Wednesday, May 27, 2009

कसाब क्यों हँस रहा है??????????????

बड़ी ही विचित्र और हास्यप्रद स्थिति है की एक आतंकवादी जो की अदालत में खडा है बार बार मुस्करा क्यों रहा हैं? और मीडिया में यह खबर तस्वीर के साथ लीक क्यों की जा रही हैं. क्या हमारी नपुंसकता का सड़क पर प्रदर्शन नहीं है. प्रशन दो उठते हैं एक तो कसाब मुस्करा क्यों रहा है दूसरा मीडिया में इस खबर को लीक क्यों किया जा रहा है.
पहेले प्रश्न कसाब के मुस्कराने का है. ये दुर्दांत आतंकवादी हँसे तो हँसे क्यों नहीं.
  • जिस देश के लोग मुंबई बम धमाको के बाद भी न केवल सरकार को माफ़ करदे बल्कि उसे भारी बहुमत से जीता दे तो वहां पर कसाब हँसे न तो क्या करे. ये मोमबत्ती की पैदाइश जब निकली थी तो आतंकवादियो की ही मुस्कराहट को ही रोशन कर गई.
  • जिस देश में अफजल गुरु जैसा खूंखार आतंकवादी अभी सरकारी मेजबानी में वर्जिश कर कर अपने सहेत बना रहा है. जहाँ पर दरिन्दे आतंकवादियो को देश का विदेश मंत्री बाइजत छोड़ कर आता हो.
  • जिस देश में आतंकवादी को सजा तो दूर उसपर कानून बनाने को ही झगडा होता हो.
  • जिस देश के अन्नदाता अर्थात किसान रोज आत्महत्या करते हो और चुनाव में वो मुद्दा ही न हो और वो ही खुनी सरकार को फिर से सरकार बनाने देदिया जाये।
  • जिस देश में मोमबती वाले लोग सेम्लेंगिक विवाह कानून बनाने के लिया प्रदर्शन करते हो,
  • दुर्दांत आतंकवादियो का कट्टर समर्थक विनायक सेन जैसे की रिहाई की मांग करते हुए भोंडा प्रदर्शन करते हो. और रिहाई होने पर अपने ही देश को दुसरे देशो की नजरो में खलनायक साबित करते हो.
  • जिस देश में मीडिया शिखंडी का रूप धरती हो , ३०० निर्दोष नागरिको की रिहाई की पेरवी करती हो और बातमानने पर उसी देश के ग्रहमंत्री को और सरकार को अरोप्ती करती हो.
  • वोट बैंक के संतुलन में विश्व्यापी इस्लामिक आतंकवाद के सामने छदम हिन्दू आतंकवाद खडा करना। और उन शांतिप्रिय हिन्दुओ पर आरोप लगाना जिनोहोने नपुंसकता की हद तक जाते हुए अहिंसा का समर्थन किया और तिबत और नेपाल जैसे देश भी गवा दिए। यह उन हिन्दुओ पर आरोप है जो अपने ही देश में कश्मीर से बिलबिलाते भागे हुए और दिल्ली के शिवरों में अपनी हसरतो को दम तोड़ते हुए देख रहे कश्मीरी पंडित की न रक्षा करने वाले। जिनकी माताओ और बहेनो की नंगी जन्घाहो पर पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लिखे गए थे।
  • जो हिन्दू अपने ही राम की रक्षा नहीं कर पाते वो बेचारे उनकी रक्षा का वादा करने वाले नायक वरुण को खलनायक बनाने पर तुले हुए है.
  • उस मीडिया पर विश्वाश करते हो जो हर समय यही याद दिलाती हो की सोनिया परिवार की चरण भाटगिरी करने में ही सुख है.
  • वो देश जो चाटुकारों की सिरमौर पार्टी, के सरताज हो जहा कभी लोकतान्त्रिक पद्दति से पार्टी में आन्तरिक चुनाव न हुए हो जहाँ पर सिर्फ और सिर्फ हाईकमान से चाटोकारो का मनोयान ही होता हो और जिस देश के नागरिको ने देश की कोने कोने में जाकर, लोकतंत्र के लिए जेल की तपती भट्टी में तपे हुए को लात मारकर। इक वंशवादी, भडवो और दोरंगे लोगो को देश की सत्ता सौप दी है.
