पता नहीं कांग्रेस से भी बेशर्म कोई पार्टी कहीं है की नहीं? गफलत और मुर्खता का आलम यह है की "नैतिकता" नामक चीज कोई जिक्र ही नहीं है. बस मूर्खतापूर्ण अटहास ही लगाए जा रहे है यह राहुल गाँधी जी कहे रहे है की में उत्तर प्रदेश को यह बना दूंगा और वह बना दूंगा. देश का तो पिछले ९ साल में मुह तो यह कांग्रेस काला कर ही चुकी है अब यू पी का क्यूँ बंटाधार करना चाहती है यह समझ के बहार है. स्पेक्ट्रम घोटाले का सुप्रीम कोर्ट का आज का निर्णय एतिहासिक है. और कांग्रेस के युवराज, राजमाता और प्रधानमंत्री की मुहं पर एक झन्नाटेदार तमाचा है जिसकी गूंज हिन्दुस्तान के घर घर में कई दशको तक सुनी जाएँगी. परन्तु घोर आश्चर्ये यह है की श्री मति सोनिया गाँधी और राहुल बाबा इस घोटाले का जिक्र ही नहीं करते है. इनका यू पी में व्यवहार कुछ कुछ ऐसा है जैसे की किसी दुसरे ग्रह पर यह सब घटना हो रही है और कांग्रेस नहीं कोई दुसरे देश के अन्तरिक्ष यात्री यह सब कर रहे है और इन मासूम कांग्रेसी प्रवक्ताओ, नेताओ और पर्यवक्षको को जैसे कुछ मालूम ही नहीं है. बात करते है पाषण काल के दंगो की, पुरातन काल के विवादित ढांचो की और देश तोड़क शक्तिओ के आरक्षण की. कांग्रेस के बेशर्म ग्रहमंत्री अपने पद पर बड़ी ही गरुरता और रुतबे से ठाठ से सजे हुए है.
परन्तु इन सब के चलते यदि कांग्रेस यू पी में जीत गई या पहले से १ भी सीट ज्यादा आगई तो कांग्रेस और उसकी पालतू मीडिया देश के सामने क्या चित्रण करेगी उस पर जरुर गौर कर लीजियेगा.
यह हिन्दुओ को हक़ बनता है अन्यथा हिन्दू कल किसी और को दोष न दे क्यूंकि इस चुनाव को जीतने पर कांग्रेस का पिछले चुनाव से एक भी सीट ऊपर लेने पर यह दिल्ली और विदेश में बैठे देश विरोधी सोच के पत्रकार, नेता, इतिहासकार इसको किस प्रकार से लेंगे यह कोई कल्पनाशीलता की बात नहीं. देश आज यू पी की तरफ देख रहा है बस एक गलती उसे कई हजार वर्ष पीछे धकेल देगी.
और भारत वर्ष को इस्लामी झंडे के तले लाना फिर एक ख्वाब नहीं एक हकीकत हो जाएगी.
बाकि निर्णय आपका है क्योंकि इन्ही तरीको से, मीठे जहर से एक नहीं दो पकिस्तान १९४७ में बनवा दिए गए थे. और इस लूटे पीटे दुनिया के टुकड़े को हम आज भारतवर्ष कहेने और गर्व करने पर मजबूर है.
कांग्रेस यदि यू पी में २०१२ में सत्ता में आगई तो क्या होगा - जरा सोचिए !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
परन्तु इन सब के चलते यदि कांग्रेस यू पी में जीत गई या पहले से १ भी सीट ज्यादा आगई तो कांग्रेस और उसकी पालतू मीडिया देश के सामने क्या चित्रण करेगी उस पर जरुर गौर कर लीजियेगा.
- पहला तो यह है की २०१४ में कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुसलमानों को २५% आराक्षण का वादा होगा. देश भर में २०१४ के इलेक्शन के पहेले ही ९% आरक्षण मुसलमानों को चुन चुन का दे दिया जायेगा. कांग्रेस को पक्क विश्वाश हो जायेगा की देश की हिन्दू जनता मरती है तो मरे परन्तु उसके आरक्षण देने से उसकी सत्ता जरुर बची रह जाएगी.
- दूसरा सुप्रीम कोर्ट के आज के निर्णय को ठेंगे पर रखेगी. शाहबानो की तरह या तो संसद में कोई कानून लाकर या देश पर दुबारा से आपातकाल लगा कर सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को दफा कर देगी. क्यूंकि बहुत ही मुश्किल है सुप्रीम कोर्ट के आज के २ जी स्पेक्ट्रम के १२२ लाइसेंसों के निरस्त होंके के निर्णय को पालन करना. असल में तो कांग्रेस को आज इस्तीफा ही देकर मध्ये अवधि चुनावों की घोषणा करवा देनी चाहिए परन्तु. अनैतिक और भ्रष्ट लोग ऐसा नहीं करेंगे. यू पी चुनाव होने तक तो संत बने रहना का स्वांग करेंगे. यदि यू पी में एक भी सीट ज्यादा आगई तो मेरी बात लिख ले संसाद में अपने भ्रष्ट मित्र पार्टियों के सहयोग से कोई न कोई कानून लाकर इस स्पेट्रम को बचाया जायेगा और यदि यू पी में हार गई तो देश पर आपातकाल लगा कर सुब्रमनियम जैसे लोगो को विदेशी शक्तिओ के हाथो में खेलने का आरोप लगा कर गिरफ्तार कर लेगी और बाकी अन्ना और बाबा रामदेव को तो आपातकाल में हवा ही उतार देगी. क्यूंकि की मित्रो यह निर्णय तो कांग्रेस की इस सरकार को लागु करवाना संभव ही नहीं. अब सकरार कुछ भी नहीं कर सकती और बची खुची जो है वो परसों ग्रह मंत्री श्री चिताम्बरम जी के खिलाफ कोर्ट के निर्णय आने के बाद हो जाएगी. कांग्रेस अपने अहंकार से आज खुद ही इतना डूब चुकी है की उसका बाहर निकलना संभव ही नहीं है.
