में क्या एक भी गलत काम नहीं किया एक भी की आपने उसकी आलोचना की हो. क्या सोनिया, राहुल और प्रियंका खोजी पत्रकारिता के आप के चश्मे से अलग है. अरे तुमने तो अटल जैसे व्यक्ति की ब्रहमचारी होने पर भी उनकी प्रधानमंत्री रहते बखिया उधेड़ दी थी. स्त्री को भी नहीं छोड़ा था उमा जी और गोविन्द जी के बारे में क्या क्या नहीं लिख दिया था. क्या राहुल के बारे में ३९ सालो में एक भी खबर नहीं. अरे तुम तो अमेरिका से भी बड़े अड़ियल हो वहां और फ़्रांस के लोग तो अपने नेता के बारे में क्या क्या नहीं लिखते. हा बात बीजेपी की हो तो अडवाणी जी की बेटी के बारे भी लिख देंगे. अरे मीडिया वालो देश में अपना गुंडाराज बंद करो और सचाई लिखो नहीं तो बड़े बड़े अखबार बंद होगये तुम्हारी तो औकात ही क्या. पर मैं एसा भी तो नहीं कह सकता क्योंकि तुम पिछले .दरवाजे से देशभक्त अखबार पैसे के दम पर जो खरीद लेते हो.
  • यह पहला खुला बाजार देखा है जहाँ पर एक जैसा ही माल बेचती कंपनिया है जो कांग्रेस की चाशनी में से निकल कर बनती हो. अब देखिये सी एन एन आइ बी एन सेवन, एन डि टीवी, आज तक और बड़े बड़े चॅनल को तो छोड़ो सी एन बी सी एक छोटा सा चैनल भी राहुल देव के साथ उसी लाईन पर है. चलो नंदन घिसो चंदन फ्री का है गिरयाते रहो भारत को और घर भरते रहो अपने.
  • आज जब देश में महंगाई के खिलाफ वातावरण है तो जानबूझ कर सचिन तेंदुलकर को कैसे भारत रतन दिलाया जाय इस पर परिचर्चा, इंटरविउ और यहाँ तक ओपिनिओं पोल भी और एक नहीं सिरे से सभी चैनलो से, आपको कोई साजिश नहीं दिखती इसमें, निश्चित रूप से है. मुझ से चैनल वाले पूछते है की आप महंगाई की बात करते हो हम देश को कोई तो सुख देने वाली घटना पर आपकी राय पूछ रहे है की सचिन जी को भारत रतन दे की नहीं. अरे यार यह तो ऐसे है की किसी शराब न पिने वाले से पूछ रहे हो की आप शराब लोगे की नहीं. अरे दे दो एक भारत रतन. अब राजीव गाँधी और इन्द्रा गाँधी, जवाहर लाल नेहेरू को क्या मुझ से पूछ कर दिया था. और फिर राज दीप सर देसाई, विनोद दुआ, बरखा दत्त, प्रनोय रॉय, एम् ऍफ़ हुसैन को क्या मुझ से पूछ कर दिया है. अरे देना है दे दो. सोनिया जी, रहुल जी, प्रियंका जी, मनमोहन जी, जैराम जी, कपिल सिबल जी, मुसलमानों के हितैषी दिग्विजिय जी और पता नहीं कितने जी जी को अभी देदो. एम् ऍफ़ हुसैन को अपनी बाप की परम्परा निभाने वाले कपिल सिबल के बेटे अखिल सिबल को उसका वकील बनने पर भी कोई रतन देदो. रत्नों के कमी थोड़े ही है आपके यहं, वैसे तो राहुल जी खुद एक रतन है. हम धन्य की राहुल गाँधी जी जैसे हमारा नेता हुआ और सोनिया जी जैसी राज माता. और सचिन को भारत रतन ही क्यों सीधा राष्ट्रपति ही बना दो टंटा ही ख़तम. सचिन भाई ने दो सौ रन बना दिया मेरे घर अपने आप ही घर के बर्तन दालों, चीनी और अन्य सामान से भर गय मेरे ही क्यों देश के सभी लोग उस दिन खाना नहीं बनाये क्योंकि सचिन ने रन ही इतने बना दिए थे के लोगो का पेट ही भर गया. और इसी कमाल के लिए सचिन को देश का राष्ट्रपति बनाना चाहिय.
