Saturday, May 30, 2009

मुसलमानों को कांग्रेस का इनाम क्या होगा??????

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अब कांग्रेस का जो सबसे बड़ा अजेंडा है वो इस पर गंभीर रूप से विचार करना है की अमेरिका के डर से दाडी वाले मुसलमानों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व तो दिया नहीं। क्लीन शेव अब्दुल्ला ही सही। और अलाप्संख्यक मामलो का मंत्री भी उसे बना दिया जिसको मुसलमान, मुस्लमान ही नहीं मानते। तो ठाना यह गया है की हिन्दुओ को उनकी औकात तो बतानी ही पड़ेगी भाई छोटी मोटी चीजे तो कांग्रेस ने पहेले ही करली थी जैसे की २ और ५ के सिक्को पर चर्च के क्रॉस का निशान। आंध्र में इसाइओ को हज की ही तर्ज पर अनुदान, मुसलमानों को आरक्षण भले ही फिर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया हो। तो अब क्या दिया जाये क्योंकि मुस्लमान भाई सच्चर पच्चर की रिपोर्ट में तो ज्यादा इंट्रेस्टेड है नहीं क्योंकि इतना ही होता तो परिवार नियोजन और शिक्षा पर खुद ही ध्यान देते सो यह तो भूल ही जाओ की देश के २५ करोड़ मुस्लमान लोग कोई सच्चर या खच्चर की रिपोर्ट में रूचि रखेंगे। यहाँ कांग्रेस तो पुरी रूचि ले रही है और पुरे जोर से देने पर तुली भी है। यहक्लिक करे
हाँ यदि कांग्रेस बाबरी ढांचे के जगह मस्जिद बनवा दे तो फिर तो कहेने ही क्या। परन्तु कांग्रेस के बाप की भी इतने औकात नहीं। सो इसको भी भूल जाओ।
तो कांग्रेस ने विचार किया है क्यों न टेनिस की भाषा में डयूस किया जाये अर्थात जो दर्द मुसलमान (कतिथ तौरपर) लिए घूमते है भले ही ४०० साल से हिन्दू कुछ भी करता रहे, वो क्यों न हिन्दुओ को देदिया जाये। इस बात की प्रतिबधता जानने के लिया यंहा क्लिक करे
हाँ मुद्दे की बात यह है की इस बार वो राम सेतु तोड़ ही दिया जाये। क्योंकि कांग्रेस को बहुमत इसीलिए तो जनता ने दिया है। तो जनाब हम कांग्रेस्सियो ने इसिलिया उस अम्बिका सोनी को जिसको जनता को बेवकूफ बनाने को हटा दिया था अबकी बार जनता की ही आँखों में धूल झोंकते हुए और भी ज्यादा वजनी कैबिनेट मंत्री बना दिया। और मंत्रालय भी देदिया वो भी इन्फोर्मेशन एंड ब्रोडकास्टिंग याद दिला दू यह वो ही है जो अपनी सुषमा जी और अडवाणी जी और प्रमोद महाजन पर भी किसी समय था इन नामो का जिक्र इसलिय किया है ताकि आपको सनद रहे की कितना महत्व का स्थान है यह। तो यह एक पुरस्कार है अम्बिका जी को हिन्दुओ की औकात बता ने के लिए की तुम्हारे राम सेतु को मैं ही तोडूंगी कुछ बिगड़ सको तो बिगड़ लो। यह अम्बिका जी हैं भी क्रिस्चन और हा भारतीय विदेश सेवा में रह चुकी है और राजीव जी और सोनिया जी के परिणय सूत्र में बंधवाने में अति अति महत्वपूर्ण योगदान था।
दूसरा इनाम मराठा छत्रप विलासराव देशमुख को मिला है। इनको आपको चिडाने के लिए ही है की इस्लामिक आतंकवाद ने तुम्हारी मुंबई (जिस पर मराठो को बड़ा गर्व है) की विनाशलीला की कहानी लिखने वाले इस्लामिक आतंकवादियो से रक्षा नहीं कर पाने में असमर्थता के लिए जनता की आँखों में धूल झोकने के लिए मुख्यमंत्री के पद से हटालिया अब फिर से केंद्र में हिंदुस्तान की छाती पर कैबिनेट मंत्री बना कर बैठा दिया।
लो हिन्दुओ ने और भारत की जनता ने इन दोनों का क्या उखाड़ लिया। मीडिया भी बेचारी विशेष रूप से नोऊ टीवी के अर्नभ गोस्वामी भी इस बात पर बगले सी झाँक रहे है।
हाँ बात कर रहे थे राम सेतु की तो कांग्रेस का इसको तोड़ना बड़ा ही आवश्यक है कारण कसब को फांसी, अफजल को फांसी, मुस्लमान को आरक्षण, श्री कृष्ण रिपोर्ट पर कार्यवाई, नानावटी रिपोर्ट पर कार्यवाई, आंध्र में मुसलमानों कर आरक्षण का लटका मामला, बाटला काण्ड पर कार्यवाई, सच्चर रिपोर्ट को लागु करना, सेना में मुसलमानों की भर्ती, कश्मीर में स्वायता का मामला, गुजरात के दंगा पीडितो को अशरफिया (५९ हिन्दू कारसेवको के मृत परिवार वालो का पता नहीं को ठेंगा), असाम में बसे और बाकि देश में ५ करोड़ बांग्लादेश मुस्लमान को भेजना,
