Tuesday, July 20, 2010

एक अहसानफरामोश कौम !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

  • एक कौम जो मिटटी का कर्ज चुकाना न जानती हो!
  • एक कौम जो अपने ऊपर हुए उपकार का बदला उस पर उपकार करने वाले के घर को बर्बाद करके देती हो!
  • एक कौम जो अपने ही निशां स्वं मिटाने में लगी हो!
  • वो कोम जो देश के मालिको से देश को छिनने में लगी हो!
  • एक कौम जो अहसानफरामोश हो उसका क्या?
 मेरे लिए मक्का और काबा उतने ही पवित्र है जितना की यरूशलम और वेटिकेन सिटी. मेरे लिए हर देश का स्वाभिमान और उसके नागरिक उतने ही पवित्र है जितना मैं खुद और मेरा अपना देश. परन्तु उस कौम का क्या जो मेरी ही थाली में खा खा कर उसमे छेंक करती हो!
क्या उस कौम का मैं आदर करू.!
ध्रुव सत्य है, की १९४७ का बटवारा इस बात पर ही हुआ था की हमे एक ऐसे काफ़िर के साथ नहीं रहेना जो हम से अलग है. जबकि सत्य यह है के आप उस घर में आक्रमणकारी बनकर, शरणार्थी बनकर आये थे आश्रय पाया या जबरदस्ती राज किया और फिर एक दिन आपने ही उनके साथ रहेने से इनकार कर दिया.
  • उस देश के असली वारिसो की नसले बर्बाद की, 
  • उसके घर को रक्तरंजित और खेत खलियान को लहू लूहान किया, 
  • उसके सभी पवित्र स्थानों (मंदिरों) को अपवित्र किया और अंत में उसी पर तोहमत मारते हुए एक बहुत ही उपजाऊ देश का हिस्सा धर्म के नाम पर मांग लिया.
दे भी दिया गया ! उसने अपनी दोनों भुजाये काट कर धर्म की नफरत को रोकने की पूरी कोशिश करते हुए अपना गोश्त देकर आपकी यह मांग भी पूरी कर दी. जो देश बाँटने के बाद सीमा के उसपार नहीं जा सकते थे उनको इस भारत देश के वासियो ने आपको छोटा भाई और शरणार्थी मान कर सर आखों पर बैठाया और विशेष दर्जा भी दिया, अलाप्संख्यक का. हिन्दू अपनी माँ, बहिन की लुटी असिमिता को भी भूल गए, उसके वीर पुरखो, दसो गुरुओ के बलिदान को भी भूल गए. फिर भी इस देश में बचे इस असहानफरामोश कौम ने उसी के लहू से स्नान करना जारी रखा. वो जो लेलिया गया उसका तो जिक्र ही नहीं जो अभी है उसपर फिर से वोही धोंसपट्टी, मेरा लाल गोपाल अभी भी मस्जिदों में कैद है, राम लल्ला अभी भी पुलिस के सायें में है. बाबा विश्वनाथ अभी भी बंधक है. हर शहर और गाँव में अभी भी वो ही दुरभिसंधि जो आज से ६० साल पहेले थी. अभी भी उसकी गौ  माता का कलेजा चीर कर गोश्त को खाया और लहू को पीया जा रहा है. अभी भी हिन्दू लडकियों के साथ बलात्कार कर लव जिहाद किया जा रहा है. बाबा अमरनाथ पर जाना आज भी उतना ही कठिन जितना ६० साल पहेले जैसे औरंगजेब को जजिया दिया जाता है अब कश्मीर सकरार को. देश के हिन्दू को आज भी उतना अधिकार नहीं की वो अपनी माँ सरस्वती और दुर्गा के नंगे चित्रों पर विरोध दर्ज ही करा सके. आज भी गाजी और पीर पर ही अगरबत्ती जल रही है. आज भी मस्जिदों को ही संगरक्षण मिल रहा है.