  • आप देखो कमाल तो यह है की यह एक स्वामी जिसका की किसी ने नाम भी नहीं सुना उसकी एक सीडी पता नहीं सच है की झूट है को अंग्रजी तो छोड़ो हिंदी जिनके के दर्शक भी नहीं जानते उस स्वामी को के चैनल ने दर्शको को जो मसाला लगा लगा कर दिखाई है बस क्या बताये. इन संपादको और मालिको की जिनकी अपनी चार चार अपनी बेटी की उम्र की गर्लफ्रेंड है भी पूरी तन्मयता से दिखने में लग रहे है. अरे संपादको और मलिका से कोई पूछे की आप ऐसे क्यों है तो तुरंत हल्ला की यह तो निजता में दखल है हम आपको कोर्ट ले जायंगे और फला फला अरे कोई पूछे के क्या कहीं लिखा है की स्वामी जी किसी स्त्री से संपर्क नहीं कर सकते. और उसकी सीडी दिखाना स्वर्जनिक रूप से कहाँ का न्याय है. आज सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं इसका नोटिस ले रह है जो एक दलाल टाइप के नेता की सीडी दिखने की तो इजाजत नहीं ही देता और इन स्वामी की पर कोई आपत्ति नहीं और बिना जाने के इसमें कोई सचाई भी है की नहीं उनका चरित्र हनन होने दिया. और जिस स्वर्जनिक जीवन का हवाला देकर यह टीवी और अखबार स्वामी के बारे में दिखने और लिखने के जुर्रत कर रहे है उस स्वर्जनिक धर्म के धागे से तो यह भी जुड़े हुए है. जितना इस धर्मगुरु का समाज को जवाबदही है उतनी इन लोगो की अपने बारे में. अपने बारे में कुछ बता दो तो निजता पर हल्ला और स्वामी के बारे में लिखना तुम्हारी सामाजिक जिमेदारी. थू है तुम पर और इस निहाहित घटिया हरकत पर. जिस समाज की डोर से स्वामी बंधा है उसी से तुम भी बंधे हो और स्वर्जनिक जीवन के यह तिवारी टाइप नेता भी
  • क्यों नहीं तिवारी की सीडी अपने नहीं दिखाई वेह तो नेता भी बड़े प्रदेश उतर प्रदेश और उतरांचल का था. आपके दर्शक का बड़ा वर्ग देखता और आपकी टी आर पि भी बढती. परन्तु अपने नहीं दिखाई जबकि यह ही आपकी सामाजिक कर्तव्य था क्योंकि उसको इसी कारण से संविधानिक पद से हटाया गया. तो क्यों राहुल जी सोनिया जी प्रियंका जी और मनमोहन जी से सवाल पूछे के इस सीडी से आपका क्या सम्बन्ध है क्योंकि यह नेता आपके और आपके परिवार से साठ से भी ज्यादा सालो से जुड़ा हुआ आपके परिवार के सदस्य जैसे था. जबकि २० सेकेंड की एक फोटो होने से नरेंदर मोदी से सवाल पूछे जा रहे है. यह खींसे निपोरते कांग्रेसियो से पूछो की भजन लाल की सीडी क्यों नहीं दिखाई जाती. आज हिन्दू धर्गुरु ही दिखाई देते है आपको. क्यों नहीं किसी मुल्ला, मौलवी, मौलाना, पादरी की सीडी दिखाते और बनाते. गरीब की जोरू सब की भाभी. हिन्दू ही मिला है कश्मीर में उसकी माँ बेहें नंगी की गई, आईटम सोंग के नाम पर बहु बेटी और अब कैमरों के जरिया धर्म गुरु. मुझे पता ही नहीं की इस दक्षिण के स्वामी की सीडी में क्या है क्या नहीं परन्तु जिस प्रकार उसके फोटो पर थूकते जूते चलते और मीडिया का जमवाड़ा था उसपर तो किसी साजिश के होने का शक ही किया जा सकता है. यह उस स्वामी के भगत भी नहीं थे जो उसकी फोटो पर चढ़ बैठे.