और भी अनगिनत यह सब काम तो कांग्रेस को करने ही है, नहीं तो राम सेतु तोड़ो बराबर करो। सौ सुनार की और एक लुहार की। बस कांग्रेस को येही करना है, विकास पिकास करना होता तो पिछले साठ साल में न होजाता। वो तो करना है ही नहीं। लो भाई हमारी कांग्रेस ने तुम्हारी मस्जिद तुड़वाई थी हम इनका राम सेतु तुड़वा दे। होगया मामला बराबर, होगई धरमनिर्पेक्षता की रक्षा। बनगया भारत एक।
अरे भैया कांग्रेस को तो पता ही नहीं था की हिंदुस्तान की बावली जनता दुबारा भी कांग्रेस की सरकार बना देगी नहीं तो किसी पागल कुत्ते ने काटा था जो मनमोहन जी को दोबारा कांग्रेस प्रधानमंत्री का उमीदवर बनाती, भाई जरा याद करो यही सोनिया माइनो जी तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम जी के पास प्रधानमंत्री बनने न जाती। मजबूरी में सरदार मनमोहन सिंह को आगे किया था और तथाकथित त्याग की देवी कहलाई। तो अब पता होता की हिंदुस्तान की बोराई जनता दोबारा कांग्रेस को चुनेगी तो राहुल बाबा को प्रधान मंत्री न बनाती उस बचारे को मंत्रिमंडल शपथ में दाडी तो बढानी न पड़ती। पर होनी को कौन टाल सकता है। सोनिया गाँधी ने अपने पिछले शासन में मुद्दे ही बीजेपी के लिया छोडे थे वो ही फैसला करे कसाब का और अफजल का। परन्तु क्या पता था की जिनके लिए खाई खोदी थी एक दिन उसी में गिरना पड़ेगा और चौबे जी छब्बे बनने गए थे और दुबे बनकर अगये।
क्योंकि कांग्रेस को अब रही सही राज्य सरकारे भी खोनी पड़ेगी। जहाँ से राज्यसभा की सीट आती है वहा पर तो कांग्रेस अल्पमत में ही है। सोनिया माइनो का तो सारा प्लान ही इस बावली जनता ने चोपट कर दिया। पांच साल में चुप चाप राहुल बाबा की उस क्रिस्चन लड़की से शादी करनी थी इतने में लोकसभा के चुनाव आते राहुल बाबा धमक से प्रधान मंत्री बनते अब क्या होगा। थूक कर चाटना होगा यदि मनमोहन को हटाया। अब तो राम ही कुछ करेगा धरती पर नहीं तो ऊपर से ही।
एक बेचारा बिहार से किशनगंज जैसी मुस्लिम बाहुल्य सिट से मुस्लमान कांग्रेसी जीत कर आया था सोचा था बीजेपी के टाइम में यही से जितने पर शहनवाज हुसैन को बीजेपी ने हवाई जहाज मंत्री बना दिया तो मुझे शायद रोकिट मंत्री बना दे पर कम्बखत पता नहीं कांग्रेस का की कुछ देना ही नहीं भैया सिर्फ ठेंगा मिलेगा। लेने वाले तो ससुर दामाद लेगाए। चरण भाट लेगाए देखा नहीं कर्नाटकी, तमिलनाडु, केरला से लेगाए। भैया अमरीका के आगे घिघयाने वाले को आनंद शर्मा को भी बड़ा मंत्रालय वाणिज्य देदिया। अब तुमेह क्या दे तुमेह तो हिन्दुओ का दर्द दिया जायेगा जिस से की तुम खुश हो जाओ की कांग्रेस कितनी धर्मनिरपेक्ष हे ढांचे के बदले सेतु तोड़ तो रही है।
भाई वहा एसा न्याय तो विक्रमादितिया भी देखे तो उफ़ कर दें।
ये कांग्रेसी न्याय है जो इटली से आया है। उसके बाद तैयार होजाओ यह पांच साल कांग्रेस के सफल होगये इन्शाल्ल्हा फिर इस को सीधा वेटिकेन सिटी के अर्न्तगत ही लेलेनेगे कौन बार बार चुनाव करवाए। जनता बावली है इस बार तयारी ठीक थी चुनाव आयोग अपना, राष्ट्रपति अपनी, प्रधानमंत्री अपना, सारे मंत्री चरणों में साष्टांग, और हाँ हा हा हा अब तो जनता भी अपनी हुई हिन्दू मुस्लमान सब एक हुए। एक स्वर से जौर से बोलो जय हो। फिर क्यों न तोडे राम सेतु और क्यों न चले वैटिकन। आंध्र वाले तो १००% मान गए इसाई राज, केरला वाले पहेले ही माने हुए थे, अजित छातीइस्गड़ गये थे पता नहीं क्या हुआ जनता मानी नहीं वैसे कांग्रेस की बात कम ही लोग ठुकराते हैं। पता नहीं बीजेपी को क्यों वापस चुन लिया छातीगद में।
चलो भाई बस बहुत हुआ बीस हजार हिन्दू तमिल ही तो श्रीलंका में मरे है। पर करे तो करे क्या जब हिन्दू ही हमें जिताते है तो हम क्यों न करे। अब आस्ट्रलिया में मर रहे है तो क्या करे कौनसा मेरी सरकार गिर जायेगी। डंके की चोट पर हिंदुस्तान की छाती पर राज करेंगे बेटे को युवराज और खुद को राजमाता केहेलायंगे। अब तो सुष्माजी को भी कोई आपति नहीं। फिर एक बार जय हो।

1 comment:

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