दुनिया का कोई भी राष्ट्र अपनी आत्मा के बिना जीवित नहीं रह सकता पर हर कोई भारत को उसकी आत्मा यानी हिंदुत्व से परे रख कर जीवित रखना चाहता है।
हावर्ड स्कूल या और भी पश्चिमी और अमेरिकन संसथान हिंदुत्व के समागम कुम्भ पर शोध कर रहे है की क्या कारण है की हिन्दू लोग हर बारह साल बाद करोडो की संख्या में एक स्थान पर शांति और प्रेम के साथ एक जुट कैसे हो जाते है। जिन राजनेतिक लोगो ने दुनिया के हिन्दुओ को जाति के आधार पर बंटा है और था उनको इस कुम्भ समागम पर हैरत ही नहीं घनघोर दुःख भी होता है की हिन्दू अमरबेल की तरह बार बार एक जुट किस कारन से होता है क्या चीज है जो लाखो वर्षो से विष वामन और हिन्दू को बांटने और बदनाम करने के बाद भी हिन्दू बिना किसी संघटन और कार्यक्रम के करोडो की संख्य में जुटता कैसे है।
अब तो कुछ इसाइओ ने ने 25 दिसंबर को नदी/झील में नहाने की परम्परा भी डालनी शुरू कर दी हिन्दू धर्म से प्रेरणा लेकर।
खैर अब आते है आज के मुद्दे पर और मुद्दा है श्री सुशिल कुमार शिंदे जो की भारत के ग्रह मंत्री है के "हिन्दू - भगवा आतंकवाद" खट राग पर। मित्रो कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए भारत देश की आत्मा पर चोट करने के लिए। क्या सच में राहुल गाँधी की घोषणा के बाद की मैं वकील नहीं जज की भूमिका में अब अवतरित हूँ से कांग्रेस भी इतिफाक रखती है की "हिन्दू आतंकवाद" पर उसका ग्रह मंत्री जजमेंट ही सीधे दे रहा है। कांग्रेस पार्टी है, सरकार है, संविधान है, सुप्रीम कोर्ट है, यह है कौन जो राजनीती का घालमेल भारत सरकार की निति से करवाया जा रहा है। मैं कांग्रेस के लोगो से इतिफाक नहीं रखता हूँ की यदि कोई भी आतंकवाद है उसे कोई भी नाम दो तो हमें स्वीकार है किसी चीज का साधारणीकरण करना कहा तक उचित है। कोई तो नहीं कहता की राजीव गाँधी के एक बार उकसाने से ही ही दिल्ली में सिख भाइओ का नरसंहार किया गया था। कोई उनको पोल वोट कंबोडिया के तानाशाह की तरह इस नरसंहार के लिए अंतराष्ट्रिये अदालतों में जाने को कहेता।
मित्रो कांग्रेस और हिन्दुद्रोहियो को एक बात साफ़ होनी चाहिए की यदि दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद शब्द का प्रयोग हुआ है तो उसके कारण विधमान है। किसी भी बात को हवा में नहीं बनाया जा सकता। जो मीडिया में हिन्दुद्रोही लोग बिठाये गए है और दिन रात हिन्दू हितो के कुठाराघात का काम कर रहे है वो अट्ठाहस न लगाये की हमने हिन्दू आतंकवाद का जिन्न खड़ा करके मुसलमानों को उनके बारबार ला खड़ा कर दिया। सच और झूट में बड़ा अंतर होता है।
हिन्दू आतंकवाद के भाषण झाड़ने वाले मूर्धन्य पी चिताम्बरम, दिग्विजेय सिंह और देश के ग्रह मंत्री सुशिल कुमार शिंधे क्या यह बता पाएंगे की हिन्दू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद से कितने देश पीड़ित है?
आज दुनिया भर में हिन्दू रहेते है। दुनिया के 70 देशो में हिन्दू मुख्य कोमुनिटी है और सभी जगह अलाप्संख्यक है तो क्या इनमे से किसी देश की सरकार ने हिन्दू आतंकवादी पकड़ा है या हिन्दू आतंकवादी की किसी घटना की पुलिस रिपोर्ट हुई है?