आज आप धर्मनिरपेक्ष, मुसलमान और भारत सरकार हिन्दुओ के साथ न्याय करना चाहेंगी की नहीं? पकिस्तान और बंगलादेश से १९४७ में जो हिन्दू आया था वो अमूमन सक्षम था जिसका बंगलादेश और पकिस्तान के बड़े बड़े नगरो में बहुत ही अच्छा और बड़ा कारोबार था. जिसका नहीं था उसका तो वहीँ पर खतना कर दिया गया. और जो हिंदुस्तान आया उसने यहाँ आकर अपने दम पर हिंदुस्तान में अपना स्थान बनाया. परन्तु आपको फिर से इस देश ने बटवारा करने के इनाम के तौर पर अलाप्संख्यक का विशेष दर्जा दिया जो कालांतर में आपको सभी संसाधनों पर प्रथम स्थान पाने का हकदार बना गया. आज आपको हिन्दुस्तान में इतनी इज्जत और रुतबे के साथ रखा जा रहा है की पकिस्तान के मुसलमान के जीभ में पानी भर आता है और वो वहा से अपनी नौटंकी यहाँ आकर फिल्मो में, टीवी में और संगीत में पैसा कमा कमा कर जाते है. 
  • और आपने हिंदुस्तान के अपने शरण दाताओं को बदले में क्या दिया? 
  • यदि हिन्दुस्तान में एक भी इस कौम का सच्चा बच्चा है तो बताए की तुमने हिंदुस्तान के हिन्दुओ को क्या दिया ?
  •  ८०० साल तुमने उनकी असिमिता और भावनाओ से खेला, आज दो देश लेने के बाद भी बदले में उनको वापस क्या किया ?
इसको असाहन फरामोशी नहीं कहेंगे तो क्या कहंगे आप ? 


एक कुत्ता भी रोटी पाने पर अपने मालिक की वफादारी करती है. एक भैंस भी घास डालने पर दूध देती है. परन्तु एक यह कौम है जो दो दो देश लेने के बाद भी हमारे ही अन्न खाकर हमारे ही टुकडो पर पल कर हम ही से आजादी मांगती है. बड़ा ही क्षोभ होता है. सेना के जवानो को कश्मीर में पिटते मरते क्या एक भारतीय का खून न खौले? अरे तम्बुओ में रहे रहाए अपने घरो से हजारो किलोमीटर दूर अपने ही भूभाग पर 


"क्या चाहिए आजादी"


जैसे नारे सुनने पर क्या बीतती है एक हिन्दू मन पर! अरे मुसलमान होने के नाते तो ले ही चुके-
किताबे ले चुके, उनको जला चुके, मंदिर ले चुके, तबहा कर चुके, जमीं ले चुके, इज्जत ले चुके, आबरू ले चुके , मोहोल्ले ले लिए, माताए और बहिने छीन ली, रक्त पी चुके, दसो गुरु ले लिये, मुहं से निवाले ले लिये, अधिकार ले लिये, सत्ता ले ली और अब क्या ? 


परन्तु इतना लेने के बाद हमे क्या दिया तुमने ?

