Tuesday, March 3, 2009

हिन्दुओ का अधिकार भारत पर क्यों?

यह भी एक महत्यपूर्ण प्रशन हैं की हिन्दुओ का भारत पर अधिकार क्यों? क्यों नहीं और धरम वाले हिंदुस्तान पर अपना अधिकार बना सकते? हाँ रहे जरूर सकते हैं परन्तु जब अधिकार की बात है तो जबरदस्ती वाली बात होगी की किसीका भी अधिकार हिन्दुओ से ज्यादा है। हमे भुलावे मैं रखने की साजिश है इस से ज्यादा कुछ नहीं। जिस प्रकार वेटिकेन पर हिन्दू का अधिकार नहीं। अरब मैं हिन्दू का अधिकार नहीं। उसी प्रकार भारत मैं हिन्दुओ के अलावा अधिकार किसीका नहीं पर रहे सब सकते हैं। इसी को लोकतंत्र कहते है और इसी को न्याय कहेते है। और जायज भी येही है.
  • हिंदुस्तान का बटवारा सिर्फ इसी बात पर हुआ था की हम मुसलमानों के रीती रिवाज धरम अलग है हम हिन्दुओ के साथ नहीं रहे सकते हमे अलग देश दिया जाय। और इस प्रकार मिल भी गए एक नहीं दो देश. अब तो हिन्दुओ को शांति से जीने दो. हिन्दुओ ने देश नहीं माँगा था उसे येहे हिंदुस्तान कट कटा कर मिला था. और जो मिला उसे इसने अपने खून पसीने से सींचा.
  • हिन्दू संसार मैं एक मात्र कौम है जो जहा भी जाती है उसी देश के कानूनों का पालन करती है। परन्तु उसके देश भारत मैं जो भी आता है अपने ही धर्म रीती रिवाज और कानून का पालन करता है. उसी को ये वंम्पंथी देश तोड़क कहते है की हिंदुस्तान मैं जगह जगह अलग अलग रीती रिवाज है इसलिय सामान आचार सहिंता भी लागु नहीं हो सकती. होगी भी कैसे हिन्दू ने कभी भी नहीं सोचा था के वंम्पन्थियो और मुसलमानों की तरह कबीले बना बना कर भी रहना होगा.
  • १०० करोड़ हिन्दुओ का टैक्स दिया जाता है। जिस से हिंदुस्तान १० प्रतिशत विकास दर की बात सारे विश्व मैं सीना ठोक कर कहता है.
  • हिन्दुओ के मंदिर मैं चढा पैसा पूरा हिंदुस्तान खता है। पशु से लेकर इन्सान तक. उसी की रोटी के टूकडे से लोग हज या कही और जाते है. सब्सिडी के नाम पर हिन्दुओ के ही टैक्स और मंदिरों का चढावा खाया जाता है.उसी पैसे मैं से मानमोहन या कांग्रेस मदरसों मैं कंप्यूटर खरीदने की बात करती है. उसी खून पसीने की कमाई को बफोर्से मैं उडाया जाता है. उसी पैसे से भारत निर्माण कराया जा रहा है. किसी मुस्लमान और इसाई का पैसा देश निर्माण मैं नहीं लगता उनका पैसा या तो वाटिकन सिटी मैं लगता है या फिर मस्जिद मदरसे बनते हैं. और बाकि सब तो ढोंग है. इसिलिया हिन्दुओ का देश पर अधिकार है. इसिलिया हिन्दुओ की आत्मा दुखती है जब भारत माता को चोट लगती है. बाकि किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता.
  • राम की अयोध्या यहाँ है। कृष्ण की द्वारका यहाँ है. मथुरा, कैलाश यह है. स्वर्ण मदिर यहाँ है. पार्शवनाथ यहाँ है. गंगा यमुना कावेरी, यहाँ है. इसिलिया हिन्दू यहाँ है.
  • कुरुक्षेत्र यहाँ काशी यहाँ, जनम यहाँ मरण यहाँ। कही बहार जाकर पूजा नहीं करनी मोक्ष यहाँ. इसीलिय हिन्दू यहाँ.
  • किसी गाँधी ने इस देश को आजादी नहीं दिलाई, तिल तिल अपना खून वीर सावरकर, सुभाष चंद्र और भगत सिंह ने बहा था। उन होने दिलाई थी आजादी . और उस से भी पहेले बंदा की शमशीर चली थी. गुरु गोबिंद सिंह के बच्चे शहीद हुए थे जब हम आजाद हुए थे. पहेले मुगलों से फिर अंग्रेजो से. इसिलिया हिंदुस्तान हमारी रग रग मैं हैं.
  • हिंदुस्तान की हर भाषा संस्कृत से पैदा हुई किसी अरब या लैटिन अमरीका से नहीं। हम जो बोलते है वो इस धरती का बीज बनकर हमारी जुबान पर तैरता है.
रहो सब यहाँ पर परन्तु हमे हमारे ही देश मैं गाली मत दो । रहो तो अपना दिल रसखान और बहिन निवेदिता सा कर कर. रहो यहाँ दूध मैं चीनी की तरह. दूध मैं निम्बू मत बनो.
हमारी बात हिंदुस्तान तक नहीं हम बात करते हैं
वसुधा कुटम्बकम। और शांति विश्व की. ॐ।

1 comment:

  1. सुधार लें...हिन्दू यहाँ है तब तक ही राम की अयोध्या यहाँ है। कृष्ण की द्वारका यहाँ है. मथुरा, कैलाश यह है. स्वर्ण मदिर यहाँ है. पार्शवनाथ यहाँ है. गंगा यमुना कावेरी, यहाँ है. .वरना...लोकतंत्र नहीं...शरीयत होगी...

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