Tuesday, February 23, 2010

हिन्दू एक नहीं हजार राम मंदिर भी छोड़ सकता है परन्तु कब तक??????

मुद्दे की बात है हिन्दू हितो की बात करेगा कौन. मुझे दुख इस बात का नहीं है की बीजेपी सरकार बना रही है या नहीं परन्तु जिज्ञासा इस बात की है की हिन्दुओ का दुश्मन है कौन. बीजेपी ने राम मंदिर से पल्ला झाड लिया है. शायद वोट मिल जायंगे. और हमे शिकायत भी नहीं है परन्तु यदि हर कोई सिर्फ और सिर्फ वोटो की बात ही करे असली मुद्दों की बात ही न की जाये. और इनको कल बोलेगा कौन और उठायगा कौन. एन जी ओ विदेशी ताकतों से चलते है. गरीब हिन्दू दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहा है. मध्यमवर्गिया हिन्दू तो टीवी का गुलाम बन गया है. तो हिन्दू हितो की बात अब उठायागा कौन. मुझे इस बात पर गंभीर आपत्ति है. यदि बीजेपी हिन्दू की नहीं बात सुनती जो की राजनेतिक समाधान की बात होगी तब तो विद्रोह को बुलावा दिया जा रहा है. परन्तु विद्रोह किस से. इसका मतलब तो यह है हिन्दुओ के राम, कृषण और शिव भाड़ में जाये.
आये और दो इस्लामिक आतंकवादी जो आजमगड़ के थे को गोली सर पर लगी या बतीसी पर इस पर अंतर राष्ट्रीय चर्चा की जाय और बाटला के वीर मोहन चन्द शर्मा को पानी पि पि कर कौसे और इसी को धर्मनिरपेक्षता और सहिशुनता कहेते है. तो मैं राम मंदिर छोड़ दू इसलिय की यह दक्यानुसी है, विकासविरोधी. पता नहीं राम मंदिर के बनने या न बनाने से विकास कैसे रुक जायेगा. और याद रखो शारीर के विकास और उसके भोग से किसी का भी विकास नहीं हुआ वो चाहे अमरीका हो रूस हो या चीन सबको शरीर के बाद आत्मा का ध्यान आता ही है.
आज दिल्ली में मुग़ल काल के टूटे महल पर्यटन के नाम पर दुबारा बनाये जा सकते है वो भी हिन्दुओ के टैक्स के पैसे से तो फिर हिन्दुओ का एक मंदिर बनने में आपत्ति क्या .
मित्रो एक बात दू की पूजा तो रोज अयोध्या जाकर में भी नहीं करूँगा परन्तु जो आज हिन्दू के साथ हो रहा है वो घोर आपत्तिजनक है. की एक मंदिर की मांग १२५ करोड़ हिन्दुओ की नहीं मानी जा सकती तो क्या हम गाँधी की समाधी ढ़ोने के लिए पैदा हुए है. थू है हम पर.
मैं नाराज नितिन गडकरी जी से नहीं हूँ परन्तु क्या हिन्दू ही सब त्याग करे. एक मुस्लिम संसद और विद्वान को जब रात टाइमस न्यूज़ पर पूछा गया की मंदिर हिन्दुओ को बनाने दो और मस्जिद बनवा दी जायगी बगल में ही तो भड़क गया और चेतावनी देता बोला की खबरदार हिन्दुओ ने जो मस्जिद पहले तोड़ी है उसको बनवाया जाये तब आगे कोई बात होगी.
देखा कांग्रेस के हाथ का असर कोई बात नहीं परन्तु एक बात सभी सुनले की चाहे हिंदुस्तान के पर्यटन को मुस्लिम रूप दे दो ताज महल के रूप में, चाह हिंदुस्तान के हिन्दुओ का कितना पैसा बाँट तो मुसलमानों को, चाह संसद में कितने मुस्लमान बिठा दो, चाह कितने मुस्लिम (अलाप्संख्यक मंत्रालय) बनवा दो. चाहे बॉलीवुड के शाहरुख़ की खान दादागिरी चला लो, चाहे हिन्दुओ के कितनी बहेनो बेटियो को लव जिहाद के नाम पर बर्बाद कर दो, चाहे हिन्दुओ को कितना भी मानसिक गुलाम बना लो जिस दिन यह भोग संस्कृति से पेट भर जायेगा और ब्लड प्रेसर की दवाईआ बेअसर हो जायंगी तब धर्म की याद आयेगी देखते नहीं कितने कितने आमिर हिन्दू बाबा रामदेव के पैरो में पड़े मिल जायंगे.
तो मित्रो आज जब कुत्ते खा खा उलटी करते है और गरीब हिन्दू भूखा मर रहा है. देश में माओवाद की आग लगी है. पाकिस्तान और बंगलादेश देकर भी इनकी भूख नहीं मिटी तो फिर एक नहीं हजार राम मंदिर भी इनके लिया छोड़ कर देख लो कुछ भी नहीं होगा. बाकि आपकी मर्जी हमने तो कुत्ते की पूंछ को एक नली में कई साल रख कर देखा था, निकली तो टेडी की टेडी ही थी. अब आप भी कर लो.

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