  • जहाँ पर २० करोड़ लोग रात को भूखे सोते हो, दुनिया के सबसे हिंसात्मक देश इराक के बाद सबसे ज्यादा देश के नागरिक रोज कुत्ते बिल्ली की तेरहे मरते हो। जहा देश के लोग बम धमाको में मरे और अपहिज परिवार वालो को ढोते फिरते हो और फिर भी देश के सबसे बड़े अलोकतांत्रिक प्रधानमंत्री को दुबारा सत्ता सौपते हो.
  • जिस देश के घोषित रूप से पूर्व सैनिक सरकार के घोर रूप से अपने को नजरंदाज करने पर उसके मुह पर अपने जीते मैडल मारते हो।
  • जिस देश के लोग एक निर्लज, भ्रष्टचारी, परित्याग्य और घोर रूप से जलील करके क्रिकेट टीम से लात मारकरनिकाले जाने पर, अनजान प्रदेश के न मालूम स्थान से मुस्लिम गुंडई वोट बैंक की वजह से विजय हो जाये। और उसपर उसे माननीय सांसद कहकर और उसकी बीवी को बिठा कर आगे देश के भविष्य की बात करे.
  • जिस देश की सबसे बड़ी पार्टी के घोषित स्वम्बू सर्वशक्तिमान नेता गरीब होने (चुनाव आयोग को दिया ब्यौरे के अनुसार) और गरीब लोगो के (आम आदमी) के हितचिन्तक होने का स्वांग भरते और उसी पार्टी के १५० से ऊपर करोड़पति उमीदवार लोकतंत्र के मंदिर संसद में देश की छाती पर पिशाची अट्टहास लगाये.
  • जिस देश का दुनिया भर में लोकतंत्र का खुटा गाड़ने का अभिमान हो उसी देश का चुनाव परक्रिया का सबसे बड़े अहोदे का संवेधानिक व्यक्ति सरकार में चाटुकारी और चिरोरी करते मंत्री पद पर सुशोभित हो. इसे लोकतंत्र का ढोंग नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगेकल यदि नवीन चावला रिटायर होकर कांग्रेस का राष्टरपति का दावेदार हो तो आश्चर्य मत कीजिय गा .
  • जिस सप्रंग सरकार ने वाम दलों को समर्थन देने की एवज में बंगाल सरकार का 2004 में अभयदान देदिया हो. उसे लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी जाना बताना हिटलर और मुस्लोलिनी का भी अपमान है.
  • जिस नेता को दाऊद के संपर्को और अभी गेहूं की दलाली में संदेहस्पद देखा गया, जिसने १०० करोड़ हिन्दुओ की माँ को हिन्दू आतंकवादी पैदा करने का आरोप लगाया । उसी नेता को कृषि मंत्री बना कर देश को खोखला करने का परमिट दिया जा रहा है.
  • जिस देश में हिन्दुओ को घुट घुट मर जाने के लिया कहा जाता हो, दो देश इस्लामिक आतंकवादियो को 1947 में देदिए हो उसके बाद उनको बचे खुचे देश में आरक्षण देने का वादा हो.
  • मुस्लिम लीग का नेता देश का मंत्री हो और विदेशो में भारत का प्रतिनिधित्व करता हो उसी देश में हिन्दू महासभा , संघ और हिन्दू संगठनो को बधिया करने की कसमे खाने वालो को इनाम दिया जाये।
  • जिस देश का मानव संसाधन मंत्री अपने नाम पर मुस्लिम यूनिवर्सटी में सड़क का नाम रखवाने में इस्लामिक आतंकवादियो की न केवल पेरवी करता हो बल्कि उनको हिन्दू कर्दाताओ का पैसा भी देता हो। जिसका बुढापा इन्ही हिन्दुओ के श्राप की वजह से दरिद्रता से बीतेगा बल्कि अपहिज और धरती के रेंगते परजीवी से भी बत्तर बितताता प्रतीत होता है .
