Friday, November 25, 2011

कांग्रेस का थप्पड़ "शरद पवार" की गाल पर और पोर्न स्टार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


लोग भी कितने नादान है की कांग्रेस की चाल को समझ भी नहीं पाते और कांग्रेस अपने आप मदमस्त होकर झूमती हुई भारतवासियो की कमर तोडती जा रही है. असल में कांग्रेस के पास इस महंगाई और भ्रष्टाचार पर कहेने को कुछ भी नहीं है. अरे जब चोर चोरी कर रहा है और सरकार भी वोही चला रहा है तो उस से चोरी के बारे में झूटे ब्यान लेकर क्या लाभ वो तो अपना ही लाभ कमाने में लगा है. उसको जनता पंता से मतलब क्या है. अब मुद्दे की बात है की चिताम्बरम को हटाना कांग्रेस की बस का है नहीं, नहीं तो उसको फर्जी तरीके से जीताया ही नहीं जाता. दोस्तों मेरे मित्रो यह लोकतंत्र एक ढकोसला बना दिया गया है यहाँ चुनाव से पहेले ही कुर्सियो का सौदा हो जाता है. एसा कैसा लोकतंत्र है जहाँ पर देश का प्रधानमंत्री चुना ही नहीं जाता और ऐसा एक बार नहीं दो दो बार हुआ है, तो क्या लोकतंत्र में ऐसा होता है? नहीं! फिर देश में शक्तिशाली सत्ता विदेशी के हाथ में है, क्या किसी लोकतंत्र में ऐसा होता है. नहीं! तो दोस्तों इन गुंडों का इलाज थप्पड़ या जूतों से नहीं हो सकता. क्यूंकि यह तो वहीँ के वहीँ खड़े है, बेगेरत को थप्पड़ से भी असर नहीं होता. खैर अब आते है की शरद पवार जी को थप्पड़ पड़ा क्यूँ.  यह तो कांग्रेसी स्टाइल है की लगता कहीं है और गूंजता कही है. एसे ही थोड़े ही ६० साल से देश की छाती पर मूंग दल रही है. असल में शरद पवार जी एक तीसरे मोर्चे की तलाश में थे और उसके नेता भी थे जो लोग कांग्रेस से रुष्ट थे वो सत्ता हथियाना चाहते थे, अब कांग्रेस को यह सब पता था. दूसरा संसद भी नहीं चल रही थी, तीसरा महंगाई पर कांग्रेस का कोई जवाब भी नहीं था, चौथा खुदरा व्यापर में १००% विदेशी निवेश की मंजूरी दिलानी थी. अब यार एसा तो कोई मुद्दा चाहिए जो लोगो का मेहेत्व्पूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाकार नौटंकियो पर लगाया जाये, अब लोग हिन्दू आतंकवाद, बजरंग दल की गुंडागर्दी, अरुशी काण्ड की कहानी इन सब से उकता गई थी, कांग्रेस जिसकी मीडिया लंगोटिया यार है, मददगार है के साथ मिलकर कोई नया नाटक तो खेलना था ही. यह कांग्रेस की पुरानी अदा है. एक थप्पड़ से कई निशाने साधे गए. अरे यार किसी को थप्पड़ ही मारना है तो बहुत से लोग है जिनको पड़ने चाहिए (अब मेरे लिखने से किसी को लग जाता है तो मुझे दोष मत देना, क्यूंकि मेरी मंशा नहीं की कोई पीटे) थे परन्तु चुनाव सिर्फ शरद पवार जी का हुआ, उपरी तौर से तो यह ही लगता है की यह महंगाई का आक्रोश है परन्तु प्रशन यह है की उत्तर भारत में कोई भी शरद पवार की ढंग से जानता भी नहीं, जब लाखो करोडो के घपले बाज को थप्पड़ नहीं पड़ा, देश के चक्रवर्ती सम्राट को थप्पड़ नहीं पड़ा, युवराज और महारानी को थप्पड़ नहीं पड़ा तो फिर एक शरद पवार को क्यूँ पड़ गया. असल में यह थप्पड़ १००% खुदरा व्यापर में निवेश की मंजूरी पर बवाल को छुपाने के लिए सरकारी साजिश है. और वो ही पुरानी कांग्रेसी साजिश (कायर हिन्दुओ का बड़ी सूट करती है) की विपक्ष को "हिंसा" करने का दोष देदो. तो देश का कायर हिन्दू तुरंत हिंसा से अपने को अलग कर लेता है. जैसे की गाँधी को मारने के कैसे में आर एस एस के साथ हुआ, बाबरी ढांचे के गिरने पर बीजेपी के साथ हुआ, और अब कांग्रेस बीजेपी और अन्ना दोनों को एक ही तीर से गिराना चाहती है. अब आप किसी भी आम आदमी से पूछलो इस थप्पड़ की प्रतिक्रिया दो ही जवाब मिलेंगे एक जो अन्ना जी ने दिय "की एक ही लगा क्या" दूसरा "इस देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं" अरे जब लोग भगत सिंह की न सुनकर गाँधी की सुनते है तो कुछ तो इस देश की जनता के डी एन ऐ में भी गड़बड़ है. 