हिन्दू जहाँ पर मुख्य अलाप्संख्यक है जैसे की बांग्लादेश में या मलेशिया में तो क्या कोई भगवा - हिन्दू आतंकवादी ने कोई घटना की है है।
हिन्दू जहाँ पर बहुसंख्यक है जैसे नेपाल तो क्या वहां पर हिन्दू-भगवा आतंकवाद ने कोई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर काण्ड कर दिया।
बेचारे हिन्दू मलेशिया में मुख्य अलाप्संख्यक कोमुनिटी होकर भी पीड़ित है और नेपाल में बहुसंख्यक होकर भी पीड़ित है।
30 करोड़ हिन्दू प्रयाग में कुम्भ के मेले में जुट रहे है तो क्या किसी देश / धर्म के खिलाफ है और दूसरी तरफ तुमे जुम्मे की नमाज में कुछ के हजार मुसलमानों को खड़ा कर के उनके भाषण सुन लो। आपको पता लग जायेगा की दुसरे धर्मो के प्रति यह मुसलमान कितने सहिषुन है। और इस्लामिक आतंकवाद का सच क्या है।
कांग्रेस, खूंखार धर्मनिरपेक्ष, हिन्दुद्रोही, देश तोड़क,स्वार्थी, मुस्लिम परस्त लोगो के गठजोड़ से यह हिन्दू-भगवा आतंकवाद का कुलषित विचार आया है। और यह ही लोग दिन रात इसको पोषित कर रहे है। इस गठजोड़ का विस्तार इस मुद्दे पर नित नया रंग ले रहा है। पहले पहेले इन लोगो ने इसे भगवा गुंडा बोलना शुरू किया था जब सत्ता में बीजेपी थी। जब इनको रोका नहीं गया और बीजेपी सत्ता में नहीं रही तो सीधे सीधे भगवा आतंकवाद बोला जाने लगा, फिर भी हिन्दुओ ने प्रतिक्रिया नहीं करी तो सीधे हिन्दू आतंकवाद ही बताने लगे और अब अपनी रणनीति को अमली जाम पहनते हुए संघ-बीजेपी आतंकवाद पर आगये। क्यूंकि वोट तो इसी तरह से मुसलमानों की मिल सकती है न।
कहा रुकोगे भैया। यदि देश का ग्रहमंत्री देश के मुख्य विपक्षी दल को आतंकवादी बता देगा वो भी बिना सबूत के तो देश से लोकतंत्र को हवा होने में कितना समय लगेगा। और यह ही कुकृत्य कांग्रेस के प्रयास को पंख लगा रहा है।
क्या हो यदि देश की राज्यसभा और लोकसभा के दोनों नेता सावर्जनिक रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर सोनिया गाँधी पर अपनी सास और पति की हत्या का आरोप लगा दे। और देश की संसद न चलने दे। क्या हो यदि बीजेपी के लोग कांग्रेस को देश में सिखों के प्रति कांग्रेस की प्रतिक्रिया को आतंकवाद का नाम दे।
क्या हमारे दुश्मन देश इसे हाथो हाथ नहीं लेंगे। क्या प्रतिकिया होगी इस पर विश्व में। क्या बीजेपी या संघ को भी थाईलेंड के विपक्षी दल की तरह एअरपोर्ट बंद कर देना चाहिए या देश की राजधानी दिल्ली को भगवा कपडे पहेने स्वयंसेवकों से पुलिस के साथ दो दो हाथ करने देना चाहिए।
