Sunday, November 14, 2010

सुदर्शन जी को भाषण पिलाने वाले! सावधान ! ख़बरदार !

आज जब सुदर्शन जी ने एक सच बोलने का सहास किया है तो कुछ हिजड़े टाइप के नेता उन ही को भाषण पिलाने की जुर्रत कर रहे है. और वो नेता कौन है जरा गौर करे   यह वो नेता है जिनका अपना कोई भी महेत्व नहीं है. जिनकी हैसियत और औकात वोट के बाजार में भी दो पैसे की है. आप जरा बयानों पर गौर करे तो पाएंगे की जैसे कोई एक ही स्क्रिप्ट इनको लिख कर दे दी गई है और उसी स्क्रिप्ट को पढ़ पढ़ कर रैंक रहे है. आप लल्लू को देख लो जिस को काग्रेस ने धो धो कर मारा है, पासवान को देखो जिसे कांग्रेस ने अधमरा कर छोड़ रखा है, अपने ही कांग्रेस के एक दन्त दिखाऊ महासचिव के बयान देखलो. जो कांग्रेस, गाँधी की अहिंसा और लोकतंत्र की हर बात में दुहाई देती फिरती थी वो सोनिया गाँधी के इन्द्रा जी जैसी देश की वीरांगना और श्री राजीव गाँधी जी जैसे युवा और प्रगतिशील प्रधानमंत्री की हत्या में हाथ होने की बात का खंडन नहीं आन्दोलन कर रही है जैसे की तुर्की के खलीफा को गद्दी से उतार दिया हो. और यह आरोप कोई छोटा आरोप भी नहीं है दो मिनट के लिए इसे राजनैतिक भी न मानो चलो पारिवारिक ही मान लो तो हत्या तो होई ही है, अरे दिल्ली में कल जो इमारत गिरी उसी पर मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और यहाँ तो सब है लाभ भी है. पारिवारिक ही मानलो तो क्यूँ नहीं सोनिया गाँधी के जमीर और उसकी आत्मा ने १०० करोड़ जनता को इसका जवाब अब तक नहीं दिया? जो त्याग की मूर्ति, पवित्रता की देवी अपनी आत्मा को ही सर्व्परी मानती है और प्रधानमंत्री के पद को ठोकर मारती हो. और उस पद को ठोकर मारकर किसी दुसरे को देदिया हो. पिछली बार लोकसभा में लाभ के पद को सवीकार करने के आरोप से संसद से इस्तीफा देकर दोबारा लोकसभा का अमेठी से चुनाव लड़ा. 

