आज कल लगता है शर्मिंदा होने का मौसम चल पड़ा पहले अपने आदरनिये प्रधान मंत्री जी १९८४ के सिख नरसंहार पर शर्मिंदा हुए। फ़िर सोनिया जी बाबरी ढांचे के विध्वंस पर शर्मिंदा हुई, फ़िर राहुल बाबा कलावती की हालत पर शर्मिंदा हुए और अपने पिता से १० कदम आगे जाकर १५ पैसे ही गरीब की झोली में जाने की बात कह पुराना टोटका अजमाया। आंध्र में कांग्रेस के एमपी बैंक मेनेजर को थप्पड़ मारकर शर्मिंदा हुआ। और अभी हाल में ही अपने आदरनिये ग्रहमंत्री श्री चिदंबरम जी कंधमाल की घटनाओ पर शर्मिंदा हुए। मैंने सोचा जब सभी शर्मिंदा हो रहे है मैं भी कुछ शर्मिंदा हो जाओ कुछ क्योंकि यह वो बाते हैं जिन पर मैं ही शर्मिंदा हो सकता हूँ। यह लोग शर्मिंदा नही होंगे। परन्तु चाहए जो हो इनकी सेलेक्टिविटी पर तो फ़िदा हुआ ही जा सकता है।
- जी, ग्रहमंत्री जी मैं शर्मिंदा हूँ इन १० लाख कश्मीरी ब्राह्मणों पर जो दिल्ली के टेंटों में मानसून का इंतजार कर रहे है।
- मैं शर्मिंदा हूँ एक बुढे सन्यासी स्वामी लक्ष्मानन्द सरस्वती जी की बर्बर और क्रूर हत्या पर।
- मैं शर्मिंदा हूँ उन ६० हिंदू कारसेवको के माँ, बेहें, बेटी और उनके बच्चो के सामने जिनको यह बतला दिया गया की तुम्हारे माँ बाप अपने आप ट्रेन बंद कर कर आग लगा कर मर गए। मैं शर्मिंदा हूँ की ६ साल से एक महान सेकुलर सरकार ने उन कातिलो को अभी तक नही पकड़ा।
- मैं शर्मिंदा हूँ भागलपुर, मलियाने, मेरठ, मुंबई, और देश भर के तमाम दंगा पीड़ित लोगो के सामने की कंधमाल जैसी किस्मत नही की आप से भी कोई माफ़ी मांगे।
- मैं शर्मिंदा हूँ मीडिया की उस साजिश से जिसमे गैर कांग्रेसी राज मैं हुई हर बात को पतंगड़ बनाया जाए।
- मैं बहुत शर्मिंदा हूँ श्री लंका के २०,००० तमिल हिन्दुओ की क्रूर हत्या।
- मैं शर्मिंदा हूँ कांग्रेस जनित भोपाल गैस कांड की पीडितो की न सुनवाई होने पर।
- मैं शर्मिंदा हूँ कोशी बाद पीडितो को बजट में एक रुपया न देने पर।
- मैं शर्मिंदा हूँ आधे हिन्दुस्थान पर गाँधी परिवार के लेबल चस्पाने से और एक, मात्र, एक पुल का नाम परम श्रध्ये प्रात: स्मरणये पूजनिये वीर सावरकर जी के नाम पर न रख पाने के लिए। हिन्दुस्थान तो छोड़ ही दो दूर फ्रांस देश के अनुरोध पर की हमारे यहाँ सावरकर जी की मूर्ति लगे, भारत सरकार अनुमति दे और उसके अनुमति न देने पर।
- मैं शर्मिंदा हूँ सावरकर जी की तपोस्थली अंदमान में उनके नाम की पट्टिका हटाने के छुटभैया टाइप नेता मणिशंकर आययर के आदेश से।
- मैं शर्मिंदा हूँ उन लाखो माताओ और बहेनो से जो अपने बेटे और भाई इस्लामिक आतंकवाद की भेंट चढ़ चुके है।
- मैं शर्मिंदा हूँ उन लाखो लोगो से जो अपने रिश्तेदार पिछले कांग्रेस राज में उसके इस्लामिक आतंकवाद की प्रेमनीति के ऊपर कुर्बान कर चुके।
- मैं शर्मिंदा हूँ मोहन लाल शर्मा के बीवी और बच्चो के सामने जिनको अपने बाप की शहादत को धर्मनिरपेक्षता की वोटो की तरजू पर झूलते देखा।
- मैं शर्मिंदा हूँ गुजरात के ५ करोड़ लोगो के सामने जिनको गुजोका कानून नहीं दे पाए उनकी दुष्टों से और आतंकवादियो से रक्षा के लिए।