क्या कांग्रेस संघ बीजेपी और हिन्दू से यह उम्मीद करती है की कांग्रेस की सारी सरकार, कांग्रेस की पार्टी , भारत सरकार के अधिकारी द्वारा बिना सबूत के यह लोग अपमानित होते रहे। अकबरुद्दीन ओवासी और अस्सुद्दीन ओवासी के हाथो हिन्दू अपने अरध्ये श्री राम की मां का अपमान होते रहेने दे, बार बार ओवासी ब्रदर्स की धमकियों के बावजूद हिन्दू लोग कांग्रेस को सरमाथे बिठाते रहे और वोट देते रहे।
क्या कांग्रेस सरकार और पार्टी देश के मुख्य विपक्षी दल को आतंकवादी घोषित कर के देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर पायेगी। ऍफ़ डी आई के लिए विदेशी निवेश देश के माहौल का असुरक्षित बना कर ला पायेगी।
आज कोंग्रेस की इन आत्मघाती नीतिओ के चलते पाकिस्तान से अपने जवानो का सर मांगने की जगह पाकिस्तान को ही इस बात का जवाब देना पड़ रहा है की क्यूँ न ग्रह मंत्री शिंदे के बयान को सबूत मान कर भारत को ही आतंकवादी देश घोषित कर दिया जाये।
क्यां कांग्रेस को देश की चिंता है या केवल और केवल सोनिया गाँधी और उसके बेटे के स्वार्थ के लिए देश के 100 करोड़ हिन्दुओ को सूली पर चढ़ा दिया जाये। बाबा राम देव और समर्थित श्र्दलुओ को दिल्ली पुलिस के हाथो पिटने दे और इन सब को सहते हुए हिन्दू धर्म अपने ऊपर आतंकवाद का ठप्पा भी लगवा ले। यह कहाँ का तर्क है। की हिन्दू पिटे भी और प्रतिकिया भी न करे पर अपने को आतंकवादी होने की बेवजह कांग्रेस सरकार की कोशिश पर दुःख भी न प्रकट करे।
आज संघ 77 देशो में अपनी शाखा लगाता है दुनिया के किसी देश ने उसको शाखा लगाने से मना नहीं किया, दुनिया में किसी देश ने हिन्दू को आतंकवादी गतिविधि में सलिप्त नहीं पाया। फिर किस आधार पर कांग्रेस के मंत्री और नेता "हिन्दू - भगवा- बीजेपी-संघ आतंकवाद कहे रहे है। या जो मुहं में आये वो बक देने की स्वतंत्रता कांग्रेसियो को ही है। कांग्रेस के भ्रष्टाचार के मंत्री बेल पर मजे कर रहे है अयाशी कर रहे है और विरोधी दल के नेता जेल में है।
क्या शिला दीक्षित, कलमाड़ी, राज कुमार चौहान, गहलोत परिवार, अमरिंदर सिंह, दिग्विजेय सिंह, जैयस्वाल, कोएले घोटाले वाले, 2 जी वाले, शक्कर घोटाले वाले, कोमन गेम्स वाले सब दूध के धुले है।
आतंकवाद क्या होता है यह कांग्रेस को बताने की जरुरत नहीं ओवासी ब्रदर्स और अन्य कांग्रेसी नेताओ के बाद भी देश का वातावरण शांत है क्या 100 करोड़ लोगो के आतंकवादी होने से अपने अरध्ये राम की माँ और 25 करोड़ मुसलमान देश के 100 करोड़ हिन्दुओ को सबक सीखा देंगे जैसे उकसावे से भी कोई आतंकवादी समाज हिंसक प्रतिक्रिया न करता। कांग्रेस के गढ़े यह हिन्दू आतंकवादी चुप बैठते ?