  • तो अब अपने ऊपर लगे इतने गंभीर आरोप पर  हिजड़े टाइप के नेताओ को क्यूँ आगे किया जा रहा है? 
  • क्यूँ नहीं आगे आकार सुदर्शन जी को खरी खरी सुना देती? 
  • वो राहुल महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री के लिए मिस्टर क्लीन ढूंढ़ रहा था तो देश की सर्वोच्च सत्ता पर बैठने वाली झूठी देवी के चेहरे से फरेब का नकाब क्यूँ नहीं खींचता? 
  • क्यूँ नहीं दुध का दुध और पानी का पानी करने का नियम अपने ऊपर नहीं इस्तेमाल करते है?
  •  बजरंग दल यदि सड़क पर उतरता है तो भगवा आतंकवादी और कांग्रेस सड़क पर गुंडई और नंगई का प्रदर्शन करे तो लोकतान्त्रिक. यह ढोंग और दोहरे मापदंड क्यूँ ?
  • मोदी जी पर निर्णय न्यायालय से करवाए जा सकते है तो सोनिया गाँधी के इन्द्रा जी जैसी लोकप्रिय नेता और राजीव जी जैसे मासूम नेता की हत्या के गंभीर आरोप पर न्यायालय क्यूँ नहीं नोटिस लेता ?
  •  बिना किसी सबूत के संघ भगवा आतंकवादी होगया और उसके लिए आप कहेते है की न्यायालय अपने रास्ता खुद अख्तियार करेगा. और अब सोनिया गाँधी के ऊपर हत्या और देश के साथ द्रोह करने के इतने गंभीर आरोप तो उसके लिए कांग्रेसी सड़क पर श्री राम सेना के प्रमोद मुतालिक से भी बड़ी हिंसा. ऐसा क्यूँ?
  •  क्या सुप्रीम कोर्ट जनार्दन दिवेदी की सरेआम कांग्रेसियो को हिंसा के लिए उकसाने पर नोटिस नहीं लेगा ? क्या सारे नोटिस तोगड़िया और सुदर्शन जी के ही लिए लेते जायंगे?
  • क्या यह सच नहीं की जनार्दन दिवेदी के बयान से देश भर में हिंसा हो रही है और यह उस से भी बड़ी हिंसा का प्रोवोकेशन है जो जो राजीव गाँधी जी ने इन्द्रा की मृत्यु पर दी थी.
  •  सरासर देश को बंधक नहीं बनाया जा रहा है ? जो सत्ता धारी पार्टी है वो हिंसा और सड़क पर प्रदर्शन क्यूँ कर रही है?
  •  देश की जाँच एजेंसी उसके हाथ में है २४ घंटे में दुध का दुध और पानी का पानी कर सकती है. गेहेलोत सरकार की ऐ टी एस है. धारीवाल और चिताम्बरम जैसे ग्रेह्मंत्री है जो जबरस्त छठी इन्द्रियों के मालिक है जिनको न्यायालय के निर्णय आने से पहेले ही भगवा अतंकवादियो के सारे जाल का पता चल जाता है. और मिडिया का हर रोज ज्ञान वर्धन करते रहेते है. मैं वियाक्तिगत रूप से धारीवाल जी और चिताम्बरम जी जैसे महान ज्ञानियो के इस बारे में पर्दाफाश करते बयान की इन्तजार कर रहा हूँ.  पता नहीं क्यूँ नहीं अभी तक सोनिया गाँधी को नार्को टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है. जो मीडिया हर बात को लोकतान्त्रिक तरीके और कोर्ट के हवाले करने की बात करती थी चाहे वो आस्था और धर्म से जुड़े गंभीर सवाल ही क्यूँ ना हो. इस बारे में तीन दिन से हिंसा का तांडव करते कांग्रेसी देश भर में क्यूँ नहीं दिखाई दे रहे
एक पब की घटना तो देश की मीडिया में सुर्खी थी, संघ का एक अदना सा आदमी भी पटाखे फोड़ता तो आतंकवादी घोषित हो जाता है. विस्फोट स्थल पर एक मोटर साइकल से जुडाव होने पर एक साध्वी को सालो साल जेल में सड़आया जा रहा है. नीम बेहोशी के बयान सरे आम टीवी पर लाइव प्रसारित किये जा रहे है. और आज जब त्याग की देवी से झूठ का नकाब खींचने की बात हो रही है तो पूरा मीडिया संसार बगले झांक रहा है. 