१९४७ में निश्चय यह ही हो जाता की तुम सब को अफगानिस्तान में ही ठोक देते तो समझ भी कुछ आता. इस देश ने इतना कुछ दिया पर फिर भी मांग ही रहे हो. और आज आरक्षण भी मांग रहे हो. फिर से वोहीं नौटंकी जो बंटवारे से पहेले थी, मुस्लिम विश्विद्यालयो को अलप्संख्यक का दर्जा. भिखारी बनकर मांगते हो मिल जाने पर देश की इन्ही वासियो को काटते हो. क्या यह ही दस्तूर है दुनिया का ? और में बड़े दावे के साथ कहता हूँ की हम १०० करोड़ अपने शरीर पर आग लगा कर भस्म भी हो जाये तो तुम्हारा पेट नहीं भरेगा. परन्तु एक बात जो समझ नहीं आती की आपकी आत्मा नहीं कचोटती आपको की इस दाता हिन्दू कौम को भी कुछ वापस कर दे
  • क्या इस कौम की माँ भी अपने बच्चे को यह शिक्षा नहीं देती की जिस थाली में खा रहे हो उसमे नहीं थूकते.
  • क्या एक भी बाप ऐसा नहीं जा बचपन में अपने बच्चो को यह शिक्षा देता हो की इस राम और कृष्ण की भूमि पर शांति और यज्ञ का उपवन हिंदुस्तान इन हिन्दुओ का ही है.
  • क्या एक भी बेहेन बचपन में अपने भाई से खेल खेल  में नहीं कहती की भाई इतना सुन्दर देश तो फिर किस बात पर इनको (हिन्दुओ) हमारी नस्लों ने काफ़िर कहा और दो दो  देश छीन लिए. 
  • और अभी भी इस देश का आम नागरिक समानता की बात करता है. 
  • मित्रो वक्त की विडंबना नहीं तो क्या है की हम ८० करोड़ लोग ६० साल बाद भी समान नागरिकता की ही बात करते है अपने लिए कोई विशेष दर्जे की नहीं. जो स्वाभाविक है की किसी और को विशेष दर्जा मिल रहा है उसके बराबर आने ही तो आना चाहते है तभी तो हम ८० करोड़ हिन्दू सामान नागरिकता की बात करते है और अपने इस बचे - कुछे देश में अपने लिए ६० साल बाद भी सामान अवसर की सामान नागरिकता मांग रहे है. क्या एक बाप अपने बेटे से नहीं पूछता की इस कौम का, की जब ८० करोड़ लोग चीख चीख कर सामान नागरिक सहिंता की बात कर रहे है तो कहीं न कहीं हमे विशेष दर्जा (अलप्संख्यक का) दिया जा रहा है और हम इन ही की बहेनो की इज्जत और आबरू लूट रहे है. इन ही के मंदिरों पर आज भी कब्ज़ा नहीं छोड़ते, इन ही को आज भी काफ़िर और कश्मीर में इंडियन डोग केहेंते है. 
  • क्यों देश के २० करोड़ मुस्लमान एक साथ खड़े होकर कश्मीर कूच नहीं कर सकते और इन कश्मीरी मुसलमानों को ही सबक सीखा  देते की बहुत हो चूका. हम भी इसी धरती के बेटे है. कश्मीरी मुस्लमान आजादी मांग रहे है धर्म के आधार पर, वो कोई कश्मीरी पंडित दिल्ली के टेंट से कुछ नहीं मांग रहे है, कश्मीर की सत्ता पर काबिज होकर अलग देश मांग रहे है. क्योँ उन कश्मीरियो के ऊपर लघुशंका करदेते जो हिंदुस्तान से अलग होने की मांग करता है. 
  • क्यूँ नहीं मोर्चा खोल देते भारत माता को डायान बता ने वालो पर. 
  • क्या उर्दू या अरबी में एक भी लाइन नहीं अपने देश की भक्ति पर.
  • क्या एक भी शिक्षा नहीं पूरी नसल के पास जो असहान करने वालो के प्रति किया जाता हो.
  • क्या एक भी इस कौम की माँ अपने बच्चे को रात को कहानी नहीं सुनाती जिसे सुनकर उसकी भुजाये फड़कती हो.
  • क्या एक भी माँ इनको यह नहीं बताती की इतना खाने के बाद कुछ चुकाना भी फर्ज होता है.
  • इस देश का पानी पीते हो अन्न खाते हो और उस देश के वारिसो से इतना अलगाव रखते हो. क्यूँ ?
हद होगई जिस कौम के खून का एक एक कतरा हिन्दुओ के अहसान के तले दबा हो. हज का पैसा भी हिन्दुओ से लेकर हज की जाती हो. मदरसे हिन्दू पैसे से चलते हो. उस हिन्दू को ६० साल पहेले आपकी कौम के लोग काफ़िर बता कर अपने अपने देश तोड़ कर लेगाए हों. अब जो बचे है वो भी उसके बाशिंदों को इज्जत नहीं बक्शना चाहते हो. धर्म और पूजा तो दूर की बात है जब तक एक शबरी का भी असहान था प्रभु श्री राम पर तो वो उसको भी चूका कर गये. अरे हिंदुस्तान उस देश की मिटटी है जहाँ पर प्रभु श्री कृष्ण सुदामा के चार दाने चने का भी अहसान चूका कर गये. तो उस मिटटी से उपजे अन्न का कुछ तो मान करो और बस बहुत हो चूका अब कम से कम आह्सान ही चूका दो. नहीं हम तो इतने बावले है हमारा प्रधान मंत्री तो अभी भी कह रहा है कि भारत के सभी संसाधनों पर आपका ही हक़ है. हाँ उसका क्या जा रहा है, घर से उसे थोड़े ही देना पड़ रहा है. जिनके जवान बेटे सेना में कश्मीर में मर रहे है उनसे पुछो की हक़ क्या होता है.
यदि किसी भी एक असहान फरामोश की आत्मा जागी हो तो कृपया कर के मुझे एक ही उत्तर दे दे की जब धर्म के नाम पर बंगलादेश और पाकिस्तान देदिया गया था तो बचा हुआ देश किसका है ?

