Monday, May 31, 2010

भारत इस्लामिक आतंकवाद मुक्त देश !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

अब कम से कम आप लोग तो विश्वाश कर ही लो की भारत इस्लामिक आतंकवाद मुक्त देश हो गया. मित्रो नक्सल आतंकवाद होसकता है (स्लेक्टिव्ली उड़ीसा में, छत्तीसगढ़ में, बिहार में, झारखण्ड में पर नहीं महाराष्ट्र में गड्चोल्ली होने के बाद भी),हिन्दू आतंकवाद (सौजन्य - कांग्रेस क्रिएटीव टीम वर्क्स ) हो सकता है, और पता नहीं और कितने आतंकवाद हो सकते है परन्तु देश से इस्लामिक आतंकवाद ख़तम हो चूका है.
देश से जानना चाहूँगा की क्या यह बात सच है की चिताम्बरम जी के ग्रहमंत्री बनाने के बाद देश में बम विस्फोट की घटनाये लगभग ख़त्म होगई. यदि हाँ तो क्यों और कैसे????

  • मित्रो मुझे इसका जवाब चाहये. यदि एक आदमी के ग्रहमंत्री बनाने से देश में लोगो की जान बच सकती है तो क्यों ४ साल देश का ग्रहमंत्री शिवराज जी पाटिल को बनाया रखा ?? क्या देश की निरही जनता को देश के संविधानिक पद पर बैठे लोगोने मरने दिया. क्यों नहीं देश के पूर्व ग्रहमंत्री जो आजकल राज्यपाल है पर उनके कार्यकाल में मरने वाले देश के लोगो के कत्लेआम के आरोप में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाय ? क्यों न कानून का पालन और उसकी कोताही करने के जुर्म में उनके ऊपर स्वर्जनिक रूप में मुकदमा किया जाये.
हा हा हा हा नरेंद्र मोदी को अपने ही कार्यकाल में गुजरात दंगो से न केवल मुक्त करा कर और विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र का विजय ध्वज फेराने पर भी सेकुलर घसिआरे त्यागपत्र की गाहे बघाये प्रवचन करते है.
क्या कोई व्यक्ति मुझे बताएगा की -
  • ५ लाख किसानो के ह्त्या को.
  • महंगाई से मरते निचले और माध्यम तबके के लोगो का.
  • यह हिन्दुओ के देश भर में आये दिन दंगो में महा-नरसंहार पर.
  • दिल्ली से पिछले १० साल में गायब ४ हजार बच्चो पर.
  • रोज ट्रेनों में बलि चढ़ते हजारो यात्रियों पर.
  • नक्सल आतंकवाद के क्रूर हाथो से मरते दैनिक (जब रोज ही मरते है) भेंट चढ़ते मासूम देशवासी.
  • स्टिंग आपरेशन से आतंकित हिन्दू धर्मगुरु (सिर्फ हिन्दू)
  • मीडिया से प्रीताडित हिन्दू राष्ट्रभक्त.
  • इन लोगो का कौन वलिवारिस है, कौन इनका रक्षक है. कहाँ याचिका करे या इनको जहर देकर किस्सा ही ख़त्म करो जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, नेताजी को ऊपर पहुँचाया जाया सकता है और कोई भी नहीं सजा पाता तो फिर यह किसानो, नक्सली आतंकवाद और महंगाई से जिन्दा बचे देशवासियो को भी वहीँ सरका दो जाहँ पर और महापुरुष (अदर देन कांग्रेस) पहुंचे है.
  • दो दिन पहले वीर सावरकर जी का जन्मदिन था अडवानी और दो चार भूतपूर्व सांसद ही संसद भवन में उनके चित्र पर फूल माला चढ़ा रहे थे. एक भी कांग्रेसी सांसद नहीं था वास्तव में हृदय को बहुत ही ठेस पहुंची. मैं यह नहीं कहता की असहमति नहीं होनी चाहिय परन्तु इस स्तर पर इतने बड़े महापुरुष का अपमान होगा तो हम तो गाँधी परिवार और समस्त सेकुलर परिवार के टनों मूर्तियों और कागजो के भित्ति चित्रों को बंगाल की खाड़ी में ही फेंक देने चाहिए. या फिर कांग्रेस के लहेरी लंगूर वीर सावरकर के चित्र को सांसद में से ही निकाल का बहार फेंक दे.
इतनी क्रूर नफरत मैंने अपने जीवन में नहीं देखि -
  • वीर सावरकर के नाम की पट्टी अंडमान हवाई अड्डे से निकालने वाले बहादुर सहाभ माननीय निवर्तमान खेल मंत्री मणिशंकर अय्यर जी, कनाट प्लेस को राजीव प्लेस करने की चापुलिस्ता की पराकाष्टा करने वाले का ही सरकारी नोटों पर फोटो छापदो. अर्थात कितने कृतघनता और घोर नफरत की नुमाएश है की हिंदुस्तान की धरती पर एक कुपुत्र अय्यर भी इस देश में जन्मा है.
  • अमिताभ बच्चन के पास बैठने और उनकी पिक्चर देखने वालो को काले पानी सजाय दी जा रही है.
  • अटल जी के हाई वे पर से फोटो हटा कर अपने चस्पा देना.
  • एन डि ऐ की शाशनकाल में चली सारी परयोजनाओ को बंद कर देना.
  • हिन्दू धर्म गुरुओ को मीडिया के माध्यम से अपमानित करवाना.
  • अपनी ही बहनों से विवहा करने के लिए युवको को प्ररित करना (स्व गौत्र में विवाह के लिया प्ररित करना)
  • करोडो वर्षो से परिवार की रीड हिन्दू धर्म में विवहा नामक संस्था को साजिश के तहेत लिविंग रेलेशनशिप को स्थापित करना.
  • हिन्दू धर्म में जाति नामक बीज को जनगणना के माध्यम से दो बारा से बोना.
  • रामसेतु को तोडना, राम के अस्तित्व को नकारना.
  • मुंबई में सी लिंक फ्लाईओवर को शिवाजी महाराज के नाम से न रखकर राजीव गाँधी (जिसका लेना एक न देना दो) के नाम पर रखना.
  • देश की मुद्रा पर से धीरे धीरे राष्ट्रीयता के चिन्हों को हटाकर देश की विरासत को अपमानित करना.
  • संसद भवन को बचाने वाले वीरो को अपमानित करना जिसके चलते उन्होंने अपने मेडल सरकार के मुह पर मार दिए.
  • और अंतत: हिन्दू के देश में हिन्दुओ को ही अल्पसंख्यक बना कर उन्ही के ऊपर मुसलमानों को आरक्षण की घोषणा.
अब करे तो करे क्या?
तो शुरुवात शिव राज पाटिल से. की क्यों न उन पर देश के हजारो लोगो की हत्या का मुकदमा चले?
सबूत है हमारे पास की एसा क्या होगया की चिताम्बरम के ग्रेह मंत्री बनाने से बम विस्फोट एक दम से रुक गए.
भाई में वकील तो नहीं हूँ परन्तु कोई देशभक्त वकील इस पर कुछ तो कर ही सकता है. या सारा ठेका बीजेपी ने ही उठा रखा है.
जब सुप्रीम कोर्ट कल्याण सिंह को एक दिन के लिया जेल भेज सकता है, कांग्रेसी नरेदर भाई को पारितडित कर सकते है. तो क्यों शिव राज को फँसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता. क्या कांग्रेस के सभी दुराचार के लिया राजभवन पुरस्कृत करना जरुरी है और राजभवन में रंगरलिय मानाने का विशेषाधिकार माननीय राज्यपाल श्री तिवारी जी को ही है.
क्या कोई भी दुनिया में इनकी सजा नहीं है इनके मानवता और नेतिकता के विरुद्ध आचरण और कुकृत्य करने पर.
अभी भी आप खुश है देश के इस्लामिक आतंकवाद से मुक्ति पर तो आपकी ख़ुशी और भोलेपन पर मैं बलिहारी जाऊ.
प्रशन का उत्तर आप ही के पास है. क्या देना चाहेंगे?