खैर कांग्रेस से अब न कोई महंगाई पूछ रहा है और न ही जमानत पाए बड़ी बड़ी कंपनियो के अधिकारी, अरे भाई इस देश में क्या नहीं हो सकता, कांग्रेस का शरद पवार जी को थप्पड़ एक प्रकार का रियल्टी शो था. अब आप सोचो की तिहाड़ से एक एक कंपनी का अधिकारी निकल रहा है इस २जी केस से तो मीडिया एक एक अधिकारी की रिहाई को तमाशा बना देती, तो हिन्दुस्तान की जनता को कुछ गोली तो देनी थी तो इसबार "थप्पड़ का लाइव शो " दे दिया. वैसे मुश्किल था यह काम को अंजाम देना अन्यथा बजरंग दल, राम सेना, आर एस एस का हिन्दू आतंकवाद बहुत से सीडी  कांग्रेस के पास थी परन्तु संसद चल रही थी और फिर जनता भी कब तक ऊब भरे झूटे शो देखती तो कांग्रेस ने एक और जलवा दिखा दिया. अच्छा कमाल यह है की शरद जी कहे रहे है की थप्पड़ उनको लगा नहीं बल्कि छु कर निकल गया. खैर मेरी पूरी सहानुभूति शरद पवार जी के साथ है परन्तु उनको भी जनता को बेवकूफ नहीं बनाना चाहिए क्यूंकि इसकी गूंज तो सबने सुनी है अगर झेप मिटाने का मामला है तो बात अलग है. परन्तु इस सरकार को अभी और बहुत से जनता विरोधी निर्णय लेने है तो और भी बड़ी नौटंकियो का इन्तजार करो. 
अच्छा इस सरकार ने अब टीवी पर प्रवक्ता भी गुंडे टाइप के बिठा रखे है जो बोलते कम चीखते ज्यादा है, कुरते की बाजु कुछ इस प्रकार से चढाते है जैसे की टीवी में से निकल कर हमें ही मारेंगे. आपको विश्वाश नहीं तो कभी संजय निरुपम, सत्यव्रत चुतर्वेदी, रेणुका चौधरी आदि आदि को एक बार टीवी पर देखलो. भाई और मेरी बहेन कांग्रेसी प्रवक्ता कृपया करके हमें टीवी पर डराओ मत, निरुपम जी हमारा कसूर क्या है? टीवी पर आप एक खलनायक की तरह व्यवहार करते है. कृपया हमें शांति से न्यूज़ देखने दो. 
असल में कांग्रेस ने भी ठान लिया की इस भारत की जनता में भुस भरकर ही रहेगी सो उसने कुछ गुंडे पाल लिए अपनी बात को टीवी पर रखने के लिया. और मीडिया को भी एक बात कह दू की हर राजनेता को एक ही केटागिरी में डालना बंद कर दे जो गुंडे है उनको अपने टीवी चैनल पर बुलाना बंद करदे. 
अब देश में पोर्न स्टार आ चुकी है मनोरंजन करने के लिए क्यूंकि जनता साधारण अभिनिये देख देख का उकता गई है, सो कांग्रेस ने भी अपने बयानों और कृत्यों में हिंसा का पुट डालना शुरू कर दिया. और यदि यह कांग्रेसी ड्रामा है भी नहीं तो जिस हरविंदर को थप्पड़ मारने के जुर्म में सजा दी जा रही है और अन्ना को गांधीगिरी की दुहाई दी जा रही है तो वो जान ले गाँधी ने देश की जनता को सूली पर चढाने की भी इजाजत नहीं दी. देश की जनता की भूख और तड़प वर्तमान है गाँधी भूतकाल है. कब तक गाँधी नाम की मीठी गोलिया देकर देश के जनता का खून चुसोगे अंत तो कभी न कभी होगा ही. 
तो मित्रो आपको वाम दलों और कोंग्रेसिओ ने मिलकर सप्रंग प्रथम सरकार में "भगवा गुंडे" दिखाए थे, फिर कांग्रेस ने एक कदम आगे जाकर आपको "भगवा आतंकवाद" दिखाया, अब कांग्रेस मीडिया की तरह जैसे की वो पोर्न स्टार के रियल्टी शो दिखा रही है वैसे ही "थप्पड़ का रियलिटी शो " दिखा रही है. इस टीवी वालो को कोई भी देश में समझाने वाला नहीं और न ही न्यूज़ चैनलों को. १०-१० साल के बच्चे पूछ रहे है की पापा यह पोर्न स्टार क्या होती है. बताओ मैं क्या जवाब दू की पोर्न स्टार क्या होती है.
वाकई महंगाई से पिंड छुटाने के कांग्रेसी टोटके कमाल है. यह न्यूज़ चैनल वाले वाकई बीके हुए और नंगे है , जस्टिस काटजू ने कुछ भी गलत नहीं कहा, क्या न्यूज़ चैनल बिग बोस रिअलिटी शो की पोर्न स्टार को प्राइम टाइम में दिखा रही है वो क्या नियमो की धज्जिय नहीं उढ़ा रही है. परन्तु इस अंधी बहेरी नपुंसक सरकार में किस के आगे रोए. 
कहाँ है वो पार्टिया और आदमी जो औरत के पल्लू हटने से संस्कृति की दुहाई देती है, वो स्त्री समाज कहाँ है, वो वुमन कमीशन कहाँ है, क्यूँ नहीं इस नंगाई को रोकते या सभी इस अन्नंद से सरोबार है. 
वाकई कांग्रेस सरकार आपके सामने तो जेनरल डायर भी पानी भर रहा है.