29 comments:

  1. उनका दोष नहीं है। वे तो वही कर रहे हैं जिसे 'अल्लह' ने फरमाया है।

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  2. mujhe samajh nahi aata ki tum purush ho ya napunsak. 100 % kah sakata hoon ki tumhe rajneeti main jana hai .akir kab tak apane rajneetik udesyon ki purti ke liye desh ko batate rahoge?kab tak hume bewkuf banate rahoge? kya tum insaan ho?kya tumhe iswar ka darr nahi? kya muh lekar jaoge iswar ke pass ?kya tumne grantho ki ABCD... bhi nahi padhi.
    mujhe ek prasn ka uttr do.agar tum iswar ko hi kewal bhagwan manate ho to iswar ne musalmano ko kyon banaya?are bewkuf jara socho iswar ho ya allah sabhi to ek hi hai humne to kewl naam diya hai unhe.aur tum kaise kah sakate ho ki wo hamari thali main khate hai? are bewkuf manuswoon ko mat baato ek karo .sima humne banaya hai iswar ne to kewal insaan banaya tha.unhe hindu aur muslim ka darja humne diya hai.insaan bano haiwaan ban gaye ho tum insaniyat nahi hai tum main.prithwe par apada ho tum.aur tumhare jaise mand budhi tote jinhe jo kah do ratate rahate hai.ant main itana hi kahunga GET WELL SOON.MERI PRARTHANA HAI KI TUM JALDI THIKHO JAO.
    contact:aag.vivekku957@gmail.com

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  3. मित्र विवेक
    कितनी विडंबना है की आपके शीशे के बने हुए थोथे घर की दीवार इतिहास की सच्चाई भी स्वीकार नहीं कर सकती और आपने एक विशेष मानसिकता के जरिये फिर से एक ही पेंट से हर किसो को पोतने की कोशिश जारी रखी. मेरे द्वारा उठाये गए किसी भी प्रशन का उत्तर नहीं दिया बल्कि थोथे प्रवचन देने की असफल कोशिश हुई है. मित्र न तो मेने किसी भगवन पर प्रशन उठाये और न मेरी इच्छा है, देश के बटवारे धर्म के आधार पर किया गया है और कश्मीर उसी बात पर फिर से बांटा गया और बांटा जा रहा है. और मित्र रही मेरे राजनीती में जाने की बात तो बता दू इस से यदि देश का भला होता होतो वो भी करलू परन्तु वो संभव नहीं है. अब रही आप की बात तो यह जिहादी लोग हिन्दू नाम से इन्टरनेट पर अपनी भड़ास निकालते है तो मुझे कोई संदेये नहीं की आप भी उन में से एक हो. और अंत में आपकी भाषा इस बात को इंगित करती है की संस्कारो में कही कोई त्रुटी रहगई है और जवाब देने की इच्छा होने के बाद भी तार्किक रूप से उत्तर देने का संस्कार आपको नहीं मिल पाया. अंत में एक अति महत्वपूर्ण बात बता दू जब देश और समाज की बात होती हो तो व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाये जाते और यदि आप जैसे तर्कहीन लोग लगा भी दे तो हम उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है, यह मानते हुए की देश, समाज हित में यह भी एक आहूति ही है. लेख पढने के लिए धन्यवाद और उमीद है की देश समाज हित में हमे प्रसाद दे कर आगे भी अनुग्रीहित करेंगे.