3 comments:

  1. bahut khoob likha hai... aasha hai ki aur log bhi ise padhkar sochne ko vivash honge...

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  2. शिवराज पाटिल को राजस्थान का राज्यपाल बना कर प्रतिफल दिया गया है भाई साहब. पता नहीं हमारा राजस्थान ही क्यों चुना ?

    कारगिल मैं पाकिस्तानी घुसपैठ की घटना को रोम के नीरो से जोड़ कर तालियाँ पीट पीट कर कोसने वाले शिवराज पाटिल के गृहमंत्रित्व काल मैं और आज लाल आतंक की तीन तीन घटनाओ पर अपने आपको नीरो के बांसुरी बजाने की उपमा नहीं देते | क्यों?

    भाई साहब नीरों का रोम और रोमन सभ्यता तो अब रही नहीं पर वहीँ से आई ममतामई ताई के नेत्रत्व मैं सारे के सारे बांसुरियां बजाने में अपने आपको सर्वश्रष्ठ साबित करने मैं लगे हुए है.

    चिदम्बरम के गृह मंत्रालय सँभालते ही इस्लामिक आतंकवाद को क्या हुआ और क्यों हुआ ऐसा नहीं है भाई साहब, बरेली और हैदराबाद के इस्लामी दंगे क्या इस्लामी आतंकवाद की श्रेणी मैं नहीं आते ?

    पर आपकी बात सही है की शिवराज, तिवारी के लिए भी सजा का प्रावधान तो होना ही चाहिए. पर कैसे जब पूरे कुवे मैं ही भांग घुली हुई है तो कौन सजा देगा और कौन दिलवाएगा ?

    अपने दोस्तों को बचाने के लिए ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के ये बड़े बड़े भारी बेगुनाह लोगों के खून से सने लोहे के टुकड़ों मैं दबे यात्रियों के अंगों पर बैठ कर हमारी ममतामई रेलमंत्री जी को इस घटना मैं भी स्थानीय निकायों के लिए राजनैतिक साजिश की बू आती है और देश की सबसे निष्पक्ष संस्था से जांच करवाने की बातें करती है.. क्या उनके लिए कोई सजा नहीं ? कौन पाल पास रहा है और कौन है जो इन लाल भेड़ियों का पक्ष ले कर अपनी रोटियां सेक रहा है ?

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  3. बहुत सही और जरुरी बात... ये जागने का वक़्त है.

    अब साजिश नहीं सामने से आक्रमण हो रहा है... उपाय तो करने ही होंगे...

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