Saturday, February 28, 2009

भगवा गुंडे

हिन्दू मन की पीडा।
क्या कभी किसी ने सोचा है की हिन्दू का भी एक मन है। जब कभी सोचता है तो भारतीय राष्ट्रियेता के शोर में दबा दिया जाता है. मैं स्वीकार करता हु की भारत एक सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र है, परन्तु हिन्दू मन की थाह लेने वाला हिंदुस्तान मैं तो कोई नहीं है.
  1. कांचीपुरम के शंकराचार्य को जेल भेजा जाता है, मीडिया चटकारे लगा लगा कर जोकरों की भांति समाचार सुनती है।
  2. गणेशजी दूध पीते है (भगत की भावना के अनुसार) मीडिया अन्धविश्वाश बताती है परन्तु मेरी मूर्ति की आँखों के आंसू को इसाई धरम की महानता बताया जाता है।
  3. राम की अयोध्या पर लाख सवाल पूछा जाता है। राम के सेतु को नाकारा जाता है। रामायण का मजाक उडाया जाता है. परन्तु बोधिक विश्व, कुवारी मेरी की संतान का कुछ नहीं पूछा जाता है.
  4. हिन्दू भारत वर्ष में सरस्वती वंदना को करने पर लाखो सवाल। सड़क पे नमाज़ धार्मिक सह्शुनता.
  5. आदित्य योगी नाथ भगवा गुंडा है। और उलेमा शांति दूत है। जब की योगी आदित्य नाथ एक बहुत बड़े धाम के महंत है.
  6. काशी, मुथरा, ओओध्य त्यागने के बाद भी हिन्दू भगवा गुंडा है, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, छोड़ कर भी हिन्दू भगवा गुंडा है।
  7. कश्मीर गवा कर, वहां पर मरकर भी हिन्दू भगवा गुंडा है।नेपाल गवा कर भी वो भगवा गुंडा है।
  8. लाखो गाय हिंदुस्तान में सेकुलर के नाम पर कट ते देख हिन्दू भगवा गुंडा है।
  9. भारत माता को डायेएँ सुन कर भी भगवा गुंडा है।
  10. हरिद्वार से दिल्ली से जाने के लिया सड़क नहीं, हवाई जहाज उतेरने का स्थान नहीं, जहा पर संसार का हर हिन्दू जीवन मैं एक बार जरुर आता है। आज तक एक फौर लेन सड़क नहीं बना पाया हिंदुस्तान की सरकार।
  11. सारा खजान हिन्दू भरे पर हिन्दुओ को कोई सुविधा मत दो. आपने माँ बाप या रिश्तेदारों की अस्थिया बहाने का अधिकार मत दो और फिर भी भगवा गुंडा
  12. ५० प्रतिशत हिन्दू इसाई बन गये स्वतंत्रता के बाद तब भी हिन्दू भगवा गुंडा ही है.हिंदुस्तान के सभी मंदिरों और ट्रस्टओ का पैसा अलाप्संक्यक कल्याण मैं लग रहा है तब भी हिन्दू भगवा गुंडा है
  13. कैलाश मानसरोवर के लिया टैक्स दू। चीन सरकार को बेच दिया तुमने और हम भगवा गुंडे है. काशी को बनारस बनाया हिन्दू चुप।
  14. प्रयाग को इलहाबाद बनाया हिन्दू चुप रहा। और हिन्दू तब भी भगवा गुंडा है। यमुना सुखा दी, गंगा मैं गंदगी घोल दी और अभी भी हिन्दू भगवा गुंडा है.
  15. गोधरा मैं निहत्य ६० हिन्दुओ के मरने पर भी पूरा हिंदुस्तान शांत रहा. क्या कोई भी मानवअधिकार उन साठ हिन्दुओ के लिया नहीं है. क्या उनके बच्चो को मीडिया ने कोई सहानुभूति दिखाई है. ऊपर से सरेआम केन्द्रीय मत्री हंस हंस कर उनका मजाक उडा रहे है. कल सोचो उनके बच्चे जब बड़े होंगे तो लालू रेल मंत्री से नहीं पूछेंगे की हमारे माँ बाप पागल थे जो खुद जल मरे ट्रेन मैं. एक चाय के प्याली पर. उस रेल के डिब्बे मैं से एक भी आदमी जिन्दा क्यों नहीं बचा. है क्या इस बात का जवाब. बात हिन्दूओ के मजाक उड़ने की है.
मैं ये नहीं कहता की कोई हिन्दुओ को कुछ देदो परन्तु। हर बात को राजनितिक गाली के रूप मैं हिन्दुओ को अपमानित करना क्या गलत नहीं है। हिन्दू कुछ बोलता है तो कहा जाता है यह भारत है यहाँ सभी धरम एक है। परन्तु बार बार हिन्दू मन क्यों दुखाया जाता है। क्या यहे मान लिया जाये भरता की राष्ट्रीयता और हिन्दू धरम एक है। तो फिर जो भारतीय नहीं है परन्तु हिन्दू है वो भी क्या इस सेकुलर इंडिया की विरुद्ध कही पर आपनी बात न रखे। भारत की आड़ मैं जो क्रूर मजाक हिन्दुओ के साथ हो रहा है वो तो जो होगा सो होगा। पर जो भारतीय नहीं परन्तु हिन्दू है वो क्या करे.बस पीड़ित मन को कुंठित होने दे. क्योंकि इन लोगो ने तो भारत माता का भी मजाक बना दिया. कुछ नहीं लिया सारा जीवन दिया ही दिया है और अंत मैं भगवे गुंडे के खिताब से मीडिया और सेकुलेर लोगो ने नवाजा। अच्छा भारत रतन दिया है।
सब कुछ लूटा दिया कुछ बचाने को. कुछ भी नहीं मिला सब कुछ लूटाने पर.