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  4. sayad aapne apane blog ko bhi dhyan se nahi padha.jaha tak wyaktigat aropo ke bare main aapne kaha hai to main samajhta hoon ki aapko apke dwara likhe is wakya ko padhana chahiye उस कौम का क्या जो मेरी ही थाली में खा खा कर उसमे छेंक करती हो.aur mere hisab se मेरी sabd wyaktigat hi hai.
    apane apane jawab main likha hai अब रही आप की बात तो यह जिहादी लोग हिन्दू नाम से इन्टरनेट पर अपनी भड़ास निकालते है
    to mera prasn hai aapse ki aap bhi kya ek jehadi ho?ek hindu jehadi jo apani bhadas internet per nikal raha hai.kya ye wahi desh hai jaha kaha jata tha jo tuko kata boye tahi boye tu phool.?
    apne baat ki mere sanskaro ki kya apke sanskar yahi kahate hai ki baat do kisi ek pariwar ko uske rang rup ke anusaar aur pichli baato ko lekar jo ki ek kaala adhyay tha ratate raho.ye jehadi hote nahi hum banate hai inyhe apne isi manshikta ke wajah se.main samajhta hoon ki wigyan ka sabse bada abhisap hai internet kyonki aap jaise log ise abhiap bana diya hai.
    to ant main main bhi is baat ko ingit karata hoon ki mere sanskaro main nahi aapke sanskaro main truti hai.aur jaha tak mere thothe wicharo ki baat hai to main aap ko yahi kahunga ki gande wicharo(apake) se acha hai ki wichar thothe ho(mere).main apam=ne kuch sabdo ke liya mafi mang bhi leta per apke wicharo ko padh kar mera mann krodhit ho jata hai.aur main sansar nirmata se yahi prarthana karunga ki AAP JALDI SWAST HO JAYE.GET WELL SOON.

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  7. Well dear Vivek, I respect your point of view and I defend your right to express the things.
    What I urge you that you are derailing the entire debate and braying uselessly. To indicate a society for any wrong reason is not personal allegation, the Muslims should answer the question. I have asked this question to entire society who divided MY INDIA. That answer I did not get from you as you are being volatile on this point and want to say something but lack of knowledge which reflects from your ranting attitude and fragile knowledge, That’s why you are responding on this debate very childish way. Hope you will accept and will respond in some constructive manner.
    I don’t want to score any point here, you are my brother the difference is perhaps you love India of after 1947 (Divided) only and I love my ancient India too (Undivided). I can accept the divided India and respect this Society (Muslims) but again the issue is being raised and trying to divide India or disturb Kashmir on the same POINTS, MENTALITY, LOGICS and INFAMOUS FACTS. So I am raising why MY country (This is not individual) is being destabilized by the same Society (A group of people certainly Muslims) those were responsible for division of India. This is highly undemocratic if you people don’t give the spaces even compare the facts with that situation and trying to paint without any logic and constructive debate with same paint, which is not acceptable but heinous and injustice.
    Above of all I respect your sentiments. But you should have courage to answer the question which was asked in very last paragraph of the article in my blog. I do believe that I will get the answer in the light of facts and logics rather than ranting the stereotype punching line of the Bollywood movie. I ensure you in absence of the logical debate from your side will insist me use the same kind of words with same tone as I have enough words in my quiver to respond you. If you don’t agree please give logic.
    I do hope you will come up with some logics. Rest is yours.

