Friday, February 25, 2011

एक क्रन्तिकारी बाबा रामदेव और कांग्रेसी बन्दर !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


कांग्रेस एक बात जान ले की जिस मुहं से सच निकले उस पर  कालक पोतने की कला को इस में संसार स्थापित करने की उसकी यह महारहत उसको बहुत महंगी पड़ने वाली है. मुझे समझ नहीं आता की बाबा रामदेव ने कौन सी कांग्रेस की भैंस खोल ली है. कोंग्रेस और उसके भोंपू महासचिव यह क्यूँ नहीं समझ सकते की प्रकर्ति का चक्र कुछ ऐसा घूम रहा है की आज वो सत्ता में है परन्तु ऐसे बहुत से लोग है जो सत्ता से उतरते भी है और फिर अपना समय चारपाई पर ही बिताते पाए जाते है. आज बाबा रामदेव ने सच का अंश मात्र क्या बोल दिया तो उसे भी भ्रष्ट करार दिए जाने की पुरजोर कौशिश की जा रही है. वैसे तो मैं इसको भारतीय मानसिकता को दुरुस्त करने का ही आग्रह करूँगा. बाबा राम देव के साथ ऐसा ही कुछ हो रहा है जैसे हस्पताल में एक गर्भवती महिला गई परन्तु उसको भ्रष्टाचार से युक्त हस्पताल ने उनको बिना पैसे लिए स्थान नहीं दिया अपनी जान पर बनी तो उस महिला ने कुछ पैसे दे कर हस्पताल में प्रवेश किया, अब जो बच्चा उससे पैदा हुआ तो क्यूंकि उसके पैदा होने में भ्रष्टाचार हुआ तो क्या अब वो बच्चा नाजायज हो गया या वो किसी कलंक से पीड़ित होगया. वैसे तो मैं सबसे पहेले मीडिया में पत्रकारों के खोखले ज्ञान से व्यथित हूँ इतना सतही ज्ञान हैं इनका की सिर्फ हंसी ही आती है. यदि कोई इमानदार नेता अपने जीवन के ७० बसंत इमानदारी और निष्पक्षता का स्वर्जनिक जीवन जी कर किसी भी बड़े और भ्रष्टाचारी नेता पर आरोप लगा दे तो मीडिया उसके आरोपों की जाँच नहीं करती बल्कि उसीके किसी रैली में बगल में और किसी छोटे टाइप के भ्रष्ट व्यक्ति का कोई फोटो मिलने पर उस ही इमानदार नेता का जीवन हराम कर देगी और पूछती फिरे गी की क्या जवाब हैं इन फलाने नेता का अपने बगल में इस भ्रष्ट नेता को बिठाने पर और भूल जाएगी की उसने आरोप भ्रष्टाचारी पर लगाया क्या था. हम इसको बहुत पहेले से जानते है इसी लिए मैंने सभी हिन्दू वादी और राष्ट्रवादी शक्तियों से आग्रह भी किया था की यश अपयश से बहार आकर ही इन भ्रष्ट, राष्ट्रविरोधी, धर्मविरोधी शक्तियों से लड़ा जा सकता है. आज तक इस से मात्र बाला साहिब बाल ठाकरे जी ही निकल पाए है उनको इन यश अपयश का कभी भी कोई लोभ या गिला नहीं रहा. जो किया डंके की चोट पर किया. मेरा उनको शत शत प्रणाम. आदरनिये नरेंद्र भाई  मोदी भी इस कतार में है. इन हिन्दू वीरो और राष्ट्रवादियो से मुखातिब होकर एसहस होता है की हम गुरु गोबिंद सिंह जी और छत्रपति शिवाजी की संताने है. और जो लोग इनके जैसे वीर नहीं वो संभल जाये क्यूंकि वो स्वर्जनिक जीवन में है, नहीं तो आपको डस लेंगी यह मक्कार कांग्रेस कौम. जैसे आज रामदेव जी के साथ हुआ है, कोई कुछ भी करे इस से मतलब नहीं परन्तु सोनिया गाँधी और उसके  गेंग के बारे में कोई कुछ कह सकता है और ही कुछ कर सकता है जैसे की वो परमधाम में बैठी कोई परम शक्ति हो. मेरा बड़े ही आदर के साथ कहेना है  की हो सकता है सोनिया गाँधी में कुछ व्यक्तिगत गुण हो जो मुझ जैसे साधारण व्यक्ति को नहीं पता परन्तु उनके चारो और उनके चाटुकारों और चरणभाटों को ही पता हो. मैं किसी और आरोप को नहीं लगाता परन्तु ८०% नई दिल्ली में क्या गाँधी-नेहेरू परिवार का ही कब्ज़ा रहेगा ? क्या यह घोटाला नहीं है. बेशर्म और निर्लज कांग्रेसी पता नहीं किस गुमान और अहंकार में अपने किये पाप पर शर्मिंदा नहीं होते है. पता नहीं किस चक्की का आटा खाते है जहाँ पर गरुरता का इतना वीभत्स रूप है. बाबा राम देव जी से कांग्रेसी भडवे पत्रकार अब मीडिया में लेख लिख लिख कर पूछ रहे है की कैसे बाबा रामदेव १० सालो में इतना बड़ा कारोबारी बन गए. अरे बन कैसे गए हम हिन्दू भारतीयों ने बनाये है और पता नहीं कितने और बनायेगे, शिर्डी धाम, तिरुपति,वैष्णो देवी पर अरबो रुपया कैसे आया, हम हिन्दुओ ने दिया.  राक्षाशी और असुरो के एजेंट ये कांग्रेसीयो को पता ही नहीं की इस देश में ४० करोड़ लोग रोज भूखे सोते है, ८० करोड़ लोगो को हस्पताल और स्वस्थ सेवा उपलब्ध नहीं है, २० करोड़ लोगो की आय २० रुपया प्रतिदिन से भी कम है. अब वो बाबा राम देव के योग और उसके चूरन खा रहे है तो क्या बुरा है. बाबा राम देव ने समग्र विपणन निति से माईकरो स्तर पर विपणन निति अपनाये है की बड़े डॉ. और हस्पताल की तरह निश मार्केट से पैसा कमा रहे है. आप भी कोका कोला और पेप्सी वाली मार्केटिंग रणनीति अपनाओ और पैसा कमाओ. दुसरे वो ब्रांड अम्ब्सेडोर खरीदने के खर्च से बच जाते है वो खुद ही ब्रेंड अम्बसेडोर है. भाई कांग्रेस भी तो महात्मा गाँधी को अपना