- कांग्रेसी अडवानी जी पर रो रहे है जिन्होंने निसहाय सीता राम केसरी जी को लाते मार मार कर अधमरा कर दिया था और श्री नरसिम्हा राव जी की मृत शारीर को भी अपमानित किया।
- समाजवादी पार्टी के लोग अडवानी जी पर रो रहे है जिन्होंने जनेश्वर मिश्र का सिर्फ और सिर्फ राजनेतिक इस्तेमाल किया और जीवित रहते पार्टी का महत्वपूर्ण पद भी न दिया।
- जेडी यू के नेता भी रो रहे है श्री अडवानी जी पर परन्तु नितीश और शरद यदाव जी ने जोर्ज फर्नाडिस के साथ क्या किया की वो बुदापे में जेडी यू के खिलाफ मुजफ्फरपुर से लोक सभा का चुनाव लड़े।
- और लल्लू यादव बड़े प्रवचन कर रहे है भूल गए जब बुजुर्ग राम सुन्दर दास के सर पर पैर रख कर १ ९ ९ ० में बिहार के मुख्य मंत्री बने थे।
मुझे केवल यह कहना है की जब श्री अडवानी जी को २ ० ० ४ और २ ० ० ९ में प्रधानमंत्री के पद के लिए लड़ाया गया था तो उनको आज समझना चाहिए की हार के कारण क्या थे। क्या बीजेपी की जन्मपत्री में हारना ही नियति है.
श्री अडवानी जी पुरे सम्मान और अहेतराम के साथ निवेदन करना चाहता हूँ। यदि मोदी जी से कोई भूल हो भी गई तो क्षमा बड़ो को चाहिए अन्यथा अडवानी द्रोह इतना बड़ा नहीं जितना बड़ा लोगो ने राम द्रोह किया है. सीने पर पत्थर रखा है और बस खून के घूँट पी गये. हम तो मान सम्मान और आलोचना से बहुत ऊपर है पर लोग नहीं भूले स्वामी परमहंस की मृत्यु के कारन। आप सर्वश्रेष्ठ है और बीजेपी का मार्गदर्शन करे उसी में आपका सम्मान है और कीर्ति है बीजेपी का भी भला है. नृत्य अच्छा है पर सड़क पर नहीं। जो लोग कहना नहीं चाहते वो बात बस "विश्वसनीयता" है. चाहे आप कुछ भी कहे परन्तु मेरे हृदय में आदर आपके लिए इस बात का है की आप यदि चाहते तो अटल जी के जगह देश के प्रधानमंत्री होते. परन्तु आपने सजी सजाई प्लेट अटल जी के आगे कर दी उसके लिए आपका अभिनन्दन है. और आपके इस त्याग पर आपका कोटि कोटि सम्मान। परन्तु आज कटुता नहीं कर्मठता का समय है। कृपया आगे बढे !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
बहुत सही बात लिखी है।
ReplyDeleteif u will make announcements on amavasya the same results will come.
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