आज आपको जानकर बहुत आश्चर्य होगा की कांग्रेस ने किस प्रकार दिल्ली में राजधानी में बैठ कर घोटाला किया हैं. यह बहुत ही सनसनीखेज हैं. आज कल आप यदि टीवी देखते हो तो आपको दिख जायेगा के तेल बचाओ पी सी आर अ का विज्ञापन आ रहा है. आज कल किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की औकात नहीं विज्ञापन टीवी पर देने की वो भी प्राइम टाइम में वंहा पर कांग्रेस मीडिया विशेषतौर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रिश्वत दे रही है. यह सब होरहा हैं बीजेपी की नाक के नीचे. चुनाव आयोग से तो में उम्मीद करता ही नहीं की वो कांग्रेस की कारगुजारी को नोट करे. और यह कांग्रेस की रिश्वत का ही नतीजा हैं की राहुल जी, प्रियंका जी, सोनिया जी की हर रैली की कवरेज हैं और कांग्रेस के विरुद्ध एक शब्द नहीं है. इसी का नतीजा है के मीडिया ने कांग्रेस से मिलकर वरुण को जेल भिजवाया हैं. इसी एक पी सी आर अ के तेल बचाओ विज्ञापन का नतीजा हैं की मीडिया रिश्वत लेकर कांग्रेस की जय जय कार कर रहा है. और बीजेपी के रणनीतिकार हवा मैं घूम रहे हैं. अरे नाक के नीचे देश के करदताओ का पैसा कांग्रेस अपने चुनाव के नतीजे प्रभावित करने मैं कर रही हैं. अरे इतने का तो इस विज्ञापन ने तेल नहीं बचाया होगा उससे कई हज़ार गुना का पैसा टीवी वालो को रिश्वत के रूप मैं देदिया होगा. उस स्पोंसर वरुण की सीडी चलाने का यह ही राज है. और आप बुद्धिमान लोगो जरा विचार तो करो की यह विज्ञापन इसी समय आ क्यों रहा हैं. वो भी दिन में कई बार और सभी चैनल पर. यह दिल्ली मैं नाक के नीचे बहुत बड़ा घोटाला है. जेटली जी ध्यान दो, बीजेपी ध्यान दो नहीं तो शकुनी अभी भी पासा पलट सकता हैं. कल वोट पड़ेंगी और कांग्रेस ने पहेले चरण में मीडिया को तो कर ही लिया. क्या कोई चुनाव आयोग से या राईट टू इन्फोर्मेशन एक्ट से पता करेगा की कांग्रेस ने इस चुनाव के समय कितने बज़ट के विज्ञापन मीडिया को रिश्वत के तौर पर दिया. अब आप लोग मीडिया से उम्मीद नहीं करना के वो इस पर बोलेगी. घोड़ा घास से यारी करे गा तो खायेगा क्या. वोट डालो, पप्पू मत बनो, एक वोट सब बदल सकता है, जागो - यह सब नारे मीडिया के ढकोसले हैं. अब निर्णय आपके हाथ हैं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
पब्लिक है ये सब जानती है. मीडिया की कार्दानी सबको मालूम है. पाच साल शाशन किया कांग्रेस ने और वो बहस करते हैं की बीजेपी ने क्या नहीं किया. और एक नहीं सारे के सारे चैनेल वाले का यही रवैया है. किसी किसी चैनेल पर तो कांग्रेस वाले सवाल पूछने पर मुस्खाराते हैं मानो कह रहे हो की सवाल बदलो तुमको तो मालूम ही है की ऐसा सवाल करने से मन किया गया है. लेकिन वोट देने वालो को तो ये दो चार चैनेल वालो कोई लेना देना नहीं है. वो तो काम देख कर वोट करेंगे.
ReplyDeleteसटीक पोस्ट लिखी है।बधाई।
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