- मैं शर्मिंदा हूँ उन हिन्दू और देशभक्त असमी भाई और बहेनो से जो न चाहकर भी अपनी असिमिता इस्लामिक गुंडों से नहीं बचा पा रहे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कांग्रेसी सरकार वोटो के लिए बंगलादेशी मुसलमानों को नहीं निकलने दे रही।
- मैं शर्मिंदा हूँ उन देशभक्त सैनिको के माता पिता और बच्चो के सामने जिन्होंने अफजल गुरु को फँसी न देने पर कांग्रेस सरकार के मुहं पर पुरस्कार और मैडल फैंक मारे।
- मैं शर्मिंदा हूँ मुंबई में मरने वाली आम जनता के रिश्तेदारों के सामने जो कसाब को रोज हंसते हुए देखते है।
- मैं शर्मिंदा हूँ कांग्रेस राज के आपातकाल से जिस में आज भी उन लाखो लोगो का जिनके बारे मैं आज भी पता नहीं।
- मैं शर्मिंदा हूँ कांग्रेस की बेशर्म महाराष्ट्र सरकार की नपुंसक व्यवहार से जिस में एक ही देश के दुसरे राज्ये से आये बिहारी बच्चो के पीटने पर वोटो की गिनती करती है।
- मैं शर्मिंदा हूँ अम्बिका सोनी के परमोशन पर जिस राम के नाम को नकारने पर कबिनेट में उच्च स्थान दिया हो।
- मैं शर्मिंदा हूँ पाकिस्तान में मुसलमानों द्वारा हिन्दुओ और सिखों के जजीय लेने की भारत सरकार की कार्यवाही न करने पर।
- मैं शर्मिंदा हूँ देश मैं १५ साल से दिल्ली में कांग्रेसी सरकार की नाक के नीच २०,००० बच्चो के लापता होने पर।
- मैं शर्मिंदा हूँ कांग्रेस की घोर सत्ता प्राप्ति की निर्ल्लज और भोंडी उत्कंठा और झारखण्ड के आदिवासियो को राजभवन द्वारा एक प्रकार से लोकतंत्र में बंधक बनाने पर।
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देखा कांग्रेस राज अभी कुछ लोग फिर से हिंदू होने पर शर्मिंदा हो रहे है परन्तु एक ही साँस में देशवासी मर्द और औरत का बीच में न होने पर (लोंडा) शर्मिंदा नहीं है। यह कैसी माया वाकई ये तो दो और दो पांच बनाते हैं।
परन्तु आज तो मुझे न्यायालय के आदेश पर भी शर्मिंदा होना पड़ रहा है जिसने धरती पर एक नए युग का सूत्रपात किया है जिसे स्वयम ब्रह्मा भी बनाना भूल गया था।
परन्तु मेरे शर्मिंदा होने से क्या होगा। जब तक देश एक विदेशी के शासन और उसकी चाहतो को फलीभूत होते देख रहा है।
मैं शर्मिदां हूँ, भारत के गाँधीस्तान बन जाने पर.
ReplyDeleteBhayi u r great............
ReplyDeleteso nice.go head.and dear u should be embrassed toward ram temple .tibbat ,kansi ,mathura
ReplyDeleteसेलेक्टिव शर्मिन्दगी की बात है जी. गृहमंत्री जी ने पहले जो सेलेक्ट किया उसपर शर्मिंदा हो लिए. ये मामला तो आरक्षण से जुडा हुआ है. जिन मुद्दों पर वे शर्मिंदा हुए हैं, वे मामले आरक्षण के दायरे में आते हैं.
ReplyDeleteDear Blogger Friend,
ReplyDeletei have been following and compiling good posts from your blog.
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the INDIANS killed in the Mumbai attack.
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tyagi g kuch to esa kiya jay jo aage sharminda na hona pade.maro shaalo ko.
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