हिंदुस्तान के ही किसी प्रदेश में आपको यह स्लोगन लिखा दिख जायेगा और आप खी खी करते वहा से निकल जायेंगे. श्री नगर के लाल चौक से ६ की मी दूर ही आपको यह स्लोगन दिख जायेगा. पूछने पर बगल के फल विक्रेता आपको बोलेंगे की टूरिस्ट हो बस सोंदार्ये देख कर निकल जाओ. इस साइन बोर्ड पर लिखी बातो की चक्कर में मत पड़ो. देश के सेना के जवान भी नहीं पड़ते इन चक्करों में. यह रवईया हर जगह हो गया है. माँ सरसवती की नंगी तस्वीर हो , माँ भारती या दुर्गा को नग्न चित्रित करना हो. बस खी खी करो और निकल जाओ. मुझे समझ नहीं आता फिर हम जी किस बात के लिए रहे है. चीन भारत पर कब्ज़ा किये जा रहा है, भारत सरकार कुछ जवाब नहीं दे रही है. पाकिस्तान रोज पेंट उतारता जा रहा है, अमरीका आपके सर्वभूम राष्ट्र के मनानिये मुख्मंत्री को वीजा नहीं देता, कनाडा भारत की सेना को युद्ध अपराधी और बर्बर कहता है और वीजा नहीं देती , आस्ट्रलिया से बच्चे पिट कर वापस आरहे है. भोपाल के पीडितो को अमरीका की दादागिरी के रोज दर्शन हो रहे है. यह हो क्या रहा है देश में. देश के चार या पांच आयातित मंत्री जो कभी भी पब्लिक डोमेन में नहीं रहे है हर बात पर सिर्फ और सिर्फ अमरीका की तरफदारी करते दीखते है. हद होगी की एक मसखरा मंत्री भोपाल पीडितो को २५ साल पुराना कचरा देखकर कहेता है की देखो मुझे तो कुछ भी नहीं हुआ. अरे मंत्री जी आपको नहीं पता की २५००० लोग मरे गए थे ५ लाख लोग विकलांग होगये थे और आज भी लाखो लोग दमे, सांस और अन्य विकलांगता लेकर जी रहे है. ऊपर से उनके ही जख्मो पर नमक छिड़कने का काम कर रहे है आप.
देश में कुँत्रोच्ची चला गया, उसको लन्दन से पैसे लेजाने दिएगये, लोकसभा चुनाव में स्विस बैंक से पैसा लेन की बात थी वो भी प्रधानमंत्री ने वादा किया था अभी तक उसपर कुछ भी कार्यवाही नहीं हुई है. अभिप्राय यह है की कुछ भी करते रहो और लोकतंत्र की चादर के निचे कुछ भी करते रहेने और अपनी मनमर्जी कुछ भी करते रहो. भारत की जनता से बलात्कार करते रहो और हमे खी खी करे के लिए अभिशापित रहेने दो. कहने का मतलब है की देश आजाद तो होगया परन्तु उसे सांस्कृतिक आजादी नहीं दी गई, बल्कि १५ अगस्त १९४७ को एक कुरूप, चापलूस, ढोंगी और नपुंसक अंग्रजी सत्ता को ही आगे बढ़ाने की शतरंजी चाल भर चली गई. उसी नीति के तेहत कोई हमे इंडियन डॉग कह रहा है कोई हमारी पैंट उतार रहा है, कोई हमारी मों की नंगी तस्वीरे बना रहा है और हम बस खी खी खी कर रहे है. और आजादी के ढोल पीट रहे है. और ऊपर से तुरा यह की देदी आजादी बिना खड़क बिना ढाल के, साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल.
पता नहीं क्यों यह सब देख कर किसी के खून में उबाल क्यों नहीं आता क्यूँ लाखो किसानो के मरने पर एक भी एन जी ओ की पेट में दर्द नहीं उठता. सेम्लेंगिकता पर तो दिन रात एक कर देने वाले एन जी ओ पता नहीं कहाँ रंग्लालिया मनाराहे है क्यों नहीं दीखता उनको की हिंदुस्तान के लोग मर रहे है. क्यों नहीं उनके जज्बे को धार लगती इन ज्यादतियों को देख कर. यह जो वेलकम टू छोटा पाकिस्तान है यह लिखित रूप में है पता नहीं कितने बिहार, उप्र, बंगाल, असम में अनगनित रूपसे अघोषित बन भी चुके है,
उपर से तुरा यह की हम डेमोक्रेसी है अरे डेमोक्रेसी नहीं तुम ड्रामेबाज हो केंद्रीय रेलवे मंत्री जी जब तक अल्हाहा उ अकबर के नारे अपनी सभा में नहीं लगवा लेती तब तक सभा ख़त्म नहीं करती. दूसरी तरफ जय श्री राम कहने वालो की जबान बंद की जा रही है. अब जबतक सरे भारतवर्ष में अल्हाहा उ अकबर के नारे नहीं लगजाते तब यह इंडियन डॉग कहला कर ही दुत्कारे जाते रहेंगे.