हिन्दू मन की पीडा।

किसी ने सोचा है की हिन्दू का भी एक मन है। जब कभी सोचता है तो भारतीय राष्ट्रियेता के शोर में दबा दिया जाता है। मैं स्वीकार करता हु की भारत एक सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र है, परन्तु हिन्दू मन की थाह लेने वाला हिंदुस्तान मैं तो कोई नहीं हैं.
कांचीपुरम के शंकराचार्य को जेल भेजा जाता है, मीडिया चटकारे लगा लगा कर जोकरों की भांति समाचार सुनती।
गणेशजी दूध पीते है (भगत की भावना के अनुसार) मीडिया अन्धविश्वाश बताती है परन्तु मेरी मूर्ति की आँखों के आंसू को इसाई धरम की महानता बताया जाता है। राम की अयोध्या पर लाख सवाल पूछा जाता है। राम के सेतु को नाकारा जाता है। रामायण का मजाक उडाया जाता है। परन्तु बोधिक विश्व, कुवारी मेरी की संतान का कुछ नहीं पूछा जाता है।हिन्दू भारत वर्ष में सरस्वती वंदना को करने पर लाखो सवाल. सड़क पे नमाज़ धार्मिक सह्शुनता.आदित्य योगी नाथ भगवा गुंडा है. और उलेमा शांति दूत है.कशी, मुथरा, ओओध्य त्यागने के बाद भी हिन्दू भगवा गुंडा है, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, छोड़ कर भी हिन्दू भगवा गुंडा है.कश्मीर गवा कर, वहां पर मरकर भी हिन्दू भगवा गुंडा है.नेपाल गवा कर भी वो भगवा गुंडा है.लाखो गाय हिंदुस्तान में सेकुलर के नाम पर कट ते देख हिन्दू भगवा गुंडा है.भारत माता को डायेएँ सुन कर भी भगवा गुंडा है.हरिद्वार से दिल्ली से जाने के लिया सड़क नहीं, हवाई जहाज उतेरने का स्थान नहीं, जहा पर संसार का हर हिन्दू जीवन मैं एक बार जरुर आता है. आज तक एक फौर लेन सड़क नहीं बना पाया हिंदुस्तान की सरकार. सारा खजान हिन्दू भरे पर हिन्दुओ को कोई सुविधा मत दो. आपने माँ बाप या रिश्तेदारों की अस्थिया बहाने का अधिकार मत दो और फिर भी भगवा गुंडा बोलो.कैलाश मानसरोवर के लिया टैक्स दू. चीन सरकार को बेच दिया तुमने और हम भगवा gunde है. काशी को बनारस बनाया हिन्दू चुप रहा. प्रयाग को इलहाबाद बनाया हिन्दू चुप रहा. और हिन्दू तब भी भगवा गुंडा है. यमुना सुखा दी, गंगा मैं गंदगी घोल दी और अभी भी हिन्दू भगवा गुंडा है.५० प्रतिशत हिन्दू इसाई बन गये स्वतंत्रता के बाद तब भी हिन्दू भगवा गुंडा ही है.हिंदुस्तान के सभी मंदिरों और ट्रस्टओ का पैसा अलाप्संक्यक कल्याण मैं लग रहा है तब भी हिन्दू भगवा गुंडा है.गोधरा मैं निहत्य ६० हिन्दुओ के मरने पर भी पूरा हिंदुस्तान शांत रहा. क्या कोई भी मानवअधिकार उन साठ हिन्दुओ के लिया नहीं है. क्या उनके बच्चो को मीडिया ने कोई सहानुभूति दिखाई है. ऊपर से सरेआम केन्द्रीय मत्री हंस हंस कर उनका मजाक उडा रहे है. कल सोचो उनके बच्चे जब बड़े होंगे तो लालू रेल मंत्री से नहीं पूछेंगे की हमारे माँ बाप पागल थे जो खुद जल मरे ट्रेन मैं. एक चाय के प्याली पर. उस रेल के डिब्बे मैं से एक भी आदमी जिन्दा क्यों नहीं बचा. है क्या इस बात का जवाब. बात हिन्दूओ के मजाक उड़ने की है. मैं ये नहीं कहता की कोई हिन्दुओ को कुछ देदो परन्तु. हर बात को राजनितिक गली के रूप मैं हिन्दुओ को अपमानित करना क्या गलत नहीं है. हिन्दू कुछ बोलता है तो कहा जाता है यह भारत है यहाँ सभी धरम एक है. परन्तु बार बार हिन्दू मन क्यों दुखाया जाता है. क्या यहे मान लिया जाये भरता की राष्ट्रीयता और हिन्दू धरम एक है. तो फिर जो भारतीय नहीं है परन्तु हिन्दू है वो भी क्या इस सेकुलर इंडिया की विरुद्ध कही पर आपनी बात न रखे. भारत की आड़ मैं जो क्रूर मजाक हिन्दुओ के साथ हो रहा है वो तो जो होगा सो होगा. पर जो भारतीय नहीं परन्तु हिन्दू है वो क्या करे.बस पीड़ित मन को कुंठित होने दे. क्योंकि इन लोगो ने तो भारत माता का भी मजाक बना दिया.कुछ नहीं लिया सारे जीवन दिया ही दिया है और अंत मैं भगवे गुंडे के खिताब से मीडिया और सेकुलेर लोगो ने नवाजा है. अछ्छा भारत रतन दिया है.