  • और पता नहीं हिन्दू धर्म के और धर्म गुरु क्यों इतने डिफेंसिव होगये. किसी ने नहीं कहा की कोई दुशप्रचार भी होसकता है. सोनिया गाँधी की सच्ची बात लिखने पर डॉ. स्वामी पर दुष्प्रचार का आरोप लग्सकता है. राहुल गाँधी की अमेठी कांड पर ऍफ़ ई आर कांग्रेस के करने पर भी दुष्प्रचार हो सकता है. तो क्या स्वामी के खिलाफ कोई दुस्प्रचार नहीं होसकता.
  • मीडिया को कार्यवाही ही करनी है तो लालू यादव की बेटी के मित्र अभिषेक की हत्या हुई थी रांची के पास तीन साल पहेल उस बिचारे अभिषेक के पिता का अभी भी हाल बुरा है क्यों नहीं मीडिया अपनी खोजी पत्रकारिता दिखाता क्यों नहीं हत्यारों को पकड़ता.
  • आप हाल की कुछ खबरे लेले और अंदाजा लगा ले की मीडिया कितना पक्षपाती है. और एक ही खबर को बार बार देखाया जाता है. ठाकरे का शाहरुख़ विरोध. राहुल के मुंबई यात्रा. इंदौर में बीजेपी के अधिवेशन का मजाक. गडकरी जी की शुचिता का मजाक और राहुल गाँधी के दलित के घर जीने के ढकोसले की तारीफ. एम् ऍफ़ हुसैन की माँ भारती की नंगी तस्वीर बनाना और तसलीमा नसरीन का बुर्के के खिलाफ लिखना एक ही पल में बराबर मान लेना और उसपर चर्चा. यह तो भाई पुणे में १३ फरवरी को बम धमाका होगया और बच्गाए बजरंग दल वाले और संघ परिवार नहीं तो टीवी वालो ने तो कई साल पुरानी सीडी निकाल ही ली थी १४ फरवरी के पुरे दिन वो ही १० साल पुराने फुटेज होते की कैसे बजरंग दल वाले दो प्रेमियो को नहीं मिलने देते.
  • मैं दावे के साथ कह सकता हूँ किसी दिन भी कांग्रेस या सरकार कुछ गलत करती है मीडिया एक नहीं सभी जानबुझ कर कोई गैरजरूरी मसालेदार खबर चलादेते है. और यह पुरे ६ साल से जारी है. आप पूछ सकते है मीडिया को फयदा क्या है भारत निर्माण और नरेगा का एअड़वरटाईजमेंट के रूप में सारा पैसे मीडिया को जा रहा है. में अपने ही किसी पाठक से अनुरोध करूँगा की आर टी ई में याचिका दाखिल की जाये और पूछा जाये की कितना पैसा इसमें से मीडिया को सीधा विज्ञापनों के रूप में जा रहा है.
  • आज मीडिया में शाहरुख़, क्रिकेट, सचिन, बोलीवूड, इचाह्धारी बाबे, फैशन, हँसी चुटकले, राजू श्रीवास्तव, ज्यौतिष भविष्यवानिया, लडकियों का राहुल गाँधी से प्यार, मनमोहन का अडवाणी को करार जवाब (जवाब ही देना है तो करोडो महंगाई से मर रहे उस आम आदमी को दो जिसने आपको चुनाव जीताया है) ललित मोदी, शिल्पा शेट्ठी, आदि आदि ही क्यों. वो भी प्राइम टाइम में.
  • बीजेपी के सरकार में तो तरुण तेज पल और उसके गैंग को देश की बड़ी चिंता थी अब खोजी पत्रकारिता ६ साल से क्यों गिरवी है. आज सभी बड़े अखबार दिल्ली से छपने वाले एक तरफा कांग्रेस अखबार बन गए. एक पत्रिका राष्ट्रीय स्तर की नहीं जो निष्पक्ष खबर दे सब के सब कांग्रेस के प्रायोजित खबरे है. अब आप ही बताओ कैसे हम स्वतंत्र है.
