प्रथम भगवन विष्णु को साष्टांग प्रणाम और विष्णु प्रिये भक्तो का बहुत बहुत धन्यवाद जो इतना पैसा भगवान् के चरणों में अर्पित किया (देखे लिंक). असल में यह पैसा हिन्दू शक्ति का प्रतीक है. और लोगो को बताता है की घर में चिराग जले न जले परन्तु मंदिर में घी का दिया जलेगा ही. अब अधर्मी और कुकर्मी लोगो के यह बात न तो समझ में आ सकती है और न ही समझाई जा सकती है. यह पैसा न तो किसी के कल्याण के लिए है और न ही सरकार की लपलपाती जीभ के लिए. सरकार हमारे टेक्स के पैसे से न तो हमारा कलयाण कर पा रही है और न ही कर सकती है. हाँ अपना और अपने लोगो का कल्याण जरुर कर सकती है. जो की वो इतने सारे घोटालो में कर ही रही है. मेरा सुप्रीम कोर्ट से भी निवेदन है की कम से कम इस पैसे को सरकार को तो दे ही ना. सरकार जब हमारे दिए टेक्स से ही हमारा कलयाण नहीं कर पा रही तो इस पैसे को तो हाथ लगाने का कोई औचित्य ही नहीं है. यह पैसा मंदिर का ही रहेगा क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के मुद्दे पर भी भगवान् राम को एक पक्ष माना था और उनके लिए स्थान दिया था. उसी प्रकार भगवान् विष्णु को भी "एक व्यक्ति" माना जाये जैसे की हिन्दू मानते है और पैसा उनके ही नाम रखा जाये.
गरीबो के कलयाण के नाम पर किसी की निजी सम्पति (जो की भगवान् विष्णु की है) को लूटने की आज्ञा किसी को भी नहीं दी जा सकती. हम नहीं चाहते की इस पैसे से किसी मदरसे में कम्पुटर लगे या लोग इस पैसे से हज पर जाये. हाँ सरकार हमारे से लिए टेक्स पर अपनी मनमानी कर सकती है जिसे हम चुपचाप सहेते है. परन्तु हमारे धार्मिक हक़ को भी सरकार यदि किसी कलयाण और निर्माण के नाम पर कुचलना चाहती है तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. यदि लोगो के कलयाण का इतना ही शौंक है तो गाँधी परिवार का पैसा जो लूट कर देश से बहार स्विस बैंक में लेजाया गया है उसको भिखारिओ पर कियूं नहीं खर्च कर देते? आज हिन्दुओ के पैसे हिन्दू से ही छीन लिए गए है.
- वृन्दावन की बदहाल गलीया
- यमुना का क्षरण और मरण
- गंगा की बदहाली
- राम लल्ला का झोपड़े में रहेना.
यह पैसा हिन्दुओ का है उनके "हरी धाम" पर ही खर्च होगा. हमें अभी भी हरिद्वार जाने के लिए चांदनी चौक की तरह संकरी सडको को राष्ट्रीय राजमार्ग कहना पड़ता है. थू है इस सरकार की नियत पर.
बिलकुल सही कहा त्यागी जी। यहे पैसा किसी भी कीमत पर सरकार के हाथ नहीं लगना चाहिये। वरना यह पैसा भ्रस्टाचार की भेंट चढ़कर विदेशी बैंकों में ही जमा होगा।
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट को चाहिये की एक कमेटी का गठन करकर इस पैसे को या तो गंगा को साफ करने में लगाना चाहिये या फिर देश में अनेकों गोशालाएँ और गुरुकुल खोलने चाहिये।
हम लोग क्या चाहते हैं इससे सरकार को कोई लेना देना नहीं हैं। इसका एक ही समाधान हैं हिन्दुओं के मंदिरों का नियंत्रण हिन्दुओं के पास हो बजाए सरकार के।
ReplyDeletehttp://voiceofhindus.blogspot.com/
यदि आप, वृन्दावन की बदहाल गलीया ,यमुना का क्षरण और मरण ,गंगा की बदहाली ,राम लल्ला का झोपड़े में रहेना. इत्यादि खामियों से लोक कल्याण की होने वाली क्षति को परिभाषित कर सकें, तो मैं आपके हिन्दुत्व की परिभाषा भी जानना चाहूँगा । आशा है कि आप हिन्दुत्व के ह्रास के कारणों को भी बता सकेंगे, किन्तु मुगलों और यवनों की दुहाई मत दीजियेगा.. क्योंकि इससे सदियों पहले ही तत्कालीन जनता का असहाय वर्ग बुद्धिज़्म और जैनिज़्म की ओर उन्मुख हो चला था । जरा मनन करें कि हिन्दुत्व एक जीवन दर्शन है.. या हमने हिन्दुत्व को कुछ मँत्रों में, कतिपय देवता की मूर्तियों में और ढकोसलों के अँबार से जकड़ दिया है ?