सब कुछ लूटा दिया कुछ बचाने को. कुछ भी नहीं मिला सब कुछ लूटने पर.

Wednesday, February 25, 2009

भारत माता किसकी माता?

आज भारत मैं वन्दे मातरम नहीं बोलना. मंदिर की बात तो करनी ही नहीं. अन्यथा प्रगतिशील और सेकुलेर नहीं कहलाओगे. कुंठित, परम्परावादी, ब्रह्मणवादी बनने का आरोप लगा दिया जायेगा . नहीं तो फिर संघी या बीजेपी वाला भी लोग आपको कह सकते है परन्तु राम भक्त नहीं कहलवा सकते.
भारत माता को डायन कहेने वाला माननीय सांसद जी हो सकता है परन्तु भारत माता कहने वाला भगवा गुंडा होगा. भगवा शब्द आज त्याग नहीं भगवा गुंडा बन गया. आज नारी (आदरनिये मंत्री जी) गुलाबी चड्डी भेज रही है. केंद्रीय मंत्री धाडले से साथ दे रही है (जैसे झाँसी की रानी वाला काम येही कर रही है) आस्कर पुरुस्कार पर हिजडो की तरह तालिया बजाय जा रही है. अरे यार क्या झंडे गाड दिए स्लम डोग बनाकर. एक अंग्रेज निदेशक ने टोपी पहना दी १२० करोड़ हिन्दुस्तानियो को. ये अंग्रेजो की खीज ही  है जो उन्होंने हम पर निकली है और कुत्ता शब्द से नवाजा गया. इतनी ही न्यायप्रियेता होती तो दे देते लगान पिक्चर को आस्कर. 
हां सलामडोग को दिया क्योंकि सिलीकान वेली की हकीकत अंग्रेजो से पची नहीं, देश के टेलेंट को हजम नहीं कर पाए.  
फिर अंग्रजो की  मुसलमानों को चढाने की सौ सालो की नीति  भी मुह के बल गिर पड़ी. खाली इंग्लेंड की ही हवा अभी उतरी है वहां पर अंग्रेज अलपसंख्यक बनने की कगार पर है और मुस्लमान इंग्लेंड को तालिबान बनने का ख़म ठोंक चुके. तो खीज भारत को नीचा  दिखा कर उतारी गई है और इनाम के तौर पर कुत्ते शब्द से नवाज दिया. सही कहूँ  तो यह है की घर की औरत को नंगी कर कर "बेस्ट वैश्या" का इनाम देदिया. और इनाम मैं राजा  ने अपनी उस बेस्ट औरत को अपनी रखैल रख ली. अब इसे हजम करने की गोली मीडिया हमे दे ही रही है. तब  इस का क्या करे? ऊपर से तुरा यह की ये सप्रंग सरकार की उपलब्धि है (भारतीय को कुत्ते शब्द से परिभाषित करने के लिए तभी तो कोंग्रेसी एक साथ बोले "जय हो". अभिषेक संघवी जी भी तो येही कहे रहे है. दुःख येही है की सोनिया जी को ऑस्कर मैं इनाम देने के लिया नहीं बुलाया गया . मुझे तो डर है कही लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस इसको अपनी उपलब्धि ही न बना ले.
और हाँ ये भी बता दिया जाये के आज कल अमरीका मैं भारतीयों को गाली के रूप मैं सलाम डोग ही कहा जा रहा है पता नहीं  ये भी इस सरकार की उपलब्धि है या नहीं.