अम्बसेडोर बना कर काली कमाई कर रही है. आदरनिये राम देव बाबा तो देश को स्वस्थ बना रहे है. और राम देव जी बारे में ज्यादा बहस क्यूँ करते हो जा जी स्पेक्ट्रम में हुए भ्रष्टाचार को  कांग्रेसी प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी एक तरह की सब्सिडी बता सकते है तो राम देव जी की ट्रस्ट और उनके कमाए गए पैसे को भी एक सरकारी अनुदान कहे सकते है. रोबिन हुड और सोनिया गाँधी में कुछ तो अंतर होगा, एक देश को यदि लूट  भी रहा है तो देश को वापस दे देता है दूसरा तो देश से लुट कर पैसा विदेश भेजता है और उसपर कोत्रच्ची जैसे अयाशी करते है. बेशर्म कांग्रेसी दुसरो की बहन छेड़ने को खुलापन और अपनी बहन को उसी प्रकार से कुछ होने पर के गुस्से को क्रांति बताते हैमैंने पहले भी कहा है भारत देश की जनता सो रही है मरी नहीं, बाबा राम देव ने कुछ भी गलत नहीं किया है और किया भी हो तो हम हिन्दू उसके पात दोष निवारण को अपने संस्कार में शामिल करते है. गाँधी जी भी तो दो दो स्त्रिओ के सहारे चलते थे तो किसी ने चरित्रहीन नहीं कहा कोई और चले तो वो अयायाश हो गया. गाँधी जी बिरला जी के  घर से आराम करे तो संत हो गए और कोई और हिन्दू समाज का संत करे तो उस से उसकी सहायता करने वालो की इनकम टेक्स की जाँच की बात करते हो. क्या महात्मा गाँधी ने बिरला जी के धन स्रोतों की पहेले जाँच करके उसके घर जाया करते थे या बिरला जी और उसके द्वारा व्यापर में की गई होश्यारी और चालाकी को भी गाँधी जी से जोड़ा जा सकता है. यह सब स्पष्टीकर्ण कोंग्रेसी अब हिन्दू समाज के संतो से मांग रहे है जिनके कुत्ते खा खा उलटी करते है. शर्म नहीं आती निर्लाजता दिखाते हुए, और चाटुकार पत्रकार कांग्रेस के इन प्रश्नों को पूछने वालो को चाणक्य बता रहे है. कांग्रेस की रणनित बहुत बड़ी है की जो भी कोई उनके पहाड़ जैसे पाप गिनाये बस उस पूछने वाले के कपड़ो के निचे, भाई बंधू, पति पत्नी, व्यापर, मित्र इस जाल में से कुछ ऐसा निकाल लो और उसको कानून के फंदे में जकड लो और बाकि बचा खुचा काम अपने भडवे पत्रकारों से करवाओ. बस छुप  गए पाप. जी स्पेट्रम में अरुण शौरी जी को फंसा दो, राष्ट्र मंडल खेलो में सुधांशु मित्तल को, आतंकवाद के नाम पर हिन्दू समाज को, आदर्श घोटाले में नितिन गडकरी जी को,. यह कांग्रेस की वीभत्स, विद्रूप और भांडगिरी की मिसाल. अब गिरोगे भी कितना कांग्रेसी नेताओ, शर्म करो शर्म करो. हिन्दू संत समाज को बदनाम करोगे तो लोक में और परलोक में ठोर मिलेगा सोनिया माइनों के चक्कर में कहीं ऐसा हो धोबी का कुत्ता घर का घाट का.
इस कानून से सब को मत डराओ, कुछ लोग इनसे बहुत ऊपर है वो यदि तुमेह कुछ दुरुस्त करने को कहे रहे है समय रहेते कर लो , हुस्ने मुबारिक ने नहीं सुनी, टुनिशिया में अब्ददीनी नहीं सुनी वो चले गए और पता नहीं कितने और जाने बाकि है, फ़्रांस और रूस की क्रांति याद है , अल्जीरिया ने भी १९ साल का आपातकाल उठा लिया. हिंदुस्तान के कांग्रेसी शासक पता नहीं किस मूर्खो की दुनिया में रहते है, कांग्रेसी महासचिव जी वक्त जब बीत जायेगा तो सिवाए किताबो में छपने के कुछ और शेष नहीं रेह्जयेगा. बाबा राम देव नाम के तत्व को मत छेड़ो आपके सभी छिद्रों से धुए उठ जायेंगे. इसको चेतावनी नहीं सलाह मान लेना, देश क्रांति का मन बना चूका है, इसको एक चिंगारी चाहिए और वो चिंगारी कहीं बाबा रामदेव बन जाये . 
विश्वामित्र भी गुरु वशिष्ट और राजा दशरथ के पास तभी गए थे जब असुरो ने संतो पर हाथ साफ़ करना शुरू कर दिया था. फिर राम और लक्ष्मण ने रावन का क्या हश्र किया था उसी पर रामायण नामक ग्रन्थ लिखा गया है. 
याद रखो इस कांग्रेसी सरकार के गिरने के बाद कितने लोग हिंदुस्तान में रहेंगे और कितने अपने टिन-टप्पर लेकर कोत्रच्ची की शरण में जायेंगे इस को पता करने के लिए ज्यादा दिमाग नहीं खर्च करना पड़ेगा. 
इस बार भारत की जनता इमोशनल ब्लेकमेल होने को तैयार नहीं है, प्रियंका गाँधी के लटके झटके काम आयंगे, राहुल गाँधी के गालो के डिम्पल, सोनिया का सर पर पल्लू (जो की अब उतर चूका है), और ही छोटे नेता, नौकरशाहों पर सी बी आई, इनकम टेक्स के छपे, बड़े बड़े बागड़ बिल्ले है उनको पकड़ो और हो सकता है की एक बार बाबा राम देव झुक जाये परन्तु देश का आम भारतीय नहीं झुकने वाला. आम देशवासी आदरनिये सोनिया और सम्मानिन्ये सोनिया जी जैसे संबोधन के ढकोसले में नहीं पड़ेगा, बल्कि क्रांति का झंडा १० जनपथ की छाती पर ही फेह्रायेगा. निर्णय आपका है रोक सको तो रोक लो. इस बार का बजट प्रणव दा के अनुभव से क्रांति को हद से हद विलम्ब करवा सकता है परन्तु रोक तो वो भी नहीं सकता.
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !

हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे
ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !

सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !

प्रात हो कि रात हो संग हो साथ हो
सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !

एक ध्वज लिये हुए एक प्रण किये हुए
मातृ भूमि के लिये पितृ भूमि के लिये
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !

अन्न भूमि में भरा वारि भूमि में भरा
यत्न कर निकाल लो रत्न भर निकाल लो
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो
 !

9 comments:

  1. उत्तम लेख है त्यागी जी |
    इस देश की एक ही दुश्मन है, कोंग्रेस पार्टी | इसे नष्ट कर दिया तो यह तड़पता हिन्दुराष्ट्र स्वर्ग बन जायेगा |

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  2. आप के क्रान्तिकारियो विचारों से सहमत हूँ..
    जय हिंद..
    बहुत सुन्दर लेख

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  3. आप के क्रान्तिकारियो विचारों से सहमत हूँ..
    जय हिंद..
    बहुत सुन्दर लेख

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  4. आप के क्रान्तिकारियो विचारों से सहमत हूँ..
    जय हिंद..
    बहुत सुन्दर लेख

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  5. Gaddafi must leave, says Obama:

    http://www.ekmulakatnews.com

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  6. great sir,
    i salute
    regards

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  7. रामदेव जी ने अच्छी पहल की है..

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  8. दिक्कत यही है कि इस प्रकार की मुहिम को जनता का मौखिक और शारीरिक समर्थन तो मिलता है,मगर जब वोट डालने का वक्त आता है,मतदाता का बुद्धि-विवेक न जाने कौन हरण कर ले जाता है। शिव खेड़ा और टी एन शेषण समेत कई लोगों का हश्र हम देख चुके हैं।

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