  • जिस देश में वरुण जैसे नायक जो अपने समाज को मुस्लिम गुंडों से बचाने का वादा करता हो उसी को जेल में दाल कर एक राजवंशी युवती अपने भोलेपन को हतियार बनाकर अठखेलिया का अभिनय करे और अट्हास करते हुए उसे गीता पड़ने के सलहा दे।
  • जिस देश में अपने तपे तपाये धरती से जुड़े नेताओ को जमिनोदोज करकर उसपर मिटटी डालने में तत्परता उनपर राज कर रहा है वो खुद क्यों चुनाव क्यों नहीं लड़ता , उसकी नेता पर घोषित रूप से एक दलाल को देश से बहार भगाने की आरोपी है। देश का पैसा बहार भेजने की भी आरोपी है परन्तु जिस देश का चोथा स्तम्भ कहे जाने वाला मीडिया और उस देश के नागरिक इस बात की जानकारी न लेना चाहे और न देना । जिनकी रुचि अभी भी हारी , धकियाई , आज मरंसन्न , और हौसला पस्त पार्टी के एक एक संसाद में ही रुचि लेती हो और बताने और जानने को उत्सुक लोग के नेता विपक्ष कौन होगा। बिना इस बात की चिंता करे की क्यों सारी जिंदगी विश्व बैंक की सेवा करने वाला बिना चुने देश का प्रधानमंत्री बनगया , क्यों सयुक्त परिषद् में सारी जिंदगी नौकरी करने वाला चुनाव से महज एक महीने पहेले केरला से कांग्रेस के टिकेट पर जीतकर पहेली ही बार मंत्री भी बनगया हो। जिस देश का मीडिया इस बात में रूचिलेता हो जो साक्षात् षड्यंत्र की और संकेत कर रहे है. वो देश के नागरिक अभी भी गोबर में विटामिन ढूंड रहे है। और उस विटामिन का स्वाद लेले कर अपनी तृष्णा मिटा रहे है.
  • हो जो देश यह भी न जाने की जो जिस देश में आतंकवादी अफजल और कसाब जैसे को सेलिब्रिटी का दर्जा दिया जाये. जिसको की पता हैं अभी कुछ समय बाद येही लोग बाइजत देश से बहार घर छोड़ने जायेंगे
  • जहा पर तेहेल्का और उनके जैसे निष्पक्ष (स्वघोषित) पत्रकारों की नौकरी ही बीजेपी के शासन में झूटे स्टिंगओपरस्शन बनने से होजो दलाली को भी पत्रकारिता कहेते होउनको गेहूं में, टेलकॉम में हतियारो में, कौत्रोची में, ने अमेठी बलात्कार कांड में, सी बी में, उसके दुरूपयोग में, रेल में, कोयले में, चुनावआयोग में, उसके मंत्री पड़ स्वीकारने में, उप्र के राजभवन में, तीस्ता सीतलवाद के ग़लत हलफनामे में, बंगाल के मर्क्स्वदिओ में, ने प्रियंका के सव्सुर के मरने में, अमर सिंह की सी डी में, हुड्डा की हरियाणा की जमीन में, अजित जोगी के क्रिस्टन मिसनारियो के संबंधो में, सुब्बा राव की विदेशी नागरिकता में, असम की गोगिया सरकार की बंगाल्देशियो को बंसाने में, दिल्ली की बिजली, सी एन जी और बी टी आर घोटाले में, देश भर में सड़क बनने के कारण में, वरुण के एक बहुत अन्तर से जितने में, जोशी जी जैसे एक बड़े गुंडे को हरा पाने की कहानी में, हिंदुस्तान में मरते किसानो में, दम तोड़ते कश्मीरी पंडितो में, दिल्ली में १०००० गुमहुए बच्चो में
  • रूचि है तो राहुल भइया की जे जे कार में और हिन्दुओ की बची खुच असीमित से खेलने में.
अब वंहा पर कसाब हँसे न तो क्या करे. वो तो तुम्हरी नपुंसकता पर मुस्कराकर तुम्हारी नसल को बधिया होते देख रहा है.