अच्छा ये भी है  की भारत मैं राजनीती किस बात की हो रही है. भाई कोई अब मजदूर की तो बात करता नहीं है.  मीडिया और कुछ (एक) नेता शेयर मार्केट मैं निवेशको की जरूर तरफदारी करते है (जो की पूरी जन्संख्या का .५% भी नहीं है) . दूसरा किसान की कोई बात नहीं करता. शरद पवार जी के समय मैं सबसे ज्यादा किसानो ने आत्महत्या की है. परन्तु छाती ठोक कर प्रधानमंत्री बन ने का दावा आज भी पवार जी का सबसे ऊपर है. किसानो की आत्महत्या होने के बाद भी कांग्रेस कहती है के पौने दौ सो सीट ले लेंगे अब पता नहीं किसान किस बात से प्रसन हो कर या  मजदूर और निवेशक किस बात से प्रसन होकर सत्ता में कोंग्रेस को लायेंगे.
अच्छा बात मंदिर और भारत माता की थी. तब महात्मा गाँधी जो थे, क्या सड़के बनवा या पानी के नल लगवा  कर राष्ट्रपिता बन गये थे. अरे राजनीती मैं कोई विचार (जैसे गाँधी का अहिंसा का था ) तो होगा ही. अब कांग्रेस कहती है उसे वोट दो मैं पूछता हु भाई क्यों ? तो उत्तर उनके पास भी नहीं. प्रधानंमंत्री सरकार नहीं चलाता (असल में तो उसको खुद को कोई और चलाता है). जो सरकार चलाता है (सोनिया) वो प्रधान मंत्री नहीं है. जिसको प्रधान मंत्री बनना  है वो कुछ भी नहीं परन्तु प्रधान मंत्री का दावादार है. जिस को प्रधान मंत्री बनना था वो त्याग की दैवी (जबरदस्ती स्वम्भू ) बन गई. जिन्होंने  सरकार बचाई (सपा) वो सरकार में है नहीं. जिन्होंने सरकार चार साल चलाई वो (वामपंथी) सरकार के विरोध में सरकार गिराकर उसी सरकार को बनाने का दावा कर रहे है. उनके (वामदलों) द्वारा घोषित प्रधानमंत्री सुश्री मायावती जी सप्रंग सरकार का विरोध कर रही है. मुझे तो कुछ समझ मैं नहीं आ रहा है. इसमें तो सभी सरकार है और सभी सरकार के विरोध में और ऊपर से तुर्रा यह की सरकार को वोट दो. भाई इस गड़बड़ झाले से बचाओ. मुझे सरकार से बचाओ. मैं ठहरा राम राम भजने वाल, राम का नाम लेने वाला. भारत माता की जय बोलने दो. राम का नाम लेने दो. सरकार - सरकार खेलते रहो. पाकिस्तान भी तो वही खेल रहा है. वो नंगा है और आपने अभी तक कपडे पहन रखे है बस अंतर इतना सा है. सबकी अपनी - अपनी माता है, दुनिया में बच्चे अनाथ होते है यहाँ भारत माता अपने बच्चे ढूंड रही है. क्यूंकि भारत माता किसकी माता, दावा कोई ठोक ही नहीं रहा है.
क्यूंकि जो भी भारत माता - भारत माता करेगा उसपर संघी होने का आरोप चस्पा दिया जायेगा. और संघी तो भारत के वासी है ही नहीं है. पता नहीं देश में ८० हजार शाखा कौन बेवकूफ लगा रहे है ?