- तीसरा आप कांग्रेस की एक नई लीडरशिप श्रीमती प्रियंका वढेरा के नेत्रित्व के लिए तैयार हो जाये. क्यूंकि बीजेपी के नए क्षत्रपो को चुनौती प्रियंका ही देंगी. ऐसी कांग्रेसी लुटिया डूबने से बचने के लिए करेंगे. यह कुछ कुछ ऐसा ही है जैसे इन्दरा गाँधी को कुछ कुछ इसी तरह के माहौल में लाया गया था. प्रियंका वढेरा का नया चेहरा जैसे इन्दरा गाँधी के नए चेहरे ने नेहरु की चीन के हार के पाप धोए थे उसी प्रकार प्रियंका वढेरा का चेहरा सोनिया, राहुल, चिताम्बरम और सरदार मनमोहन सिंह का पाप धोने के लिए उतारा जायेगा. बीजेपी के नेता जो जो कांग्रेस के विरोध में मुखर होंगे प्रियंका की इंदिरा टायप छवि को मीडिया व् भ्रष्ट व् चाटुकार तंत्र का नेक्सस उभारेगा.देखा नहीं कितनी बेशर्मी और भोंडे तरीके से कल सोनिया गाँधी ने गौंडा की चुनावी रैली में कहा की "हम विकास चाहते है और वे कुर्सी" यह कुछ कुछ इन्दरा गाँधी जी के उस नारे की ही एक भोंडी नक़ल है की "हम कहेते है गरीबी हटाओ और विपक्ष कहेता है की इन्दरा हटाओ" कोई सोनिया से पूछे की किसका विकास और कौनसा विकास देश में हो रहा है जो यू पी का वो विकास करने में इतना लालायित है.
- चौथा कांग्रेस पार्टी यू पी में भी एक सरदार मनमोहन सिंह जैसा करेक्टर ढूंढ़कर मुख्मंत्री बनाएगी क्यूंकि सपा - बसपा तो पहले से ही उसकी मुट्ठी में है तो यू पी मनमोहन सिंह जैसा के मुख्मंत्री बना कर ठीक हिन्दुस्तान की केंद्र सरकार की तरह यू पी को भी लुटा जायेगा. गरीबो को मनेरगा की रिश्वत दो, मुसलमानों को आरक्षण बस बाकि का देश लूटो. यही काग्रेस का विकास है.
- पांचवा एक सीट भी यदि यू पी में कांग्रेस की ज्यादा आगई nतो दिग्विजय सिंह "हिन्दुओ को आतंकवादी" पूरी दुनिया में घोषित तौर पर इनको विभिन देशो में शक के घेरे में लाकर दुनिए के विभिन्न देशो से दरबदर करवाएंगे. हिन्दुओ को देश और विदेश दोनों में रहेना दूभर कर देगा.
- छटा भविष्य में कोई भी दल हिन्दू हितो की बात करने की औकात नहीं रखेगा. सभी एक सुर मुसलमानी बीन बजायेंगे. राम मंदिर जैसे मुद्दे तो भूल जाओ २०१४ के इलेक्शन घोषणा पत्रों में "मस्जिद वहीँ बनायेगे" का नारा लगेगा.
- दलित और पिछडो का हक़ बड़े मजे से मुसलमानों की प्लेट में चला जायेगा. और पिछड़े दलित फिर १०-२० साल में वापस वहीँ आजायेंगे जहाँ से शुरुवात की थी. यह मुसलमान १९४७ में दो दो देश लेकर भी अलाप्संख्यक है और फिर से देश के टुकड़े हड़पने के लिए कांग्रेसी कावं कावं करने लगे है.
यह हिन्दुओ को हक़ बनता है अन्यथा हिन्दू कल किसी और को दोष न दे क्यूंकि इस चुनाव को जीतने पर कांग्रेस का पिछले चुनाव से एक भी सीट ऊपर लेने पर यह दिल्ली और विदेश में बैठे देश विरोधी सोच के पत्रकार, नेता, इतिहासकार इसको किस प्रकार से लेंगे यह कोई कल्पनाशीलता की बात नहीं. देश आज यू पी की तरफ देख रहा है बस एक गलती उसे कई हजार वर्ष पीछे धकेल देगी.
और भारत वर्ष को इस्लामी झंडे के तले लाना फिर एक ख्वाब नहीं एक हकीकत हो जाएगी.
बाकि निर्णय आपका है क्योंकि इन्ही तरीको से, मीठे जहर से एक नहीं दो पकिस्तान १९४७ में बनवा दिए गए थे. और इस लूटे पीटे दुनिया के टुकड़े को हम आज भारतवर्ष कहेने और गर्व करने पर मजबूर है.
कांग्रेस यदि यू पी में २०१२ में सत्ता में आगई तो क्या होगा - जरा सोचिए !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
देखिये वोटर क्या करते हैं...
ReplyDeletegood
DeleteCONGRES KA HATH BHRASTACHAR KE SHTH
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