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  8. त्यागी जि एक दीन ऎसा आयेगा कि एस देश मुसलमान हि रहेन्गे हम कहि नहि हिन्दु धर्म का विनाश होगा vivek ranchi जेसे लोगो कि बधलोत मै vivek ranchi से केहना साहुन्गा कि कि अगर तुम को कोइ धर्म के नाम किस हद तक जा सकते हो इनसानीयत का लहु तो नहि बाहोन्गे ना मगर कुच कोम वाले अगर जिहाद के नाम पर तुम जो उन्कि बात कर रहे हो तुमरा सर काट्ने मै भि नहि हिस्किसाये गे विवेक जी कास तुमारे जेसा वो लोग भि सोचतो तो ये दन्गे फसाद हि नहि होते पर एसा नहि है क्या तुम अयोध्या मै राम मन्दिर कि जगह मजिद बनाने दे सकते हो हा सायद कीयोकी तुम एक हिन्दु हो मगर तुम किसी एक भि से नहि केहलवा सकते हो कि तुम हिन्दु वह अपना राम मन्दिर बाना लो ****** पानी में जहर मिलाकर मुंबई पर आतंकी हमला संभव: आईबी***** ये एक अखबार कि हेड्लाईन है http://josh18.in.com/showstory.php?id=718112 एसा काम एक हिन्दु किसि भि हालत मै नहि कर सकता है समझे तुम जनते हो वो लोग हमसे सब काम उलटा करते है हम सुर्य को पुजते है वो चान्द को हम सिधे तवे पे रोटी बनते है वो उल्टे तवे पे हम हम जो काम सेधा करते है वो उल्टा करते है मझे मुशलमानो से नफरत नहि है दोस्त मुझे नफरत है उन लोगो से जो लोग अपने अल्ला के नाम पर हमरी पिट पिछे चुरा घोप देते है

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  9. त्यागी जी आपको तो मुसलमानों का अहसानमंद होना चाहिए, क्योंकि अगर मुस्लमान नहीं होते तो आप किस पर लेख लिखते, आपको अपने लोगों से वाह वाही कैसे मिलती?

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  11. भाई इजाज उल हक
    ऐसी वाह वाही आप को मुबारक. एसा कहेकर आप हमारे जख्मो पर नमक नहीं रगड़ रहे तो क्या कर रहे हो. इसको कहेते है मारोगे भी और रोने का अधिकार भी नहीं दोगे.
    फिर फिलिस्तिनियो के पक्ष में क्यों झंडा उठाते फिरते हो इसीलिए की कुछ नहीं तो इस्रैलियो के ही टक्कर मारते रहे. जैसी सलाह आप हमे दे रहे है कभी अपने फिलिस्तीनी भाइओ को भी दी है ?
    आप एसा जब कहे रहे हो जब दो देश हमसे इस आधार पर ले चुके.
    कम से कम कुछ और नहीं सांत्वना ही दे दो नहीं.
    अंत में प्रशन फिर वोही है के असहानफरामोश कौन ?

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  12. tyagi je aao hamre blog par abhi ekaadh din men class type ki capsule le lena !

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  13. i think ur view point is ur persnoal,and i am totally disagree with it..ek bar kabhi aap ek muslim dost banakar uske saath rehna sayad aapki soch me badlab aaye. oterwise aapka totally faltu speech kisi maha faltu aadmi ko josh dila sakta hai.

