Tuesday, April 8, 2014

केजरीवाल के थप्पड़ कि गूंज !!!!!!!!!!

लिखने का मन तो नहीं था आज के शुभ दिन रामनवमी पर एक तुच्छ प्राणी के ऊपर। परन्तु आवश्यक लगा तो लिख देते है क्यूंकि लिखना एक राक्षश पर पड़ रहा है। जब एक आदमी ने रावण का मानमर्दन करने को हाथ उठाया तो मुझे लगा कि सच्चाई ने राम का रूप ले लिया। आज एक ऑटो वाले लाली ने वो तड़प कि झलक दिखाई जो केजरीवाल कि दिखावटी क्रांति से पहले कि तड़प थी। लोग मुझ से ही सवाल करते है कि लाखो करोडो के घपले करने वाले अफसर, राजनेता, गुंडों को छोड़कर केजरीवाल को इस कद्र अपराधी क्यूँ बोल रहा हूँ ? ऐसा क्या पाप इस शख्स ने कर दिया जो रावण कि श्रेणी में खड़ा कर दिया। तो मित्रो इस चश्मेबाज केजरी ने वो पाप किया जिसकी कोई क्षमा नहीं एक बार कोंग्रेस एंड कंपनी के घोटाले बाजो को क्षमा मिल सकती है परन्तु इस केजरीवाल को नहीं।  इसने खून किया है उन लाखो अरमानो का जिनकी बदौलत आम आदमी विरोध के स्वर उठाने के सपने बुनता था। देश में आम आदमी होने का सुख समझता था। पिक्चर में अपने हीरो के अंदर इस प्रतिशोध कि ज्वाला का अक्स देखता था। इस केजरीवाल एंड कंपनी ने लाखो लोगो से सत्ता का विरोध करने का सात्विक अधिकार छिना है। यह वो महपाप है जिसने लोगो कि आशा कि भ्रूण हत्या कि है।  

जिन लोगो ने  अज्ञये जी कि साधू और डाकू वाली कहानी पढ़ी है जिसमे डाकू साधू का घोड़ा छीन लेता है और फिर साधू जो बात डाकू को बोलता है बस लाली के थप्पड़ ने उसी भाषा में थोड़े दूसरे तरीके से जवाब दिया है।  
  
आज जब लाली के थप्पड़ कि लाल तपिश गाल पर पड़ी तो आखें बंद कर राजघाट पर उन झूठी आशाओ और सपनो के नकली इंजेक्शन के बारे में भी एक विचार कर लेना चाहिय जो पिछले दो साल से "आप" पार्टी ने देश कि जनता को लगाये।  इस थप्पड़ कि गूंज से एक बात और समझ लेनी चाहिय जो ऑटो वाले ने नहीं बताई कि नेता झूठे आश्वाशन दे तो ठीक है पर उन्ही जैसा दिखने वाला और उन्ही के बीच का अपना सा आदमी भी झूठे आश्वासन दे ! यह आम जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। १०० से ऊपर पार्टियो के वादे ढोह - ढोह कर जनता करहा रही है वो और ज्यादा झेलने के लिए तैयार नहीं है।  इसलिए ये थप्पड़ रसीद किया गया है। 

केजरीवाल यदि आप सुन रहे है तो जान ले कि यह थप्पड़ किसी साजिश या षड्यंत्र का हिस्सा नहीं क्यूंकि यदि ऐसा प्रचार किया जायेगा और जनता को समझाया जायेगा तो अपने को धोखा देना होगा।  लाली भैया ने आपको जो थप्पड़ मारा है वो असल में आप से ही सीखा है आपने ही समझाया था कि किसी को रिश्वत देने से मना मत करो उसको रिश्वत दो और रिकॉर्ड कर लो। तो केजरीवाल जी! इस ऑटो भैया ने पहले माला पहनाई और फिर वोट कि चोट से पहले गाल पर भेंट चढ़ाई।  

श्री मान केजरीवाल आज आप समझ गए तो बहुत बड़ी बात है जो लोग आपको सुनते है वो बाबा रामदेव को और बूढ़े बुजुर्ग अन्ना हजारे को भी समझते है। हो सकता है मीडिया इनके नहीं आपके साथ हो परन्तु भगवान् ने बुद्धि सबको दी है। पहले लोकापल और फिर दिल्ली का ड्रामा लोगो को समझ में आता है।  हमने तो अन्ना हजारे और आपके आंदोलन के बारे में तभी लिख दिया था जब आपको इस बावली जनता ने अपने सर पर बैठा रखा था। वो लिखी बाते आज भी सौ प्रतिशत सत्य है और आज आपको फिर बता देते है जो आपके दोस्त और आपके कथित नारद मुनि टाइप मीडिया आपको २-४ सीट लोकसभा में दे रही हो वो जीरो बटा जीरो है अर्थात शून्य है।  
  
इस थप्पड़ ने उन लोगो को सन्देश दिया है जो जनता को मृत समझते है, मित्रो जनता सो रही है पर मरी नहीं। हमारे जैसे भी इस देश में जिन्दा है कम से कम लोगो के सपने छीनने वालो को समझाने के लिए कि अरे छीन लो सब कुछ क्यूंकि हजारो सालो से भारत तो लुट ही रहा है कभी मुगलो ने लुटा कभी तुर्को ने कही अंग्रेजो ने तो कभी नेताओ ने फिर छला नक्सलिओं ने, कभी समाजवादीओ ने तो कभी बहुजनिओ ने, वाम ने तो जात ने, तो कभी मंदिर के सपने दिखाने वालो ने परन्तु इन क्रूरो ने लूटा जो जनता के हाथ था परन्तु तुमने तो देश कि जनता से उनकी आशाये ही छीन ली , उनके विरोध के अधिकार को हस्यप्रद बना दिया , भावनाओ को खिलौना बना दिया। मित्र आपने जनता से जनता होने का हक़ छिना है। 

और जब मासूमियत से आप यह कहते है कि जनता मुझे भगोड़ा क्यूँ कहती है , थप्पड़ क्यूँ मारती है तो मुझे बड़ी हंसी आती।  तो मित्र उत्तर मैं देता हु कि उन बड़े बड़े नेताओ ने झूठे आश्वासन दिए, सपने दिखाए परन्तु आपने भरोसा तोडा। और इसका पश्चाताप यह ही है कि वापस गाजियाबाद जाओ और प्रेम से जीवन जियो देश को नेता कि जरुरत है नेता के रूप में अभिनेता कि नहीं।  

लिखने को बहुत कुछ है आपके "रामदास "  के बारे में भी जिसको अभी किसी ने छुआ भी नहीं अभी के लिए इतना ही बस अपनी बात समाप्त करता हूँ आपकी गुरु श्री अन्ना हजारे के एक वक्तव्य कि याद दिलाने के बाद कि जब उनसे शरद पवार कि गाल पर थप्पड़ पड़ने पर बोला था "कि बस एक ही ?" तो बाकी ऑटो वाले और जनता आपके इस थप्पड़ पर भी यह ही कहा है "कि बस एक ही ?" 

"जनता माफ़ नहीं करेगी " 

1 comment:

  1. प्रारम्भ में सही लगता था लेकिन थोड़े दिनों बाद ही असलियत सामने आ गयी..

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