ReplyDeleteऔर... अब दिख रहा है.. असुरक्षा का आपका भय
ReplyDeletecomment will be visible after approval.....हुँह ?
मुझे खेद है कि मैं इस ब्लॉग पर आया और अपना समय बरबाद किया ।
प्रिये डॉ. अमर कुमार जी
ReplyDeleteमेरे लोक कल्याण का मतलब और सरकार के लोक कलयाण का मतलब अलग अलग है. सरकार का लोक कलयाण कुछ लोगो का कल्याण है हमारा मानना है की जब पैसा हिन्दुओ का है तो क्यूँ न वो पैसा हिन्दुओ के ऊपर खर्च हो. क्या इसमें कुछ गलत है. जिस सरकार में सेम्लेंगिको को भी अपना हक़ मांगने का अधिकार है. वहां क्या हिन्दू अपने हक़ के लिए लड़ भी नहीं सकता. जब कल मानलो आपने ही अपने बुढ़ापे के लिए पैसा जमा किया है और सरकार उसका जबरदस्ती राष्ट्रियेकरण करके दुनिया के सभी वृद्धो में बाँट दे तो कैसा लगे गा. यह पैसा हिन्दुओ का है हिन्दुओ के लिए. और इसी को कल्याण करना कहेते है.
दूसरा मित्र आपके समय बर्बाद करने के बाबत तो उसके लिए मैं तो कतई जिम्मेदार होने से रहा. यह तो आपके अपने विवेक पर है. अब रही बात असुरक्षा की तो डॉ. साहभ इस को अपने जेहन में से निकाल दे. हम को समझना है तो उसके लिए एक ही शब्द कहेंगे की हम न किसी का विरोध करते और न ही आडम्बर यह जीवन सिर्फ और सिर्फ हिन्दुओ के हितो की बात करने को ही समर्पित है. किसी का हक़ मारेंगे नहीं और अपना हक़ किसी को देंगे नहीं यह ही नीति है. आपके कलम की तलवार से हम आहत नहीं होंगे. आप भी हिन्दू वीर है आपका भी स्वागत. क्यूंकि हलाहल भाव सागर का शिव शंकर ही पीते है.
आपका अपना
त्यागी
मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ,
ReplyDelete@डॉ. अमर कुमार जी: असुरक्षा तो होगी ही, यह पैसा सरकार के हाथ में जाने से क्या होगा सभी को पता है, स्विस बैंक अथवा इस जैसी ही किसी बैंक में जमा हो जायेगा, यहाँ रहेगा तो कम से कम किसी के काम तो आएगा|
और यह पैसा हिंदुओं ने चढ़ाया है, तो क्यूँ ना इस पैसे को हिंदुओं के तीर्थ स्थलों को दुरुस्त करवाने में लगाया जाए|
आखिर हम रु. यही सोच कर तो चढाते हैं कि इससे मंदिर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी
Hi,
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अरे सोमनाथ और विश्वनाथ की कड़ी में अक और नाम जुड़ रहा है पद्मनाभ
ReplyDeleteवैसे आप ने जो लिस्ट बनाई है उसमे एक और चीज जुड़ सकती है
विश्वनाथ मंदिर के गुम्बद से गायब सोना
very nice. very good blog. this will wake up all hindus. & we wil create a complete 100% hindu rashtra. keep it up tyagi ji.
ReplyDeleteDharmasatta Aur Rajsatta me hamesha Shatruta rahi hai. Dharmake nampar jamahua dhan lutaneka prayas rajsattane hamesha kiya hai. Aaj bhi bharat sarkar trustke nam par ye dhan lut rahi hai. Isake bareme koi kyun nahi likhata ?
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