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  14. wo insaan kya jo apni kaum ke liye marna na jane.
    jo tujhko kanta boye tahi bo to phool. yeh sant ki bani hai. raja ki nahi. raja apni praja ki raksha karta hai. uske raaj me sant befikr ho kar aise bhajan gaate hai. dhram, adhyatam and samaj alag alag baate hai. aam tor par hindu inko aapas me mix kar dete hai. i am very agree with tyagi.vicky is among one of the unknowing hindu. can be said child. so let him excuse. he is one of brother. if our brothers were not like this than how a few invaders from iran or afganistan capture our nation. how can a invader broken our temples. if a soldier think by the mind of saints he will leave his rifle before the battle. char din ki jindagi hai, kya ladna jhagdna. will it be right. god has given every body a duty and one should do it honestly. the king will do what should he do and the saint will do what he should.
    one other thing. if any one think that muslims will kill all hindus it is false. the hindus will be killed by their works if they will not care for themselves. if they will not strong to their duties they must be. you keep on your way strictly. god will help you. but remember god helps those who helps self. bye

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  15. अनुनाद सिंह said...

    "" उनका दोष नहीं है। वे तो वही कर रहे हैं जिसे 'अल्लह' ने फरमाया है। ""

    Bhai, zara vistaar se batayen, Allah ne kya farmaya hai??
    Kabhi quran padhe aap ??

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  16. ye bimar aadmi ka soch hai, ise kahte hain kattar wad isi soch ka nateeza hai tyagi,,,,or aisa soch rakhne wale chahe wo jis dharm ke hon,, ye tyagi ka personal vichar hai muslim kaum k liye, rss, ya bajrang dal ke vichar hain ye

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  17. faltu vichar hain tum logon k, or kuch nhi... i m not agree with all your comments..BAKWASH HO TUM SAB,, TUMLOGON K PASS YAHI SAB KARNE K LIYE FALTU TIME HAI

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  18. Dear Niraj
    without logic saying FALTU is not a way of discussing the things. please suggest me what wrong in above article. your sermon in this language will not solve your purpose. advise us logically, don't create hysteria.
    regards
    tyagi

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  19. great shot tyagi ji ...we all hindus are with you .. at least you are the one who is creating awareness among us ..vandematram

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  20. Tyagi ji APJ Abdul Kalam ek muslim jisne Bharat ka mastak vishwa mein swabhimaan se uncha kiya.AR Rehman ek muslim jise Mozart of India kaha gaya,jisne Maa Tujhe Salaam jaise geet desh ko arpit kiye.javed Akhtar ,Shakeel Badauini,sahir ludhiyanvi,Md rafi,khayaam,Naushad inhone 90% deshbhakti geeto mein apna yogdan diya.aaj ek zaheer khan ke na khelne ki wajah se bharat ki position kharab ho jaati hai.Aise mein aap ek bekar ki baat kar ke keval sandeh ki sthiti paida kar rahen hain.bhagwan aapko sadbudhi de

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  21. @mujtaba & salim khan
    अगर बड़ा ज्ञान है कुरान के बारे में तो यहाँ आके के पढ़ लो. बहुत शर्म आएगी अपने मुस्लमान होने पर
    http://www.faithfreedom.org/
    http://www.faithfreedom.org/category/articles/islamic-jihad-articles/

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  22. Great Post...
    I like very much....
    Just see the AZHAR a traitor of India..

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  23. वह सर कडवा सचःबहुत खूब

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  24. I love u man!
    I am proud to be a Hindustani!!!!!!!!!
    Really its heart touching and we should be together and also teach them how to repay others otherwise after some year there will be no Hindustani in the world

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  25. I love u man
    I am proud to be an indian

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  26. तो ...... आइये नई शुरुआत करते हैं ....... इन गद्दारों से लड़ते हुए भविष्य - निर्माण के कार्य को भी करना है . सनद रहे कि " अन्दर " के छुपे - रुस्तमों का भी विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि खेती में " खरपतवार " तो उगती ही है .................. संजीव त्यागी (कुतबपुर वाले )
    ३३,गाज़ावाली रूरकी रोड
    मुज़फ्फर नगर ,09457392445,09760637861

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  27. sare janha se achaa hidustan hamara bharat mata ki jai

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