  • कोई खोजी पत्रकारिता करे और इन चैंनलो वालो के स्टूडियो में जाये फिर देखेगा की जैसे ही सरकार के विरूद्ध और कांग्रेस के विरुद्ध देश में कुछ होता है कोई न कोई रेडी मेड खबर की मसालेदार सीडी यह चैंनल वाले चला देते है. भाई पिछले ६ साल से येही ही हो रहा है. अच्छा विश्वाश आपको होगा नहीं मेरी नहीं सरकार की ही मान लो और ६ साल के पदम् भूषण और पदम् श्री की लिस्ट निकलवा दो सारे टीवी के पत्रकार दिख जायंगे. और भारत निर्माण और नरेगा का खर्चा और इनको विज्ञापन की आय निकाल लो. पर निकलेगा कौन. इसी विज्ञापनों की आय से तो इन पत्रकारों को महंगाई नहीं दिख रही
  • इन्द्रा गाँधी ने एमर्जंसी में जेल में ठुसे थे और इस सोनिया गाँधी ने हमे घर में ही ठूस दिया कुछ और नहींचार साल और सरकार चली तो तालू से हमारी जबान चिपक जाएगी और हम नपुंसक बनकर रहे जायेंगे समझने वाले समझते है और जो नहीं समझ रहे बस समझ ले की भगवान् ने कद्दू में आँख नाक और कान ही फिट करदिये और इ वि एम् और विज्ञानं का अपनाने की प्रगति और उसके ढकोसले को मानते हुए बटन दबाव जाओ और आम जनता की सरकार आम जनता के खास लोगो तक सिमित और खास लोगो के लिए को देखते जाओ.
  • हाँ मीडिया इतनी जरुर होशियार है पेशावर सवतंत्रता की दुहाई देने वाली मीडिया गुजरात के ब्रांड अम्बेसडर बनाने पर अमिताभ बच्चन को जरुर लताडती है उसने रण जैसी मीडिया के औकात और असलियत दिखाती पिक्चर जो बना दी. हाँ शाहरुख़ को जरुर सर पर बिठाये है क्योंकि उसकी अपनी जस्टीफिकशियन में फिट जो बैठता है. और इस तर्क पर जो फिट बैठेगा वो मीडिया के सर आखों पर फिर वो चाहे दो दर्जे का पटना का मटुकनाथ मास्टर ही क्यों न हो.
  • ओ मुर्ख हिन्दू कुम्भ में पाप धोने हरिद्वार मत जा, बावला होगया क्या, हिंदुस्तान में पाप धोने है तो कांग्रेस में शामिल हो जा देखता नहीं ८० साल के पाप एक बूढ़े राज नेता के कांग्रेस ही धो सकती है एसा तो हरिद्वार में बैठे बाबा लोग भी नहीं कर सकते. फिर उन बाबा लोग से यह राहुल बाबा ही अच्छे है कुछ भी कर लो कोई मीडिया वाल सड़क पर नंगे नाचते को भी कोई फैशन शो का नाम देकर कोई रतन दिला सकता है. देखा नहीं तुम्हारी माँ की नंगी तस्वीर बनाने पर सरकार ने एम् एक हुसैन को कितने रतन देदिए. पागल है एम् ऍफ़ हुसैन जो कतार चला गया. आज वो भारत आ जाता तो सचिन की जगह उसे ही भारत रतन का मीडिया में ओपिनियन पोल हो रह होता और हम यू ही ब्लॉग के पन्ने काले कर रहे होते.
  • वाकई भाई मान गए कांग्रेसियो. और बीजेपी देख लो अबकी सरकार में आगये तो मीडिया कैसे मेनेज करना है सिखलो. आओगे तब न. तब तक आपातकाल लागु है और देश में हलचल भी नहीं.
मुझे क्या मैं तो आजाद भारत का धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक अधिकारों से संपन भारतीय हूँ . जिसको गरज हो वो विरोध करे. मुझे मेरी सरकार और मेरे स्वतंत्र मीडिया पर पूरा भरोसा है की वो मेरी आवाज को सुनेगी. सुनेगी तब जब निकलेगी.
जय भारत जय भारती.