वहा रे वहा कलयुग जिसके खिलफ यानि सोनिया गाँधी के खिलाफ ऍफ़ आइ आर अब तक जो जानी चाहिए थी, जिसके खिलाफ देश भर में प्रदर्शन होने चाहिए थे, मीडिया में सवाल पूछे जाने चाहिए थे, और मित्रो उसके ठीक उल्टा हो रहा है. सुदर्शन जी के खिलाफ ऍफ़ आइ आर हो रही है पुलिस पूछताछ कर रही है, उन्ही के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन हो रहे है और मीडिया भी उन्ही की बुधि पर तरस खा रही है और सवाल पूछ रही है. और तो और इस प्रक्रिया में संघ को सुदर्शन जी से अलग देखा और किया जा रहा है. बयान छपवाए जा रहे है की संघ के मुखपत्रो ने सुदर्शन जी के बयान से किनारा किया. अरे डूब मरो कांग्रेसियो चुलू भर पानी में, वाकई गाँधी जी ने तीन बन्दर कांग्रेसियो के लिए बनाये थे. और जो कांग्रेसी संघ स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे है उन भाड़े के टटूओ से कहेना चाहूँगा की हरम और हराम की खाना बंद करो और अब तो कम से कम अपने नजरबट्टू खोल कर देख लो नहीं तो बहुत दे हो जाएगी. अगली सरकार आने पर यह सोनिया गाँधी अपने चुंगु मुंगु और टिन टप्पर उठा कर इटली चली जाएगी और आप के हाथ में झुनझुना पकड़ा देगी आर टी आइ और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का जैसे आपातकाल और कारगिल के समय इटली चली गई थी. अरे मित्रो प्रवासी पक्षिओ का कोई भरोसा नहीं अभी भी देश के खून, पानी और मिटटी पर भरोसा करो क्यूंकि यह अपने है, बाकी आप खुद भी समझदार हो.
और आज बात सुदर्शन जी की भी नहीं है. बात है हम भारतीय कितने निष्पक्ष और कितने सभ्य है की देश की जड़ो में मट्ठा डालने वाली को नहीं आरोपित कर रहे बल्कि अभी भी अपनी ही खाल बचा रहे है. अरे राष्ट्रमंडल हुआ, २ जी स्पेक्ट्रम हुआ, मनेर्गा घोटाला हुआ, अनाज घोटाला हुआ, कारगिल की विधवाओ का हिस्सा इस कांग्रेसी सरकार और उसके मंत्रियो ने खाया, जो पृथ्वी राज चाव्वन मुख्मंत्री बना है उस पर भी गलत तरीके से फ्लेट खरीदने का आरोप है. 
मैं तो कहता हूँ इस सरकार में 

  1. प्रधानमंत्री घोटाला हुआ (एक लोकतान्त्रिक तरीके से न चुने गए प्रधानमंत्री को दो दो बार देश पर थोपना), 
  2. संसद घोटाला हुआ है (संसद में नोटों से संसाद खरीद, गलत टिके से सरकार बचाई), 
  3. चुनाव अयौग घोटाला हुआ (चावला के कांग्रेसी होने पर, 
  4. दूसरा एक पूर्व चुनाव औयुक्त मंत्री ही बन गया इस सरकार में), 
  5. केंद्रीय सतर्कता घोटाला हुआ (जब एक घोटाले बाज को नियुक्त किया) 