5 comments:

  1. "कोंग्रेस का चुनाव चिन्ह है हाथ का
    पंजा जिसे महगाई का थप्पड़ बना कर कोंग्रेस हमारे मुह पर गुजरे कई सालों से
    हर महीने कई बार मारती है अब एक नागरिक ने कोंग्रेस का वही चुनाव चिन्ह
    थप्पड़ सरकार के एक मंत्री के चेहरे पर दे मारा तो यह हाय- तौबा क्यों ?
    इलाहाबाद के झूसी में राहुल को अपने जौहर दिखाने के लिए कोंग्रेस के नेताओं
    ने एक राजनैतिक कार्यकर्ता को जब निर्ममता से पीता था तब यह गांधीवादी
    नैतिकता कहा थी ?

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  2. ek dam theek likha hai..

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  3. लहु में उबाल आ जाता है आपके शब्द पढ़ कर!

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  4. सभी धर्म प्रेमी देश भक्त मित्रों, भाईयों और बहनों को यह सूचित किया जाता है कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह में अग्निवीर एक विशाल शुद्धि कार्यक्रम करने जा रहा है जिसमें सैकड़ों मुसलमान और ईसाई भाइयों बहनों को वापस वैदिक (हिन्दू) धर्म में लाया जाएगा. अपने सदियों से बिछुड़े भाइयों बहनों की घर वापसी की सूचना देते हुए हमें बहुत हर्ष हो रहा है. आप सब से प्रार्थना है कि agniveer.com पर जाकर अधिक सूचना प्राप्त करें और इस मानवता के कल्याणकारक कार्य में तन मन धन से सहयोग करें. ईमेल से अति शीघ्र संपर्क करें vedas@agniveer.com पर. ईश्वर धर्म के इस कार्य को करने में हमें बल सामर्थ्य प्रदान करे, यही प्रार्थना है. कृण्वन्तो विश्वमार्यम् http://agniveer.com/6087/shuddhi/

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  5. Bahut sunder lekh hai ese neto aur dalo se bhagwan hi bachay . Tyagi ji ese hi likte raho badhai.

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