आतंकवाद किसी कहेते है कांग्रेस जान ले आसमानी किताब के बार में दिग्विजय या सोनिया गाँधी या उसका बेटा एक शब्द तो बोल कर देख ले। 60 से ज्यादा देश में मुसलमान मार काट मचा देंगे। यहाँ तो लुटे पिटे हिन्दू भी शांत बने रहेते है और पैसे वाले भी क्या यह किसी और धर्म के लोगो पर भी लागु होता है।
कांग्रेस के दोहरे मापदंड -
- संप्रंग की सरकार के मंत्री भरष्टाचार करे तो कांग्रेस और प्रधानमंत्री दोषी नहीं वो तो सहयोगी दल दोषी है।
- कांग्रेसी सांसद कलमाड़ी भ्रष्ट है पर कांग्रेस नेत्रित्व भ्रष्ट नहीं है। कलमाड़ी तो कांग्रेस का सांसद मात्र है।
- कोयल मंत्रालय में घोटाला है पर जिस प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास वो मंत्रालय है वो दोषी नहीं भ्रष्टाचारी नहीं।
- जिस शिला दीक्षित ने दिल्ली में कोमन वेल्थ का काम कराया उसमे तो घोटाला है पर शिला दीक्षित भ्रष्टाचारी नहीं है। जिसके खिलाफ लोकायुक्त ने आरोपों की झड़ी लगाईं वो शिला दीक्षित जेल नहीं गई , अरे जेल छोड़ो बेशर्मी इतनी की पद भी नहीं छोडती।
- अमेठी बलात्कार काण्ड के आरोपी बलात्कार के लिए कानून बनायेंगे, सुप्रीम कोर्ट के परिसर में कुकर्म करने वाला देश की सरकार चलने वाली पार्टी का प्रवक्ता और कांग्रेस पार्टी का वकील होगा। कांग्रेस पार्टी के स्थापित नेता आन्ध्रा प्रदेश राज्यपाल भवन में औरतो के साथ रंगरेली मनाये और कोंग्रेस नेत्रित्व अपने को पाक साबित होने की देशवासियो से अपेक्षा रखे। क्या कोई बोल की इन रंगेलियो में कांग्रेस के नेत्रित्व का हाथ है।
कांग्रेस के इस दोहरे मापदंड ने कांग्रेस के नेत्रत्व को संदिग्ध बना दिया। जब इन लोगो जो की कांग्रेसी थे नहीं अभी भी है और पदों पर बने है की किसी कुकृत्य से सोनिया गाँधी या राहुल गाँधी दोषी नहीं ठहराए जा सकते तो फिर संघटन में किसी समय कोई काम करता था के किसी कृत्ये से पुरे के पुरे संघटन और उसके नेत्रित्व को दोषी कैसे ठहराया जा सकता। संघ तो संघ कांग्रेस ने बीजेपी जैसे विपक्षी दल को आतंकवादी के रूप में निरुपित करने का जो जघन्ये कृत्य किया है वो देश की राजनीति, लोकतंत्र के लिए भी खतरे से कम नहीं।
सज्जन कुमार और जगदीश टाईटलर कांग्रेस के सांसद बने रहे और बड़े बड़े पदों पर शोभित रहे जिन्होंने 5000 सिख भाईओ के नरसंहार में मुख्य भूमिका निभाई हो। इन 5000 सिखों के क़त्ल का आज भी कोई दोषी नहीं पाया गया। यह आतंकवाद नहीं क्या ?
क्या लोग इसे 10 जनपथ आतंकवाद कहे, इन्द्रा आतंकवाद कहे, राजीव आतंकवाद कहे, गाँधी आतंकवाद कहे, कांग्रेस आतंकवाद कहे, सेवादल आतंकवाद कहे। क्या कहे ? क्या तथाकथित हिन्दू आतंकवाद से 5000 जाने गई है जो कांग्रेस इस आतंकवाद को इतना प्रचारित कर रही है।
इस प्रकार की बात गुजरात के दंगो के बारे में थी भागलपुर, मेरठ, मलियाने में दंगे हुए कांग्रेस राज में तो कोई बात नहीं, पूर्वोतर असाम में दंगे हुए तो भी कोई बात नहीं। पर बीजेपी के राज में हुए तो सरकार प्रायोजित। वहा क्या बेशर्मी है कांग्रेस की !