मैं सुदर्शन जी के बयान से ध्यान नहीं हटाना चाहता हूँ परन्तु मीडिया से, न्यायालय से, सिविल सोसाइटी से, ईमानदार, देशभक्त और पत्रकारों से की इस बात में यदि .००००% (प्रतिशत) भी सच्चाई है तो देश का क्या होगा ?
मित्रो बात कांग्रेस और बीजेपी की नहीं है बात है देश से सच्चाई छुपाने और विश्वश्घात की. मैं यह भी नहीं कहता की सुदर्शन जी ने जो कहा वो सच ही है परन्तु कम से कम इस बात की गंभीरता से जाँच होनी चाहिए और जब तक न्यायालय का अंतिम फैसला न आज जाये त्याग की देवी जी अपने परिवार समेत देश और कोंग्रेस से तब तक अलग रहे ताकि जाँच किसी भी प्रकार से प्रभावित न होसके. और दूसरा मैं बीजेपी से भी गंभीरता से अनुरोध करूँगा की वो अपने ही राज्ये की किसी ऐ टी एस से जाँच शुरू करवाए और कम से कम अब कोई ढोंग न करे जैसे की अमेठी बलात्कार काण्ड और राहुल एअरपोर्ट काण्ड पर किया गया था. और यदि बीजेपी के गुर्दे भी इस मामले में काम करना बंद कर दे तो बंगाल और केरला की सरकारों को अपने अपने ऐ टी एस का इस्तेमाल करना चाहिए. 
मित्रो कुर्सी किसी के भी पास रहे इस देश में गिला इस बात का नहीं परन्तु देश तो आप सब का है वो चाहे सुर हो असुर हो, मानव हो या दानव हो परन्तु देश द्रोही तो हमारा साँझा है उसको तो मिलकर ही लड़ना होगा. 
आज असल में बहुत बड़ी जिम्मेदारी मीडिया और कथित नागरिक समाज की है जिसको  की निर्णय लेना है. और जो लोग सुदर्शन जी के सोनिया गाँधी के बयान को संघ और बीजेपी से अलग रखने और करने की साजिश कर रहे है वो जान ले की सुदर्शन जी संघ के पूर्व संघचालक है "और इस बात का कुछ मतलब है". इसलिए मीडिया या इस से इतर सुदर्शन जी को हल्का बनाने और करने की कोशिश कर रहे है वो सावधान हो जाये और सुदर्शन जी को भाषण पिलाने वाले और लेक्चर देने वाले अपने गिरेहबान में जरुर झांक ले की वो जवाब किसे और किस सूरत में दे रहे है. हर बात का जवाब सलीके और तरीके से दिया जायेगा बस इंतजार कीजिये. यह तो क्रांति के प्रस्फुटन की कुछ फुलझडिया मात्र है बहुत कुछ है इस भारत देश की आत्मा को आजादी दिलाने वाले वीरो की पोटली में. आखिर कभी तो भरेगा ही पाप का घड़ा, कभी तो हिन्दू भारत की तरुनाई जागेगी और जिस दिन जागेगी सब से पहेले जो राजनीती मेनेज करने का दम्ब भरने वाले नेता है उन से  जवाब मांगेगी. इसलिए मेनेज करना बंद करो और काम करना शुरू करदो. शुरुवात हो चुकी है. अब दिग्विजेय जी,सिंधिया जी, पासवान जी, लल्लू जी, दिवेदी जी, सिबल जी, शीला जी, गुलाम नबी जी और पता नहीं कितने जी जी से काम नहीं चलेगा. 
और न ही देश अब भावुक होगा, माधव सिंधिया जी, ज्ञानी जेल सिंह जी, राजेश पायलट जी, बफोर्स, राजीव गाँधी जी, इन्द्रा जी इन सभी से जुड़े सवाल एक ही जगह है, और मेरे ख्याल से विसल ब्लोवर (अंग्रेजी मीडिया का पसंदीदा शब्द) सुदर्शन जी ने सिंहनाद कर ही दिया है.
बात जो निकली है दूर तलक जाएगी अब तो कांग्रेस को लोकतंत्र की आड़ में पनपते और सड़ते गंदे पानी को निकासित कर देना चाहिए क्यूँ नहीं आज नेता जी पर , दीन दयाल उपाध्याय पर, भगत सिंह पर, श्यामा जी प्रशाद मुखर्जी पर, लाल बहादुर शाश्त्री पर भी लगे हटो मुह खोल देना चाहिए. लोकतंत्र की आड़ में गुंडई आखिर कब तक चलेगी ?
आंधिया चलने लगी है अब तूफ़ान को पैदा करो, कंठ में क्रंदन नहीं हुंकार को पैदा करो , सजने लगी है कुरुक्षेत्र  की भूमिका, पार्थ ! तुम गांडीव में टंकार को पैदा करो.        

6 comments:

  1. इनसे हम और क्या आशा करे...
    माँ दुर्गा की भूमि पर महिषासुर खुले विचरते हैं...

    ReplyDelete
  2. This what All the Indian People have to think..

    We have to educate the todays youth by sending such emails to all youth..

    Plz Plz..forward this to 1 and all...who Love Hindusm..Hindutav ko bachane Ki Bahut Jarurat hai..

    ReplyDelete
  3. jai ho bhai jee................jai maan bharati ki.

    ReplyDelete
  4. Sudharshan ji ne kuj keh v dia to kya ho gayea, aaj jo log Sudharshan ji ke putle jla rahe vo log us din khan the jab Umar Abdula ne kha ke Kashmir Bharat ka hissa nahi hai,
    Aaj Rahul Ghandi muslim ke beech ja ke ied mna rahe kya kabhi koi Congrasi aapne hi desh nikale kashmiri Panditon ke saath diwali mnane gaye,

    ReplyDelete
  5. सच्चों की सुनने कौन बैठा है...
    किसी हिन्दू नेता के बारे में कोई विशुद्ध झूठा आरोप भी लगाया होता तो अबतक मीडिया ने क्या कर दिया होता..

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया भाई साहब ,एक लेख मेने भी लिखा हे जरूर पधारे
    http://parshuram27.blogspot.com/2010/11/blog-post_14.html

    ReplyDelete