11 comments:

  1. आपने लेख में जो प्रश्‍न उठाये वास्‍तव में विचारणीय है, काग्रेस के पूरी जमात का राहुल के चरणो में नत्मस्‍तक होना यह बताता है कि अभी राजनीति और रसातल में जायेगी।

    कसाब मनमोहन की दूसरी पारी पर हँस रहा है, कि मेरी जिन्‍दगी और लम्‍बी हो गई।

    राम नाम का सत्‍यानाश भाजपा ने कर ही दिया है, भाजपा का साथ ले सहयोगी मजबूत हो रहे है पर भाजपा क्‍या कर रही है यह सोचना कठिन है, उडीसा में 10 साल तक सत्‍ता मे रहे आखिर इन्‍होने किया क्‍या ?

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  2. पूरी पोस्ट से सहमत, वाकई कसाब इसीलिये हँस रहा है… और आगे भी हँसता ही रहेगा… जय हो…

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  3. मेरे पास भी कुछ ऐसे ही सवाल थे, जवाब तो न मिला.
    आपने अच्छा लिखा है. पहले मुझे लगता था कि सिर्फ
    मैं ही ऐसा सोंच रहा हूँ पर ब्लॉग पर बहुत सारे लोगों कि सोंच मिलती है. मुझे लगता है सब आपके लेख को भाजपा या 'RSS' से जोड़ देंगे. वही घिसे पीटे सवाल पूछेंगे?
    देशहित कि बात आज लोगों के लिए बेमानी हो गयी है? हिन्दू विरोध एक फैशन.




    http://kumarvikrant.blogspot.com/2009/05/blog-post.html

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  4. कहने को कुछ बचा है क्या?

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  5. सत्यवचन , ये हिंदुस्तान है

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  6. निश्चित रूप से कसब को फाँसी की सज़ा होनी ही चाहिए , अफ़ज़ल को फाँसी देने में जो देर हो रही है वह अपेक्षित नही है किंतु क़ानूनी प्रक्रियाओं में समय तो लगता ही है. अफ़ज़ल की फाँसी का क्रमांक 22 वा है और उससे पहले 21 लोगों को सज़ा दिलाई जाएगी , ऐसे में न्यायिक व्यवस्था के प्रति अविश्वास जता कर आप लोग क्या साबित करना चाहते हैं?

    यहाँ मानवाधिकारों के बारे में बातें करने पर कथित राष्ट्रवादियों का कोप भाजन होना पड़ता है , जो खुद तो सुबेह शाम नशा करते हैं किंतु महिलाओं के पब जाने पर मज़हब और संस्कृति की दुहाई दे कर बदतमीज़ी करते हैं. जिन्होने गेट वे पर मोम बत्तियाँ जलाईं वे आतंकवादी हमलों मे मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे थे , यहाँ समलैंगिक कहाँ से टपक पड़े? क्या यह समलिंगियों के प्रति आपका दुराग्रह नही है?

    आप मनमोहन सिंह जी की देशभक्ति पर शंका व्यक्त कर रहें हैं यह बताने की कृपा करें की भाजपा जनसंघ के संपूर्ण इतिहास में एक भी ऐसा माई का लाल पैदा हुआ है जो विद्वत्ता के मामले में मनमोहन सिंह के नाख़ून की बराबरी कर पता हो?शशि थरूर जैसे महान व्यक्ति जो संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का चुनाव लड़े क्या इसके पीछे भी आपको अंतरराष्ट्रीय साजिश नज़र आती है?
    यह दुर्भाग्य पूर्ण है की दक्षिण पंथियों को अपने अलावा सभी लोग देश द्रोही और षड्यंत्रकारी नज़र आते हैं कृपया अपनी इस दकियानूसी सोच को बदलें और देखें की असल दुनिया कितनी अलग है.

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  7. bahut hi durbhagyapurna hai.........kahi bharat muslim rashtra to nahi banne ja raha..........

    bhaiyo ab to jago........

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  8. कसाब को तुरन्त फँसी मिलनी चाहिए, बिना किसी लाग लपेट | वो एक आतंकवादी है, मुसलमान नहीं |

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  9. मेरा बड़े सम्मान से उप्रोलिखित सज्जन श्री तौफिक जी से अनुरोध है की कृपया करके अपने इतिहास के ज्ञान को दुरुस्त करे और फिर किसी जनसंघी या किसी हिन्दू संघटन पर आरोप लगाये.
    आपकी जानकारी के लिया बता दू वीर सावरकर न केवल भारतवर्ष के बल्कि विश्व के क्रांतिकारियो के अगवा रहे है. ज्ञान के मामले में आपके जवाहरलाल नेहेरू भी श्यामा प्रशाद मुखर्जी की आगे बोने थे और प्रार्थना करने पर नेहेरू मंत्रिमंडल में थे. अरुण शौरी जैसे दिगज पत्रकार हिन्दू संघठनों में ही है. हलाकि में इस बहस का हिस्सा ही नहीं बनाना चाहता सिर्फ उद्देश्य इतना सा है की अर्जुन सिंह ने काफी जायदा खर्चा किया है कुछ विशेष लोगो के ज्ञान वर्धन के लिए उसी में से थोडा सा ज्ञान वर्धन करे और तमाम अकलियत को रोशन करे हजूर.
    हाँ कमी है तो जिन्न्हा, लियाकत और कुख्यात कादिर खान की.

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  10. aise atankabadi ko to sabke saamne tadpa tadpa kar maarana chahiye

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