और जो लोग यह सोच रहे है की कांग्रेस ने राहुल गाँधी को उपाध्यक्ष बना कर नरेन्द्र मोदी के मुकाबले की तैयारी कर लिय है तो वो मुर्ख है। राहुल गाँधी और कांग्रेस तो 2014 के चुनावो में कहीं मैदान में है ही नहीं है। कांग्रेस ने तो अपने घर के चिराग की आग से बचने का प्रयास मात्र किया है। जिस दिन राहुल गाँधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया था उसी दिन उनकी काबिल बेहेन प्रियंका वढेरा (गाँधी) राएबरेली में अपनी उपेक्षा का स्वर्जनिक रोना रो रही थी। सोनिया गाँधी को अच्छी तरह से पता है की कांग्रेस 2014 में सत्ता में आएगी नहीं और राहुल गाँधी सत्ता के सहारे कांग्रेसियो पर थोपे जा सकते है। यदि बीजेपी सत्ता में हो और सोनिया गाँधी को राहुल गाँधी को उपाध्यक्ष पद पर बैठाना हो तो सोच लो की कितना मुश्किल काम होगा। टीवी मीडिया कांग्रेस का जनाजा उठा देती भाई - बहने - जीजा के किस्से सुना सुना कर सो आज तो कांग्रेसी सत्ता में है मीडिया भी कब्जे में है तो कांग्रेसी लालच में और डर के मिलेजुले भावे में राहुल को अपना भी लेंगे परन्तु बाद में नहीं। जब कांग्रेस की कमांड राहुल गाँधी के हाथ में होगी तब राहुल गाँधी और चाटुकारिता टीम प्रियंका और रॉबर्ट वड्रा को अच्छे से संभाल सकती है। असल में समझदार कांग्रेसियो ने सोनिया गाँधी को समझा कर राहुल गाँधी को उपाध्यक्ष बनवा कर अपना भला और भविष्य सुरक्षित किया है और फिर राहुल 2014 के बाद मजे से युवा होने के मुद्दे पर राजनीति करेगा।
"संघ - बीजेपी - हिन्दू आतंकवाद" का मुद्दा भी कांग्रेस की भविष्य की विपक्ष की राजनीति का ही खाका है। क्यूंकि तब कांग्रेसी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक - एक कर के जेल जाने लगेंगे तो मुद्दे तो बड़े होने चाहिए तब यह लोग इस तथाकथित "हिन्दू-संघ - बीजेपी आतंकवाद" की आड़ में अपनी रक्षा करेंगे। जिसमे कुछ देशद्रोही, खूंखार जातिवादी धर्मनिरपेक्ष और विदेशी शक्तिया कल इस मुद्दे पर कांग्रेस के सुर में सुर मिलाएगी। भाई बीजेपी को भी तो नियंत्रित करना है न नहीं तो फिर से कोई परमाणु विष्फोट कर के दुनिया की ताकत भारत बन गया तो। बीजेपी के मानमर्दन के लिए "कंधार काण्ड" जैसा कोई विदेशी साजिश का तानाबाना तो बना ही रहेना चाहिए। जो कांग्रेस और देश तोड़क शक्ति को लाभान्वित करता रहे।
पर बड़ी बात यह है की कांग्रेस की इस क्षुद्र राजनीति का मोहर हिन्दू समाज क्यूँ बने ? क्यों कांग्रेस एक दलित ग्रहमंत्री की आड़ ले रही है अपने कुकर्म छुपाने के लिए ? क्यूँ साम्प्रदायिकता कानून हो या बेवजह के यह आरोप कांग्रेस हिन्दू समाज को बदनाम करने उसको प्रिताडित करने में अपनी उर्जा लगा रही है? क्यां सोनिया गाँधी हिन्दुओ की उदारता जिसको की उसने अपनी बहु स्वीकार करके दिखाई थी का बदला इस धर्म को अपमानित करने से देगी।
मित्रो विरोध तो करना पड़ेगा और इतना की इस तरह कोई भी पार्टी अपने स्वार्थो के चलते कम से कम हिन्दू समाज को तो इस्तेमाल ही न करे भविष्य में। यदि अब नहीं तो फिर तैयार रहे इस से बड़े आरोप के लिए क्यूंकि अब आप को भगवा गुंडा से भगवा आतंकवादी बताया जा रह है।
अरे, रजनीश जी ने प्रभावशाली लिखा है. हिन्दुओं की आंखे नहीं खुलेंगी>
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