8 comments:

  1. त्यागी जी, बहुत लम्बे समय से जमा गुबार निकाल दिया आपने… एक-एक शब्द अंगारों से भरा सच है… आपको हार्दिक नमन… काश कि हिन्दू जागें…

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  2. मैम भी सुरेश जी के साथ आवाज मिलाता हूं..

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  3. बहुत सुन्दर ,वास्तव में ये मीडिया का ही कमाल है,की अभी हाल ही में राहुल गाँधी बिहार में गया था और इस को सम्मलेन छोड़ कर भागना पड़ा.नहीं तो इसके पीटने की तैयारी हो गयी थी.किन्तु इस हरामी टैली मिडिया ने उस खबर को बिलकुल भी नहीं दिखाया.

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  4. बढ़िया आलेख!!! कुछ इसी तरह सेकुलर मीडिया के बखिये मैंने भी अपने ब्लॉग पर उधेड़े हैं , कृपया पढ़िए और अपनी टिपण्णी दीजिये . धन्यवाद .
    http://bharatbhumiyugeyuge.blogspot.com/2010/03/blog-post.html

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  5. मिडिया थोड़े ही है यह रंडीखाना बन गया है,जहां मिडियाकर्मी रूपी वेश्याये पैसे के इशारों पे नंगा नाच दिखा रहे है

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  6. Bhai kya likhteho???? Rongte kharre kar dete ho!!!!! Rukna mat kabhi bhi!!!!!!

    Regards!!!!!

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  7. आपका एक एक अक्षर सत्य है भैया.. हम कहाँ जाएँ.. कहाँ गुहार लगाएं.. जब हमारे लोग ही हमारे साथ नहीं है..
    ये सब कुछ नेहरु और आंबेडकर का किया धरा है..जिन्होंने ये संविधान बनाया जिसमे हिंदू के लिए कोई स्थान नहीं है और रही सही कसर इनकी आने वाली इनकी वर्ण-संकर नस्लों ने अपने वोटों के लिए पूरी कर दी..

    हिंदू तो धन कमाने में.. भांडो की तरह नाचने-गाने मैं.. मेक्डोनाल्ड मैं अपनी लुगाई बच्चों को विदेशी रोटी खिलने मैं.. बुद्धू बक्से के सामने अपनी लुगाई-बच्चों के साथ बैठ कर पेप्सी की घूँट के साथ शाहरूख नाम के भडवे को नांचते देख देख कर खुश हो कर तालियाँ पीटने मैं. और अपनी लुगाई को करीना-सैफअली खान की तरह सजाने और उसकी तरह बनने की सीख देने में ही लगा हुआ है भाई साहब..

    अब तो राम ही मालिक है.. हिंदू कौम का..
    बड़े दुःख का विषय है भैया..
    ये सब देख देख और सुन कर दिल बैठ जाता है..

    इन हिंजड़ों की फौज को कैसे मर्द बनाया जाये कुछ सूझता ही नहीं..

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  8. sadho sadho ....aksharshah sahi baat hai ....sharir ke rongate khare kar diye bhai aapne .....

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