देश का प्रधान मंत्री देश में अनजान बना घूमता है, बस एक ही सनक सवार है की नेहरु - गाँधी परिवार के वारिस को प्रधानमंत्री कैसे बनवाऊ.
मुझे मनमोहन सिंह जैसे देश के प्रधानमंत्री देख कर एक कहानी याद आजाती है की एक बार एक पति बड़े गुस्से से अपने पत्नी को आदेश देता है की मुझे जल्दी से गर्म पानी दो नहाने के लिए वरना ............. पत्नी बोलती है वरना क्या, बोलो वरना क्या.पति बोलता है वरना क्या में तो ठन्डे से ही नहा लूँगा. इस प्रकार मंत्री जी कर रहे रहे है देखा नहीं बड़ी पौरुश्ता से बोलते है की अमरीका से हड्ली को वापस लायेंगे, मुंबई की पाकिस्तान में बैठे हत्यारों को वापस लायेंगे. परन्तु उसके बाद फिर वोही शांति का विधवा विलाप. कब तक आखिर कब तक नौटंकी करोगे कभी तो पौरुश्ता दिखाओ या खून बिलकुल ही पानी बनगया है. मीडिया बड़ी बड़ी बाते करता था ओबामा के राष्ट्रपति बनते वक्त, झूटी हनुमान की तस्वीर रखने की कहानी भी चलाई परन्तु हुआ क्या. उसी ओबामा ने भारत के नको चने चबवा रखे है. भारत का लगातार बैंड बज रहा है अफगानिस्तान में इतने बड़े निवेश के बाद भी अमरीका ने भारत को उसकी औकात दिखा दी. अरे छोटी सी बात नहीं पता की दुसरो के बैसाखी पर ज्यादा दिन नहीं चला जा सकता है. हिंद्स्तान ने भी अपना प्रधानमंत्री आउटसोर्से कर रखा है कब तक आम आदमी को लोलीपोप देते रहोगे अब शायद वो देनी भी न पड़े चावला जी अपने है. वोटिंग मशीन भी अपनी ही है. फिर सैयां भय कोतवाल तो डर कहे का. परन्तु शीला दीक्षित ने ४०% ऑटो और सी एन जी के रेट बढ़ा कर सही ही किया. मुझे मर्द फिल्म को वो सीन याद अगया जब अमिताभ बच्चन इंजेक्शन से खून निकालता है. वाकई कांग्रेस जी आपने हिंदुस्तान में आज तक की सबसे आतंकित सरकार होने का ख़िताब तो पा ही लिया है. बधाई आपको अपने ढोंग करने के लिया और हम भारतीयों को सिसकिया देनेके लिए.
आज जो भ्रष्ट है वो ही जी रह है आम आदमी तो कुते बिल्ली की सी जिंदगी जी रहा है. खाली पेट सुचना का अधिकार दे दिया उस से क्या क्या सुचना निकाले. क्या दस रुपया में सोनिया गाँधी बता देगी की कैसे -
- वो भारत की सर्वशक्तिशाली व्यक्ति बन गई ?
- कैसे कौत्रच्ची , अंडरसन देश से भगा.
- कैसे मनमोहन सिंह, आनंद्शार्मा, कमलनाथ, जयराम नरेश, नायर, कृष्णन, देश के मंत्री बनगए.
- कैसे चीनी महेंगी और गन्ना सस्ता है.
- क्यों कृषि मंत्री कृषि के अल्स्व बाकि सब में रूचि रखता है.
- दिल्ली और महराष्ट्र में १५ साल सरकार का राज क्या है.
- वाम मोर्चा का पिछला चुनाव जिताया कैसे गया था.
- नेपाल में हिन्दू राष्ट्र को ध्वस्त कैसे किया.
- तहलका का कांड किसने करवाया.
- रॉबर्ट वढेरा का सारा परिवार एक एक करके कैसे ख़तम होगया.
- खांटी समाजवादी मुलायम यादव कैसे कांग्रेस को समर्थन देगया.
- सी बी आई से कैसे नेताओ को नथा जाता है.
एअसे बहुत से जवाब है जिसका उत्तर १० रुपया के स्टंप से नहीं लिया जा सकता और जब तक इनका जवाब नहीं मिलता तब तक हम लोग लोकतंत्र लोकतंत्र खेलते है फिर चाहए वेलकम टू पाकिस्तान हो या सारा ही पाकिस्तान हो जाये.
जय भारत जय भारती.
No comments:
Post a Comment