हिन्दू मन की पीडा।
क्या कभी किसी ने सोचा है की हिन्दू का भी एक मन है। जब कभी सोचता है तो भारतीय राष्ट्रियेता के शोर में दबा दिया जाता है. मैं स्वीकार करता हु की भारत एक सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र है, परन्तु हिन्दू मन की थाह लेने वाला हिंदुस्तान मैं तो कोई नहीं है.- कांचीपुरम के शंकराचार्य को जेल भेजा जाता है, मीडिया चटकारे लगा लगा कर जोकरों की भांति समाचार सुनती है।
- गणेशजी दूध पीते है (भगत की भावना के अनुसार) मीडिया अन्धविश्वाश बताती है परन्तु मेरी मूर्ति की आँखों के आंसू को इसाई धरम की महानता बताया जाता है।
- राम की अयोध्या पर लाख सवाल पूछा जाता है। राम के सेतु को नाकारा जाता है। रामायण का मजाक उडाया जाता है. परन्तु बोधिक विश्व, कुवारी मेरी की संतान का कुछ नहीं पूछा जाता है.
- हिन्दू भारत वर्ष में सरस्वती वंदना को करने पर लाखो सवाल। सड़क पे नमाज़ धार्मिक सह्शुनता.
- आदित्य योगी नाथ भगवा गुंडा है। और उलेमा शांति दूत है। जब की योगी आदित्य नाथ एक बहुत बड़े धाम के महंत है.
- काशी, मुथरा, ओओध्य त्यागने के बाद भी हिन्दू भगवा गुंडा है, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, छोड़ कर भी हिन्दू भगवा गुंडा है।
- कश्मीर गवा कर, वहां पर मरकर भी हिन्दू भगवा गुंडा है।नेपाल गवा कर भी वो भगवा गुंडा है।
- लाखो गाय हिंदुस्तान में सेकुलर के नाम पर कट ते देख हिन्दू भगवा गुंडा है।
- भारत माता को डायेएँ सुन कर भी भगवा गुंडा है।
- हरिद्वार से दिल्ली से जाने के लिया सड़क नहीं, हवाई जहाज उतेरने का स्थान नहीं, जहा पर संसार का हर हिन्दू जीवन मैं एक बार जरुर आता है। आज तक एक फौर लेन सड़क नहीं बना पाया हिंदुस्तान की सरकार।
- सारा खजान हिन्दू भरे पर हिन्दुओ को कोई सुविधा मत दो. आपने माँ बाप या रिश्तेदारों की अस्थिया बहाने का अधिकार मत दो और फिर भी भगवा गुंडा
- ५० प्रतिशत हिन्दू इसाई बन गये स्वतंत्रता के बाद तब भी हिन्दू भगवा गुंडा ही है.हिंदुस्तान के सभी मंदिरों और ट्रस्टओ का पैसा अलाप्संक्यक कल्याण मैं लग रहा है तब भी हिन्दू भगवा गुंडा है
- कैलाश मानसरोवर के लिया टैक्स दू। चीन सरकार को बेच दिया तुमने और हम भगवा गुंडे है. काशी को बनारस बनाया हिन्दू चुप।
- प्रयाग को इलहाबाद बनाया हिन्दू चुप रहा। और हिन्दू तब भी भगवा गुंडा है। यमुना सुखा दी, गंगा मैं गंदगी घोल दी और अभी भी हिन्दू भगवा गुंडा है.
- गोधरा मैं निहत्य ६० हिन्दुओ के मरने पर भी पूरा हिंदुस्तान शांत रहा. क्या कोई भी मानवअधिकार उन साठ हिन्दुओ के लिया नहीं है. क्या उनके बच्चो को मीडिया ने कोई सहानुभूति दिखाई है. ऊपर से सरेआम केन्द्रीय मत्री हंस हंस कर उनका मजाक उडा रहे है. कल सोचो उनके बच्चे जब बड़े होंगे तो लालू रेल मंत्री से नहीं पूछेंगे की हमारे माँ बाप पागल थे जो खुद जल मरे ट्रेन मैं. एक चाय के प्याली पर. उस रेल के डिब्बे मैं से एक भी आदमी जिन्दा क्यों नहीं बचा. है क्या इस बात का जवाब. बात हिन्दूओ के मजाक उड़ने की है.
सब कुछ लूटा दिया कुछ बचाने को. कुछ भी नहीं मिला सब कुछ लूटाने पर.
sir ji iske upar koi comments nahi likhane wale kyon ki wo bhi ushi media ke hisse hain..
ReplyDeleteaapki baaton me bahut dam hai par kya karen
ReplyDeleteham bachpan se lekar aajtak isi secular sikcha ko apne jeevan me utarte rahe hain...
kyon nahi ham muslim madarson ki tarah apne gurukul chalate hain jo har hindu ko uske samman ki sikcha de sake...